Jammu and Kashmir Weather Update: 2025 में कश्मीर घाटी जलवायु परिवर्तन, शहरीकरण और वनों की कटाई के कारण अभूतपूर्व गर्मी से जूझ रही है. श्रीनगर में 20 वर्षों में सबसे अधिक 35 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया, और रात का तापमान 135 साल के उच्चतम 23 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया.
चल रही गर्मी कश्मीर के इतिहास में दर्ज सबसे तीव्र में से एक है, भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने इसे सामान्य से लगातार 5-8 डिग्री सेल्सियस अधिक तापमान के कारण गंभीर मौसम की घटना के रूप में वर्गीकृत किया है. बढ़ते तापमान ने प्रशासन को पूरे क्षेत्र में मौजूदा हीटवेव की स्थिति के कारण कश्मीर संभाग के सभी स्कूलों को बंद करने की घोषणा करने के लिए मजबूर किया. पूरे केंद्र शासित प्रदेश में 23 जून से 7 जुलाई तक सभी स्कूल बंद कर दिए गए हैं.
श्रीनगर में 135 साल का टूटा रिकॉर्ड
श्रीनगर में आज तापमान 35.2 डिग्री सेल्सियस रहा, जिसमें आर्द्रता का स्तर 65% रहा, जिससे 'महसूस होने वाला' तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच गया. श्रीनगर में रात का न्यूनतम तापमान 23.2 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जिसने 135 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया.
काजीगुंड जैसे अन्य स्थानों पर 35.4 डिग्री सेल्सियस (जून के लिए रिकॉर्ड उच्च) दर्ज किया गया. कोकरनाग: 34.5 डिग्री सेल्सियस पहलगाम: 30.1 डिग्री सेल्सियस कुपवाड़ा: हर जिले में 34.8 डिग्री सेल्सियस यह सामान्य से ऊपर है. आईएमडी ने जून के दौरान घाटी में दिन के तापमान 34-36 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान लगाया है, जिसमें 27-28 जून के आसपास संभावित प्री-मानसून बारिश आने तक कोई खास राहत नहीं मिलने की संभावना है. आर्द्रता में और वृद्धि होने की उम्मीद है.
लू चलने की संभावना
मौसम विभाग के निदेशक मुख्तार अहमद ने कहा, 'आज और कल भी लू जारी रहेगी. आमतौर पर मौसम गर्म और आर्द्र रहेगा, कई जगहों पर लू चलने की संभावना है. मानसून की शुरुआत के साथ ही आर्द्रता के कारण तापमान में वृद्धि हुई है. स्थानीय लोगों के लिए 30-31 डिग्री भी असहनीय होगा. इसलिए तापमान में वृद्धि हो सकती है और कुछ स्थानों पर लू चलने की संभावना है.'
गुलमर्ग, पहलगाम और सोनमर्ग में बढ़ा तापमान
गुलमर्ग, पहलगाम और सोनमर्ग जैसे पर्यटक स्थलों में भी तापमान में भारी वृद्धि देखी गई. पहलगाम में तापमान 24 डिग्री रहा, जबकि गुलमर्ग स्की रिसॉर्ट में तापमान 23 डिग्री रहा. मौसम विभाग ने जून के अंत तक लू चलने की भविष्यवाणी की है, 28 जून को हल्की बारिश हो सकती है. अधिकारियों और प्रशासन ने लोगों को सलाह दी है कि वे खासकर बच्चों और बुजुर्गों को लू चलने की स्थिति में बाहर न निकलें. किसानों को भी सलाह दी गई है कि वे मौसम विभाग के पूर्वानुमान की जांच करने के बाद ही खेती करें.
स्टडी में चौंकाने वाला खुलासा
एक अध्ययन में कहा गया है कि वैश्विक तापमान में वृद्धि के कारण हिमालय में लू की आवृत्ति बढ़ गई है. कश्मीर विश्वविद्यालय द्वारा 2024 में किए गए एक अध्ययन में 1980 के बाद से 1.5 डिग्री सेल्सियस क्षेत्रीय तापमान वृद्धि दर्ज की गई है. श्रीनगर के कंक्रीटीकरण ने शहरी गर्मी के द्वीप बनाए हैं, जहाँ इमारतें गर्मी को अवशोषित कर रही हैं. उपग्रह डेटा के अनुसार, शहर में हरा आवरण 2000 से 2025 तक 12% कम हो गया है. कश्मीर में पीर पंजाल रेंज में 2010 से वन आवरण में 15% की कमी आई है, जिससे शीतलन प्रभाव और नमी प्रतिधारण कम हो गया है.
जम्मू कश्मीर में पिछले 10 वर्षों में बर्फ के आवरण में 18% की कमी आई है, जिससे अधिक गर्मी अवशोषण हुआ है। इस साल भी कश्मीर में बारिश की बड़ी कमी रही। सर्दियों में यह 83% कम रहा, जबकि जून में यह 26% कम बारिश हुई.
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