इजरायल में भारत के राजदूत ने जेपी सिंह ने पाकिस्तान को सख्त संदेश देते हुए कहा कि जब एक पक्ष शांति की बजाए आतंकवाद का रास्ता चुनता है तो फिर सिंधु जल संधि को अब जारी नहीं रखा जा सकता. एक इजरायली न्यूज चैनल से बात करते हुए जेपी सिंह ने कहा,'खून, दोस्ती और पानी एक साथ नहीं बह सकते.' इसके अलावा उन्होंने यह भी मांग की कि जब अमेरिका तहव्वुर राणा को भारत भेज सकता है तो पाकिस्तान हाफिज सईद, मसूद अजहर, जकी-उर-रहमान लखवी और साजिद मीर को क्यों नहीं सौंप सकता?
सिंधु जल संधि को लेकर सिंह ने कहा,'सालों तक हमने पानी बहने दिया, पाकिस्तान ने आतंक फैलने दिया.' सिंह ने 22 अप्रैल के पहलगाम हमले को आखिरी वजह बताते हुए कहा कि ये अब और नहीं चलेगा. हमारे प्रधानमंत्री ने भी साफ कह दिया है कि खून और पानी एक साथ नहीं बह सकता, यह संधि दोस्ती और विश्वास पर आधारित थी, लेकिन पाकिस्तान ने बार-बार इसे तोड़ा.
लंबे समय तक पाकिस्तान में भारत के राजदूत रहने वाले जेपी सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर पर बोलते हुए बताया कि यह एक दो चरणों में चला सैन्य अभियान था. उन्होंने कहा,'अभी सीजफायर कायम है लेकिन ऑपरेशन सिंदूर रुका है, खत्म नहीं हुआ. अब भारत की नीति बदल गई है, हम अब रक्षात्मक नहीं, आक्रामक रणनीति अपनाएंगे. जहां भी आतंकी होंगे वहीं पर हमला होगा.'
पाकिस्तान की दोगली रणनीति पर बोलते हुए कहा कि ,'वे अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग करते हैं लेकिन मुंबई, पठानकोट, पुलवामा जैसे हमलों पर क्या किया? हमने उन्हें सबूत दिए, अमेरिका ने भी दिए, लेकिन आतंकी अब भी खुले घूम रहे हैं.' उन्होंने कहा कि एक वैश्विक आतंकवाद विरोधी गठबंधन की ज़रूरत है. भारत और इजराइल जैसे देशों को साथ आना होगा. आतंकवादियों के साथ-साथ उनके समर्थकों और संरक्षकों के खिलाफ भी सख्त कदम उठाने होंगे.'
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