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फिर सुप्रीम कोर्ट जाना होगा...फारूक अब्दुल्ला का अल्टीमेटम, किस बात से खफा हैं जम्मू- कश्मीर के पूर्व सीएम?

Jammu Kashmir News: नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर के लिए राज्य का दर्जा बहाल करने और इजरायल-ईरान के बीच चल रहे संघर्ष को लेकर बड़ी टिप्पणी की है.

 फिर सुप्रीम कोर्ट जाना होगा...फारूक अब्दुल्ला का अल्टीमेटम, किस बात से खफा हैं जम्मू- कश्मीर के पूर्व सीएम?
Syed Khalid Hussain|Updated: Jun 21, 2025, 10:20 PM IST
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Jammu Kashmir News: नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर के लिए राज्य का दर्जा बहाल करने और इजरायल-ईरान के बीच चल रहे संघर्ष को लेकर टिप्पणी की है. इसके अलावा पूर्व सीएम ने मीडिया को संबोधित करते हुए कई महत्वपूर्ण बयान दिए. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर सरकार के गठन को आठ महीने हो चुके हैं ऐसे में उम्मीद जताई कि राज्य का दर्जा बहाल करने से प्रभावी शासन के लिए आवश्यक प्रशासनिक शक्तियां भी मिलेंगी.

उन्होंने चेतावनी दी कि अगर राज्य का दर्जा बहाल करने में अनावश्यक देरी होती है, तो नेशनल कॉन्फ्रेंस के पास अपने संवैधानिक अधिकार के लिए सुप्रीम कोर्ट जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा. अब्दुल्ला ने कहा, "हम एक लोकतांत्रिक और शांतिपूर्ण संघर्ष के लिए प्रतिबद्ध हैं, लेकिन साथ ही, अगर हमारे बुनियादी राजनीतिक अधिकारों से वंचित रहना जारी रहा तो हम चुप नहीं बैठेंगे. उन्होंने संसद और सुप्रीम कोर्ट द्वारा किए गए वादों का हवाला देते हुए इस बात पर भी प्रकाश डाला कि राज्य का दर्जा कोई रियायत नहीं बल्कि एक संवैधानिक अधिकार है. 

मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव के बारे में बात करते हुए, फारूक अब्दुल्ला ने शांति का आह्वान किया और वैश्विक नेताओं से, विशेष रूप से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का उल्लेख करते हुए, संवाद की वकालत करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा, "मैं प्रार्थना करता हूं कि ईश्वर ईरान और इजरायल दोनों को सद्बुद्धि दे. ट्रम्प को शांति के बारे में बात करनी चाहिए. इस संघर्ष को केवल शांति से ही सुलझाया जा सकता है. 

उनकी टिप्पणी तेहरान पर हाल ही में इजरायली हवाई हमलों और इजरायल पर ईरानी मिसाइल हमलों के संदर्भ में आई, जो व्यापक क्षेत्रीय संघर्ष की संभावना के बारे में उनकी चिंता को दर्शाती है. अब्दुल्ला की टिप्पणी उनकी पार्टी की जम्मू और कश्मीर के राज्य के दर्जे की चल रही वकालत और अंतरराष्ट्रीय संघर्षों के कूटनीतिक समाधान के लिए उनके व्यापक आह्वान के अनुरूप दिखी.

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