Rafle X Guard: भारत ने राफेल लड़ाकू विमान की सिक्योरिटी और मजबूत करने के मकसद से इजरायल के X-Guard सिस्टम की डिलवरी को जल्द करने की मांग की है. भारतीय वायुसेना ने इस सिस्टम का ऑर्डर पहले ही कर दिया था लेकिन वेस्ट एशिया में चल रही जंग और सप्लाई चेन में आ रही दिक्कतों की वजह से इसकी डिलीवरी में देरी देखने को मिल रही है. X Guard सिस्टम दुश्मन की मिसाइलों को विमान से दूर रखने में मददगार साबित होता है.
ऑर्डर किए गए X-Guard सिस्टम इजरायल की डिफेंस कंपनी राफेल एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम्स के जरिए तैयार किया जा रहा है. यह एक ऐसा सिस्टम है जो फाइबर ऑप्टिक से जुड़ा हुआ है टो डिकॉय होता है और इसे विमान के पीछे जोड़ा जाता है. यह सिस्टम विमान के बराबर रेडार सिग्नेचर तैयार करता है और फिर दुश्मन की मिसाइलों को उनके टार्गेट से गुमराह करता है. जिसके बाद वे मिसाइलें असली विमान की जगह इस डिकॉय की तरफ अटैक करने के लिए मुड़ जाती हैं. खतरा टल जाने के बाद इस सिस्टम को वापस खींच लिया जाता है और इसे फिर से इस्तेमाल किया जा सकता है.
वैसे तो यह सिस्टम बहले भी खुद की सटीकता को साबित कर चुका है. इसके अलावा हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी इसने पाकिस्तान के एयर डिफेंस सिस्टम को भी धोखा दिया था. यह सिस्टम इतना खतरनाक है कि इसको लेकर अमेरिका के पूर्व वायुसेना पायलट रयान बोडेनहाइमर ने इसे अब तक का सबसे बेहतरीन स्पूफिंग और डिकॉय तकनीक करार दिया है. साथ ही कहा है कि इस सिस्टम ने इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर के नियमों ही बदल दिए हैं.
भारत इस प्रणाली को तेजी से मंगवाकर अपनी वायुसेना को और अधिक सशक्त बनाना चाहता है. यह न सिर्फ भारत की तकनीकी क्षमता को दर्शाता है बल्कि इजराइल के साथ उसकी गहराती हुई रक्षा साझेदारी को भी जाहिर करता है. फिलहाल भारत के पास 36 राफेल जेट हैं और अप्रैल 2025 में भारत ने फ्रांस के साथ 26 और नेवल वर्जन रफान की डील की है, जिनकी डिलीवरी 2030 तक हो जाएगी.
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