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विधायकों ने फाड़ीं वक्फ कानून की कॉपियां, जमकर मचा बवाल; जम्मू-कश्मीर विधानसभा में 'महाभारत'

Jammu Kashmir Assembly: जम्मू-कश्मीर की विधानसभा में विधायकों ने वक्फ बिल को लेकर हंगामा किया. विधायकों ने वक्फ कानून के खिलाफ स्थगन प्रस्ताव लाने की मांग की.

विधायकों ने फाड़ीं वक्फ कानून की कॉपियां, जमकर मचा बवाल; जम्मू-कश्मीर विधानसभा में 'महाभारत'
Shruti Kaul |Updated: Apr 07, 2025, 12:19 PM IST
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Waqf Amendment Bill 2025: जम्मू-कश्मीर की विधानसभा में वक्फ बोर्ड को लेकर हंगामा देखने को मिला है. बता दें कि कुछ दिन पहले ही वक्फ बोर्ड संशोधन पारित हुआ है. मुस्लिम समुदाय की ओर इसका विरोध भी किया जा रहा है. वहीं सोमवार 7 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर की विधानसभा में भी इसको लेकर खूब विवाद हुआ. लोग विधानसभा में मोदी सरकार हाई हाई के नारे लगाने लगे. 

विधानसभा में किया हंगामा 
विधानसभा में नेशनल कांफ्रेंस और विपक्ष के विधायकों ने वक्फ कानून के खिलाफ स्थगन प्रस्ताव लाने की मांग की. वहीं स्पीकर द्वारा इसकी इजाजत न दिए जाने पर विधायकों ने स्पीकर के खिलाफ प्रदर्शन शुरु कर दिया. एक ओर जहां भाजपा इसका विरोध कर रही थी तो वहीं दूसरी ओर महबूबा मुफ्ती की पार्टी PDP के विधायक भी इस मुद्दे पर नेशनल कांफ्रेस का साथ देती नजर आई. विधायकों ने विधानसभा में वक्फ बिल की कॉपियों को फाड़ा. 

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स्पीकर का बयान 
वक्फ संशोधन को लेकर विधानसभा में स्पीकर अब्दुल रहीम राथर ने कहा,' मैंने नियम देखे हैं और नियम 58 के मुताबिक कोई भी मामला जो कोर्ट में विचाराधीन हो उसे स्थगन के लिए लाया जा सकता है. क्योंकि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है और मुझे इसकी एक प्रति मिली है इसलिए नियम स्पष्ट रूप से कहता है कि हम स्थगन प्रस्ताव के माध्यम से चर्चा नहीं कर सकते.'

सदन को 15 मिनट के लिए स्थगित किया गया. इसको लेकर खूब हंगामा देखने को मिला. 

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भाजपा नेता ने बताया असंवैधानिक 
संसद में मचे हंगामे को लेकर भाजपा नेता सुनील शर्मा ने कहा कि वक्फ बोर्ड को लेकर नेशनल कांफ्रेस की ओर से स्थगन प्रस्ताव लाने की योजना बनाना बेहद असंवैधानिक कार्य है. संसद की ओर से यह विधेयक पहले ही पारित किया जा चुका है. इतना ही नहीं राष्ट्रपति की ओर से इसे अनुमोदित भी किया गया है. भाजपा नेता ने कहा,' जहां तक हम समझते हैं यह मामला अब न्यायपालिका के अधिकार में है. हिमारी विधानसभा के पास इसपर बात करने या बहस करने का कोई अधिकार नहीं है. ऐसा करना संविधान के खिलाफ माना जाएगा.' 

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