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जम्मू-कश्मीर में गिराई जा रही थी मस्जिद, तभी अचानक हो गया ब्लास्ट; लोगों में पसरी दहशत

Jammu Kashmir News: हंदवाड़ा के गांव में पुरानी मस्जिद को गिराने के दौरान हुए रहस्यमयी विस्फोट से तीन लोग घायल हो गए. पुलिस और सेना ने गहन तलाशी ली और गहन जांच के लिए एफआईआर दर्ज की गई है. 

जम्मू-कश्मीर में गिराई जा रही थी मस्जिद, तभी अचानक हो गया ब्लास्ट; लोगों में पसरी दहशत
Syed Khalid Hussain|Updated: Jun 16, 2025, 07:29 PM IST
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Jammu and Kashmir News: उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के हंदवाड़ा के लंगेट इलाके के कचरी गांव में 100 साल पुरानी मस्जिद कदीम को गिराने के दौरान एक शक्तिशाली रहस्यमयी विस्फोट हुआ. विस्फोट उस समय हुआ जब मजदूर मस्जिद स्थल पर काम कर रहे थे और मलबा हटा रहे थे, जिसमें तीन लोग घायल हो गए, जिनमें से दो की हालत स्थिर है जबकि एक की हालत अभी भी गंभीर है और उसे अग्रिम उपचार के लिए श्रीनगर भेजा गया है.

घायलों की पहचान 26 वर्षीय मुदासिर अहमद मीर निवासी नटनूसा, 65 वर्षीय गुलाम अहमद तांत्रे निवासी कचरी और 10 वर्षीय ओवैस अहमद निवासी हादीपोरा के रूप में हुई है. सभी स्थानीय निवासी थे जो विध्वंस कार्य में शामिल थे. उनका पहले उप-जिला अस्पताल लंगेट में इलाज किया गया, बाद में मुदासिर अहमद मीर को उनकी चोटों की गंभीरता के कारण विशेष उपचार के लिए श्रीनगर भेज दिया गया. विस्फोट से स्थानीय समुदाय में दहशत फैल गई, पिछले 4 दिनों से चल रहे नियमित पुनर्निर्माण कार्य के दौरान अचानक हुए विस्फोट से निवासी डर गए.

मस्जिद एक स्थानीय समिति के प्रबंधन में है, जो विध्वंस और पुनर्निर्माण प्रक्रिया की देखरेख कर रही थी, सभी लोग दहशत में थे. क्षेत्र के लोगों ने कहा कि हमें विस्फोट की प्रकृति का पता नहीं है, हालांकि तीन लोग घायल हो गए और पुलिस और सेना ने क्षेत्र की गहन तलाशी ली. स्थानीय लोगों ने कहा कि यह मस्जिद 100 साल पुरानी है और अब हम इसे तोड़कर नई मस्जिद बना रहे हैं.

स्थानीय लोगों ने कहा गुलाम रसूल (नंबरदार) मैंने सुना कि यहां विस्फोट हुआ है, जब मैंने सुना तो मैंने पुलिस को सूचित किया और फिर मैं यह देखने के लिए वापस आया कि कितने लोग घायल हुए हैं. हम इसे तोड़कर नई मस्जिद बना रहे हैं, यह लगभग 100 साल पुरानी मस्जिद है, मैंने सुना कि तीन लोग घायल हुए हैं, एक की हालत गंभीर है.  इसके अलावा एक व्यक्ति ने कहा कि यह 100 साल पुरानी मस्जिद है, हमें नहीं पता कि मजदूर मलबा इकट्ठा कर रहे थे, विस्फोट हुआ. पुलिस आई, सेना आई, उन्होंने इलाके की तलाशी ली, एसपी आए. यह पुरानी मस्जिद है, हमें इसे नया बनाना है, अब हमने काम रोक दिया है. 

गुलाम अहमद तांत्री (घायल) मैं यहां खड़ा था और देख रहा था कि वे क्या कर रहे हैं, हमने विध्वंस का ठेका दिया था और अचानक विस्फोट हो गया, हमें समझ में नहीं आया कि यह कैसे हुआ, मेरे सिर में चोट लग गई, एक और गिर गया और एक बच्चा घायल हो गया. मुझे नहीं पता कि बाद में पुलिस ने क्या किया, मुझे अस्पताल ले जाया गया. पुलिस ने कैमरे पर बात करने से इनकार कर दिया, लेकिन कहा कि एफ़आईआर दर्ज कर ली गई है और विस्फोट को "रहस्यमय" बताते हुए फिलहाल जांच शुरू कर दी गई है.

प्रक्रिया के दौरान जो "संदिग्ध वस्तु" फटी, वह पुराने जंग लगे ग्रेनेड विस्फोटक की तरह लगती है, हालांकि सटीक कारण जांच का विषय है. क्षेत्र के संघर्ष के इतिहास के बावजूद, कोई भी निश्चित सबूत आतंकवाद की ओर इशारा अबतक नहीं करता है. पुलिस सहित सुरक्षाबलों ने तुरंत इलाके की घेराबंदी कर दी और बड़े पैमाने पर तलाशी ली गई. हंदवाड़ा के पुलिस अधीक्षक ने पुष्टि की कि एक प्राथमिकी (एफ़आईआर) दर्ज की गई थी, और विस्फोट की उत्पत्ति का पता लगाने के लिए एक विस्तृत जांच शुरू की गई थी. सूत्रों ने कहा कि जांच में यह जांचना शामिल है कि क्या विस्फोट अतीत में यहाँ रखा गए अवशिष्ट विस्फोटकों से जुड़ा हो सकता है.

हंदवाड़ा और कुपवाड़ा में पहले भी विस्फोट दर्ज हुए हैं, 2022 में एक सेना शिविर के पास एक रहस्यमय विस्फोट हुआ था, जिसे एक पुराने शेल हुआ था और 2021 में एक आवासीय घर में विस्फोट हुआ था, जो संभवतः एलपीजी सिलेंडर के कारण हुआ था. ये घटनाएं विस्फोटों के प्रति क्षेत्र की संवेदनशीलता को उजागर करती हैं. जांच कर रहे पुलिस के सूत्रों ने कहा कि "ऐसा लगता है कि यह संभवतः यह एक पुराना विस्फोट है पुराना जंग लगा ग्रेनेड जो मस्जिद को ध्वस्त करते समय फट गया.

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