DNA Analysis: अब DNA में जो रिपोर्ट हम आपको बताने जा रहे हैं, उसे ध्यान से पढ़िएगा क्योंकि ये रिपोर्ट हमारे आपके भविष्य से जुड़ी हुई है. ये रिपोर्ट, देश की सुरक्षा से जुड़ी है. रक्षा विशेषज्ञ कहते हैं कि भारत ढाई मोर्चे पर जंग लड़ रहा है. एक मोर्चा चीन का है, दूसरा मोर्चा पाकिस्तान का है और आधा मोर्चा देश के अंदर बैठे भारत विरोधी ताकतों का है. हमलोग इस आधे मोर्चे को आमतौर पर नजरअंदाज कर देते हैं लेकिन आज हम आपको ये बताने जा रहे हैं कि कैसे देश विरोधी ये आधा मोर्चा भारत के लिए बड़ा खतरा बन रहा है. आज जिस बड़े खतरे को लेकर हम आपकी नींद तोड़ना चाहते हैं. वो ये है-
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई से सिर्फ 68 किलोमीटर दूर, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज से सिर्फ 72 किलोमीटर दूर, महाराष्ट्र पुलिस मुख्यायल से सिर्फ 75 किलोमीटर दूर मुंबई में Western Naval Command ऑफिस से 74 किलोमीटर दूर एक गांव को इस्लामिक स्टेट घोषित कर दिया गया. इसका खुलासा हुआ ATS के छापेमारी में.
#DNAWithRahulSinha | मुंबई से सिर्फ 70KM दूर..'इस्लामिक रूल'! भारत में 'शरिया शासन'..आशंका नहीं, सच!
पहले गांव..फिर शहर..फिर पूरा देश?#DNA #ShariaLaw #Maharashtra @RahulSinhaTV pic.twitter.com/q5Hhx1qXr9
— Zee News (@ZeeNews) June 3, 2025
ठाणे के पडघा गांव में महाराष्ट्र ATS ने बैन आतंकी संगठन SIMI से जुड़े रहे साकिब नाचन के ठिकानों पर छापेमारी की. करीब 10 घंटे चले सर्च ऑपरेशन में ATS ने मोबाइल हैंडसेट, तलवार, छुरे, और कट्टरपंथ को बढ़ावा देने वाले आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए.
गजवा-ए-हिंद वाली इंटरनेशनल साजिश!
ये सामान्य खबर नहीं है. इसलिए अब जो हम बताने जा रहे हैं. साकिब की जांच में जो खुलासे हुए हैं वो गजवा-ए-हिंद वाली इंटरनेशनल साजिश की तरफ इशारा करते हैं. जांच में सामने आया है कि साकिब ने ठाणे के अपने गांव पघड़ा को अल शाम यानी इस्लामिक स्टेट घोषित कर दिया था. अल शाम क्या होता है पहले हमारे लिए ये जानना जरूरी है
इस्लामिक शासन वाला क्षेत्र
अल शाम यानी इस्लामिक शासन वाला क्षेत्र. अल शाम में शरिया कानून लागू होगा. ISIS का सरगना बगदादी भी अल शाम बनाना चाहता था. 2011 की जनगणना के मुताबिक पघड़ा में 83 फीसदी मुस्लिम आबादी है. इसलिए साकिब ने गजवा-ए-हिंद का पहला प्रयोग यहीं किया और भारत की जमीन पर एक गांव को अल शाम घोषित कर दिया था. ये साकिब का टेस्टिंग ग्राउंड था.
वो पूरे भारत में इस्लामिक शासन स्थापित करना चाहता था. इसके लिए साकिब इंटरनेशनल कट्टरपंथी नेटवर्क से कनेक्टेड था. इस कट्टरपंथी के इंटरनेशनल नेटवर्क की जानकारी हम आपको विस्तार से देंगे. लेकिन पहले आपको बताते हैं कि साकिब के अल शाम का खाका क्या है इसको समझते हैं.
आतंकी संगठन ISIS
साकिब के अल शाम में तिरंगा नहीं आतंकी संगठन ISIS का झंडा फहराया जाएगा. भारत के संविधान का कानून नहीं शरिया कानून लागू होगा. अपराधियों को सजा देने के लिए कोर्ट नहीं, मजहबी पुलिस और शरिया कोर्ट होगी. बेटियां स्कूल, कॉलेज नहीं जाएंगी. उन्हें बुर्के में कैद रहना होगा इस्लाम नहीं मानने वालों को दूसरे दर्जे का नागरिक माना जाएगा
यहां हम आपको ये भी याद दिलाना चाहेंगे कि अल शाम यानी इस्लामिक शासन में जजिया जैसा टैक्स भी हो सकता है है जो इस्लाम नहीं माननेवालों को देना होता है. औरंगजेब ने वर्ष 1679 में इस्लाम नहीं मानने वालों पर जजिया कर लगाया था. भारत के आजाद ख्याल और सर्वधर्म सद्भाव वाले वातावरण में रहनेवाले साकिब के दिमाग में अल शाम वाला विष कहां से आया. ये समझने और उसकी कट्टरपंथी सोच को डिकोड करने के लिए हमें उसकी ब्रेन मैपिंग की है.
* 1980 के दशक के साकिब अफगानिस्तान में शरिया शासन के लिए कट्टरपंथियों से मिलकर सोवियत संघ के खिलाफ लड़ा.
* 1990 में पाकिस्तान में ट्रेनिंग कैंप लगाकर भारत में शरिया शासन के लिए लड़ाकों को ट्रेंड किया
* साकिब पाकिस्तान की बदनाम खुफिया एजेंसी ISI के K2 यानी कश्मीर, खालिस्तान प्लान में शामिल था.
* 2003 से साकिब प्रतिबंधित आतंकी संगठन SIMI से जुड़ा. SIMI का मकसद भी भारत को अल शाम बनाना था.
* साकिब का कनेक्शन भगोड़े जाकिर नाइक से भी था.
* दिसंबर 2024 में साकिब ने ISIS पर बैन लगाने के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी.
चेचन्या के कट्टरपंथी
साकिब की कट्टरपंथी सोच को ऐसे भी समझ सकते हैं कि उसने अपने बेटे का नाम चेचन्या के कट्टरपंथी आतंकी शमील बसायेव के नाम पर रखा. हम आपको बताना चाहेंगे कि शमील बसायेव 2002 में मॉस्को थिएटर में दर्शकों को बंधक बनाने और 2004 में बेसलान स्कूल नरसंहार का मास्टरमाइंड था. इस आतंकी वारदात में 300 से ज्यादा लोगों की जान गई थी. जहरीली कट्टरपंथी सोच से ग्रसित साकिब ने वर्ष 2002-03 में मुंबई में सीरियल धमाकों की साजिश रची थी. इन धमाकों में कई लोगों की जान गई थी.
जिक्र रूस का हो रहा है तो हम आपको याद दिलाना चाहेंगे घर में छिपे दुश्मन कितने खतरनाक होते हैं इसका सबूत रूसी एयरबेस पर हुए ड्रोन अटैक से समझ सकते हैं. यूक्रेन ने रूस के बॉर्डर छिपकर ड्रोन भेजे और 4 एयरबेस पर अटैक किया. इस अटैक से रूस की सैन्य ताकत को झटका लगा है. यहां हम आपको बताना चाहेंगे कि साकिब के घर पर पिछली बार हुई छापेमारी में 44 ड्रोन मिले थे. सोचिए यूक्रेन ने अब रूस पर ड्रोन वाला अटैक किया है. लेकिन साकिब नचान ने पहले ही अपने घर में 44 ड्रोन छिपाए थे. साबिक की सोच को देखते हुए अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है कि ये ड्रोन किस काम में इस्लेमाल होने वाले थे.
आचार्य चाणक्य के कहा है कि देश की सुरक्षा के लिए, व्यक्ति को देश के प्रति समर्पित रहना चाहिए और देश की रक्षा के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए. एक साकिब की साजिश का बेनकाब हुई है. ऐसे कितने ही साकिब देश के कोने-कोने में बैठक गजवा-ए-हिंद वाली साजिश रच रहे हैं. इसलिए जरूरी है कि हम जागरूक रहें. सतर्क रहें. साकिब जैसे देश के दुश्मनों को पहचाने. और उनकी साजिश को नाकाम करें.
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