trendingNow12491314
Hindi News >>देश
Advertisement

खूनेश्वर शिव: ‘खून’ से रंगी चट्टानें.. महाभारत के रक्तपात से जुड़े रहस्यमयी शिव मंदिर की कहानी

Khooneshwar Shiva Temple: जम्मू के खून गांव स्थित रहस्यमयी शिव मंदिर की कहानी से हर कोई वाकिफ नहीं है. जिसे खूनेश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है.

खूनेश्वर शिव: ‘खून’ से रंगी चट्टानें.. महाभारत के रक्तपात से जुड़े रहस्यमयी शिव मंदिर की कहानी
Gunateet Ojha|Updated: Oct 28, 2024, 12:03 AM IST
Share

Khooneshwar Shiva Temple: जम्मू के खून गांव स्थित रहस्यमयी शिव मंदिर की कहानी से हर कोई वाकिफ नहीं है. जिसे खूनेश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है. इस मंदिर का इतिहास महाभारत काल से जुड़ा है, और यहां शिवजी के अद्भुत रूप के साथ जुड़ी कई मान्यताएं और रहस्य आज भी मौजूद हैं. माना जाता है कि भगवान शिव ने इस इलाके को एक गुप्त जलधारा का वरदान दिया, जो यहां के कई गांवों के लिए जीवनदायिनी बनी हुई है. मंदिर के पास से बहने वाली इस जलधारा के किनारों पर मौजूद लाल चट्टानें यहां के रहस्य को और भी गहरा बना देती हैं, जो वर्षों से ज्यों की त्यों बनी हुई हैं.

खूनेश्वर महादेव से जुड़ी मान्यता

खूनेश्वर महादेव से जुड़ी मान्यता है कि महाभारत युद्ध के बाद पांडवों के अश्वमेध यज्ञ के घोड़े को यहां के राजा बिरबू वाहन ने रोका था, जिसके बाद पांडवों के साथ इस गांव में घोर रक्तपात हुआ. उस युद्ध के दौरान इतने खून का बहा कि आज भी यहां के पत्थर लाल रंग के दिखाई देते हैं. स्थानीय लोग मानते हैं कि इन पत्थरों का रंग महाभारत युद्ध में बहे खून का प्रतीक है. खून गांव के निवासियों का मानना है कि उनके गांव का नाम भी इसी ऐतिहासिक घटना से जुड़ा हुआ है.

मंदिर की रहस्यमयी कहानियां

इस मंदिर की रहस्यमयी कहानियों का सिलसिला यहां ही नहीं रुकता. माना जाता है कि युद्ध के बाद इस गांव में कोई जीवित प्राणी नहीं बचा था. किंवदंती के अनुसार, अर्जुन के वध के बाद जब राजा बिरबू वाहन को पता चला कि उन्होंने अपने पिता का वध किया है, तो उन्होंने उन्हें पुनः जीवित करने के लिए पाताल लोक में जाकर शेषनाग की मणि प्राप्त की. वहां से लौटते समय जहां उन्होंने धरती को चीरकर प्रकट किया, वहीं मंसर झील का उद्गम हुआ. यह झील आज भी इस रहस्य को अपने भीतर समेटे हुए है और यहां के लोगों की आस्था का एक प्रमुख केंद्र है.

गर्भगृह में साक्षात शिवलिंग विराजमान

खूनेश्वर मंदिर के गर्भगृह में साक्षात शिवलिंग विराजमान है, जिसके बारे में मान्यता है कि यहां शिवजी ने स्वयं प्रकट होकर क्षेत्र को एक गुप्त जलधारा का वरदान दिया था. यह जलधारा आज गांव की नदी का रूप ले चुकी है, और इसकी चट्टानों पर बनी लाल धब्बे भगवान शिव के इस वरदान की चमत्कारिक गाथा को बयां करते हैं.

नदी के रहस्यमयी पत्थर

स्थानीय लोगों के आग्रह पर पुरातत्व विभाग की टीम जल्द ही इस मंदिर और नदी के रहस्यमयी पत्थरों की जांच करेगी. तब तक खून गांव और खूनेश्वर महादेव से जुड़े रहस्य और मान्यताओं का यह सिलसिला, इस क्षेत्र में शिव के दिव्य रूप की आस्था को प्रबल बनाए हुए है.

Read More
{}{}