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Kashmir: कश्मीर के ट्यूलिप गार्डन ने रचा इतिहास, 17 दिनों में तोड़े सारे रिकॉर्ड, 6 लाख लोग पहुंचे देखने

Kashmirs Tulip Garden: कश्मीर की खूबसूरत वादियों में एक ऐसा बाग है जिसने इस साल पर्यटन के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. श्रीनगर में स्थित एशिया का सबसे बड़ा ट्यूलिप गार्डन इस समय हर किसी की जुबान पर है.

Kashmir: कश्मीर के ट्यूलिप गार्डन ने रचा इतिहास, 17 दिनों में तोड़े सारे रिकॉर्ड, 6 लाख लोग पहुंचे देखने
Syed Khalid Hussain|Updated: Apr 16, 2025, 01:37 AM IST
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Kashmirs Tulip Garden: कश्मीर की खूबसूरत वादियों में एक ऐसा बाग है जिसने इस साल पर्यटन के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. श्रीनगर में स्थित एशिया का सबसे बड़ा ट्यूलिप गार्डन इस समय हर किसी की जुबान पर है. और वजह भी खास है.. सिर्फ 17 दिनों में 6 लाख से ज्यादा लोग यहां की सैर कर चुके हैं. इस साल ट्यूलिप गार्डन खुलते ही मानो पर्यटकों की बाढ़ आ गई. हर दिन लगभग 50 हजार लोग यहां पहुंच रहे हैं. गार्डन खुलने के पहले 17 दिनों में 6 लाख पर्यटक आ चुके हैं जो अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड है. 2023 में 33 दिनों में जहां कुल 4.46 लाख पर्यटक आए थे. वहीं इस साल सिर्फ पंद्रह दिनों में ही ये आंकड़ा पार हो गया.

76 किस्मों के 17 लाख ट्यूलिप

डल झील और ज़बरवान की पहाड़ियों के बीच स्थित यह ट्यूलिप गार्डन किसी सपने की तरह लगता है. इस साल बगीचे में 76 अलग-अलग किस्मों के 17 लाख से ज्यादा ट्यूलिप लगाए गए हैं. हर रंग, हर आकार के ट्यूलिप इन वादियों को एक रंगीन कालीन में बदल देते हैं. फ्लोरीकल्चर ऑफिसर आसिफ अहमद इटू ने कहा कि इस बार लोगों का प्यार और प्रतिक्रिया देखकर हम बेहद खुश हैं. इतने कम समय में रिकॉर्ड तोड़ पर्यटक आए हैं.. यह कश्मीर के पर्यटन के लिए एक बड़ी बात है.

बगीचे तक पहुंचने से पहले ही लग जाता है जाम

ट्यूलिप गार्डन की लोकप्रियता का आलम यह है कि श्रीनगर की बुलेवार्ड रोड पर हर दिन 3 से 4 किलोमीटर लंबा ट्रैफिक जाम लग रहा है. लेकिन बावजूद इसके लोग बड़ी संख्या में गार्डन तक पहुंच रहे हैं. यह नजारा साफ बताता है कि इस बाग का आकर्षण कितना जबरदस्त है.

जैसे किसी विदेशी देश में आ गए हों

पर्यटकों की प्रतिक्रियाएं भी बेहद उत्साहजनक हैं. पुणे से आए अभिजीत पाटिल कहते हैं कि टीवी पर देखकर इतना अंदाजा नहीं था कि ये जगह इतनी विशाल और सुंदर होगी. यह अनुभव वाकई शानदार है. मैं जरूर दोबारा यहां आऊंगा. मुंबई से आई वर्षा कहती हैं कि कश्मीर को धरती का स्वर्ग कहा जाता है. और यह गार्डन देखकर उस बात पर पूरी तरह विश्वास हो गया. यहां आकर आत्मा को शांति मिलती है.

6 महीने की मेहनत और सैकड़ों हाथों का कमाल

इस गार्डन को तैयार करने में सैकड़ों माली और कर्मचारी दिन-रात लगे रहे. पूरे छह महीने की तैयारी के बाद यह फूलों की दुनिया बन पाई है. हर साल इसमें कुछ नया जोड़ा जाता है ताकि पर्यटकों के लिए यह और भी खास बने. यह गार्डन 2008 में जम्मू-कश्मीर के तत्कालीन मुख्यमंत्री गुलाम नबी आज़ाद द्वारा बनवाया गया था. कुछ साल पहले इस गार्डन को एशिया के सबसे बड़े ट्यूलिप गार्डन के रूप में वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स लंदन में भी दर्ज किया गया था.

कश्मीर की अर्थव्यवस्था का नया इंजन

ट्यूलिप गार्डन न सिर्फ पर्यटकों के लिए सौंदर्य का आकर्षण है बल्कि यह कश्मीर की पर्यटन आधारित अर्थव्यवस्था के लिए भी एक बड़ा सहारा बन गया है. इससे होटल, टैक्सी, रेस्टोरेंट और लोकल हस्तशिल्प व्यापारियों को सीधा फायदा पहुंच रहा है.

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