कारगिल युद्ध के नायकों को श्रद्धांजलि देने के उद्देश्य से 'एक्सपीडिशन एलओसी' रैली को श्रीनगर से रवाना किया गया. यह यात्रा भारतीय सेना की चिनार कोर, कश्मीर रोड सेफ्टी फाउंडेशन और नॉर्थस्टार मोटरस्पोर्ट्स की साझेदारी से आयोजित की गई है. यह रैली कारगिल विजय दिवस की 26वीं वर्षगांठ के अवसर पर शुरू की गई है, ताकि 1999 के युद्ध में शहीद हुए जवानों की वीरता और बलिदान को याद किया जा सके.
असल में इस रैली का उद्देश्य कारगिल युद्ध में शहीद हुए 527 जवानों और 1300 से अधिक घायल सैनिकों को सम्मान देना है. साथ ही यह नई पीढ़ी को युद्ध की सच्चाई और सैनिकों की कुर्बानी के बारे में जागरूक करने का माध्यम भी है. इस अभियान के जरिए एकता, देशभक्ति और राष्ट्रीय सुरक्षा के महत्व को रेखांकित किया जा रहा है.
इस रैली को युद्ध में भाग ले चुके ब्रिगेडियर दीपक सज्जनहार ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. उन्होंने कहा कि कारगिल विजय दिवस न सिर्फ़ शहीदों को याद करने का दिन है बल्कि उनके परिवारों के साथ एकजुटता दिखाने का भी प्रतीक है. इस आयोजन में पूर्व सैनिकों, सेना के अधिकारियों, स्थानीय नागरिकों और युवाओं ने बड़ी संख्या में भाग लिया.
रैली में 20 कारें और 3 मोटरसाइकिलें शामिल हुईं. इसमें शामिल लोगों का मानना है कि यह यात्रा लोगों, खासकर युवाओं को देश की रक्षा में सेना की भूमिका और शहीदों के योगदान के बारे में जागरूक करेगी. रिटायर्ड ब्रिगेडियर विक्रम चौहान ने कहा कि जिस तरह से भारत ने कारगिल युद्ध में विजय प्राप्त की, वह हर पीढ़ी के लिए प्रेरणा है.
यात्रा श्रीनगर से शुरू होकर चोकीबल, साधना पास, केरन, माछिल और कलारूस जैसे रणनीतिक इलाकों से होकर गुजरेगी. इस दौरान प्रतिभागी स्थानीय लोगों से संवाद कर उन्हें कारगिल युद्ध की जानकारी देंगे. डॉ. इरयाना शर्मा, जो शहीद मेजर अशोक कुमार शर्मा की बेटी हैं ने कहा कि यह यात्रा शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने का एक सार्थक प्रयास है.
26 जुलाई को हर साल मनाया जाने वाला कारगिल विजय दिवस उस ऐतिहासिक जीत की याद दिलाता है जब भारतीय सेना ने पाकिस्तानी घुसपैठियों से कारगिल की चोटियों को फिर से हासिल किया था. यह रैली उस विजय को समर्पित है और आने वाली पीढ़ियों को यह संदेश देती है कि देश की रक्षा के लिए दिया गया हर बलिदान अमूल्य है और उसे कभी नहीं भुलाया जा सकता.
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