Dangerous Weapons of Indian Navy: ऑपरेशन सिंदूर में भारत की मिसाइल पावर का स्वाद चख चुके पाकिस्तान के लिए एक और स्वदेशी हाइपरसोनिक मिसाइल बनकर तैयार हो रही है. हिंदुस्तान की ये घातक मिसाइल सिर्फ पाकिस्तान ही नहीं बल्कि चीन के लिए भी अंतिम अल्टीमेटम होगी. हाइपरसोनिक K-6 बैलेस्टिक मिसाइल की ताकत समंदर में उतरते ही मिसाइल पावर में हिंदुस्तान दुनिया की पांचवीं महाशक्ति बन जाएगा.
चौथी बड़ी ताकत बनने वाला भारत
हाइपरसोनिक मिसाइल दुनिया में सिर्फ तीन देशों के पास है अमेरिका, रशिया और चाइना और अब हिंदुस्तानी चौथा मुल्क बनने वाले हैं. ऑपरेशन सिंदूर में हिंदुस्तान की मिसाइलों ने ऐसा बारूद बरसाया कि पाकिस्तान का जर्रा जर्रा कांप उठा. भारत के स्कैल्प और ब्रह्मोस ने पाकिस्तानी फौज की बखिया उधेड़ कर रख दीं. इंडियन फोर्स ने पाकिस्तान के जिस हिस्से को चाहा उसे उड़ा दिया. चीन के कबाड़ और पाकिस्तान के गुरूर को मिट्टी में मिला दिया.
जमीन और आसमान से भारतीय मिसाइलों की गरज से तितर बितर हुए पाकिस्तान के लिए अब समंदर से भी बुरी खबर आने वाली है. अब हिंदुस्तान एक और ऐसा ब्रह्मास्त्र तैयार कर रहा है. जिससे पाकिस्तान को दूर चीन जैसे देश को भी डर लगना लाजमी है. हिंदुस्तान के इस नए मिसाइल डेवलपमेंट का नाम है.
DRDO तैयार कर रहा खतरनाक मिसाइलें
चीन और पाकिस्तान लगातार भारत को घेरने की साजिशों में जुटे रहते हैं. ऐसे में नई दिल्ली के लिए समंदर में अपनी ताकत को बढ़ाना जरूरी हो गया है. यही वजह है कि रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन यानी DRDO नेवी की पनडुब्बियों के लिए K-6 हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल डेवलप कर रहा है.
K-6 सबमरीन लॉन्च्ड बैलिस्टिक मिसाइल SLBM है. इसमें ऐसी कई खासियत हैं जो इसे ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल से भी ज्यादा खतरनाक और घातक बनाता है. इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के साथ ही भारत दुनिया में अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस, ब्रिटेन जैसे देशों की श्रेणी में आ जाएगा. K-6 हाइपरसोनिक मिसाइल कन्वेंशनल यानी पारंपरिक के साथ ही न्यूक्लियर वॉरहेड लेजाने में भी कैपेबल होगा. के-6 सबमरीन लॉन्च्ड बैलिस्टिक मिसाइल की यही ताकत पाकिस्तान के लिए खौफ की वजह बन चुकी है.
स्टील्थ फ्रिगेट INS तमाल हो चुका है शामिल
मॉडर्न वॉरफेयर में एयरफोर्स के साथ ही नेवी की भूमिका सबसे ज्यादा अहम है. पिछले कुछ सालों में हिन्द महासागर में चीन अपनी साजिशों को बढ़ा रहा है. चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर के जरिये बीजिंग अरब सागर तक भी अपनी पहुंच बनाने की कोशिश कर रहा है. यही वजह है कि हिंदुस्तान ने जमीन और आसमान के साथ साथ समंदर में भी अपनी पावर को बूस्ट किया है.
हिंदुस्तान INS अरनाला के बाद अब किर्वाक-III क्लास के स्टील्थ फ्रिगेट INS तमाल को 1 जुलाई को नेवी के बेड़े में शामिल किया जा चुका है. इस फ्रिगेट को रूस में बनाया गया है जिसमें 26 फीसदी तक भारतीय इक्विपमेंट का इस्तेमाल किया गया है. अब इसी क्लास के दो एडवांस फ्रिगेट को गोवा शिपयार्ड में डेवलप किया जाएगा. इस प्रोजेक्ट पर कुल मिलाकर 21 हजार करोड़ खर्च होने का अनुमान है.
पाकिस्तान को कुचलकर रख देगा भारत
पाकिस्तानियों को खुद पर कितना भरोसा है ये पिछले 75 सालों में वो कई बार साबित कर चुके हैं. बावजूद इसके पाकिस्तान पंगा लेना नहीं छोड़ता और पहलगाम साजिश के बाद जिस तरह से हिंदुस्तान ने आतंकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया है. उससे साफ है कि आने वाले दिनों में जहरीला पाकिस्तान बदले का फन जरूर फैलाएगा. उस दिन हिंद का ये अचूक ब्रह्मस्त्र पाकिस्तान के फन को पूरी तरह कुचल कर रख देगा.
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