इसी साल मार्च में जस्टिस यशवंत वर्मा के घर से कैश बरामद होने के मामले की जांच कर रही तीन जजों की कमेटी ने कई बातें बिल्कुल साफ कर दी हैं. जज साहब के असामान्य व्यवहार और बेटी के बदले बयानों पर संदेह जताया गया है. पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट की चीफ जस्टस शील नागू, हिमाचल हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस जीएस संधावालिया और कर्नाटक हाई कोर्ट के जज अनु शिवरामन की कमेटी ने जस्टिस यशवंत वर्मा की बेटी दिव्या वर्मा के बयान और उनकी भूमिका पर सवाल खड़े किए हैं.
जस्टिस वर्मा के दो स्टाफ
कमेटी ने जस्टिम वर्मा के उस दावे को ठुकरा दिया कि उन्हें फंसाने के लिए पूरा एपिसोड सेट किया गया था. रिपोर्ट के मुताबिक कैश वास्तव में जस्टिस वर्मा के स्टोर रूम में ही पाया गया था और उनके दो वफादार स्टाफ राहुल/हनुमान प्रसाद शर्मा और राजिंदर सिंह कार्की ने स्टोर रूम से जले हुए कैश को हटाया था. 15 मार्च 2025 को दमकल टीम और दिल्ली पुलिस अधिकारियों के परिसर छोड़ने के बाद यह सब हुआ था.
10 लोगों ने देखा वो कैश
रिपोर्ट में कहा गया है कि 10 प्रत्यदर्शियों ने जला हुआ कैश देखा था. इलेक्ट्रॉनिक सबूतों जैसे वीडियो रिकॉर्डिंग और फोटोग्राफ से भी इस बात की तस्दीक होती है. इसके बाद जांच कमेटी ने जस्टिस वर्मा की बेटी की भूमिका पर सवाल उठाए हैं.
बेटी की भूमिका पर संदेह क्यों
कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि जस्टिस यशवंत वर्मा की बेटी दिव्या वर्मा ने बचकाना स्पष्टीकरण दिया कि यह वीडियो उनके घर के अलावा किसी दूसरी जगह का, कोई दूसरे कमरे का भी हो सकता है. जस्टिस वर्मा की बेटी ने मौके के वीडियो में उनके स्टाफ मेंबर राजेंद्र सिंह कार्की की आवाज़ को पहचानने से इनकार कर दिया जबकि स्टाफ ने खुद माना है कि इस वीडियो में उनकी आवाज है. जाहिर है कि दिव्या वर्मा कमेटी के सामने तथ्यों को छुपाना चाह रही थीं.
जांच रिपोर्ट में कहा गया कि इसमें कोई दो राय नहीं कि दिव्या वर्मा ने फायर स्टेशन को कॉल करके आग लगने की सूचना दी थी. हालांकि बाद में उन्होंने फायर विभाग को यह सूचना पहुंचाई कि उन्हें आने की जरूरत नहीं है क्योंकि आग बुझ चुकी है.
जस्टिस वर्मा की बेटी ने 7 अप्रैल 2025 को बयान दिया कि उन्हें स्टोर रूम में अधजले कैश की जानकारी 15 मार्च 2025 को तब मिली, जब हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के PPS ने स्टोर रूम का मुआयना किया. हालांकि उन्होंने बाद में इसे पैनिक में दिया बयान करार देते हुए वापस लेने की इजाजत मांगी लेकिन कमेटी ने इसकी इजाज़त नहीं दी.
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