Karnataka Minister Shivanand Patil Resigns : कर्नाटक के नाम पर सियासी नाटक जारी है. यहां दो बड़े नेताओं की कहानी में ऐसा सियासी ट्विस्ट आया जिससे हर कोई हैरान है. बीजापुर के बीजेपी नेता और निष्कासित विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल और कांग्रेस सरकार के कपड़ा, गन्ना विकास और कृषि विपणन मंत्री शिवानंद पाटिल के बीच की तकरार थमने का नाम नहीं ले रही है.
इस्तीफे की वजह क्या है?
यतनाल ने मंत्री शिवानंद पाटिल और विजयानंद कशप्पनवर को चुनौती देते हुए कहा था कि दोनों शुक्रवार तक अपनी विधायकी से इस्तीफा देकर उनके खिलाफ चुनाव लड़ें, नहीं तो वह उनके अस्तित्व को लेकर सवाल उठाएंगे.
इस्तीफे की शर्त भी जानिए
यतनाल ने राज्य के मंत्री पाटिल को उनके खिलाफ बसवाना बागेवाड़ी क्षेत्र से चुनाव लड़ने की चुनौती दी थी. कपड़ा, गन्ना विकास एवं कृषि विपणन विभाग संभाल रहे पाटिल ने हालांकि विधानसभा अध्यक्ष यूटी खादर से अनुरोध किया कि उनका इस्तीफा तभी स्वीकार किया जाए, जब यतनाल का इस्तीफा भी मंजूर कर लिया जाए.
अब क्या करेंगे यतनाल?
कांग्रेस नेता के अचानक इस्तीफे से अब राज्य की सियासत गर्मा गई है. पाटिल के इस्तीफा देने के बाद बाल अब यतनाल के पाले में है. अब देखना होगा कि वो कौन सा जवाबी कदम उठाते हैं.
कर्नाटक सरकार में अंदरखाने क्या चल रहा है?
कर्नाटक के इस नए नाटक से इतर बीजेपी के कुछ अन्य नेता लंबे समय से डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार के अपनी ही सरकार से नाराज होने की बात कह रहे हैं. उनका कहना है कि सीएम सिद्दरमैया गुट के नेता डीके शिवकुमार को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाना चाहते हैं. इस बयान के पीछे ये तर्क दिया जा रहा है कि एक व्यक्ति को एक ही पद मिलना चाहिए. डीके शिवकुमार डिप्टी सीएम के अलावा पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं. मगर अपनी दिल्ली यात्रा के दौरान शिवकुमार ने हाईकमान को स्पष्ट बता दिया है कि वे प्रदेश अध्यक्ष का पद नहीं छोड़ेंगे. सूत्रों के मुताबिक पार्टी हाईकमान ने भी अभी उनका समर्थन किया है.
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