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कोलकाता में अब नया बवाल, आरजी कर अस्पताल के 50 सीनियर डॉक्टरों ने इस्तीफा दिया

Kolkata News: राज्य सरकार ने अपनी ओर से कहा है कि वह आंदोलनकारी कनिष्ठ चिकित्सकों से किये गये वादे पर अमल करते हुए सुरक्षा के उपाय तैयार करेगी और इसे नवम्बर के पहले सप्ताह तक जारी करेगी.

कोलकाता में अब नया बवाल, आरजी कर अस्पताल के 50 सीनियर डॉक्टरों ने इस्तीफा दिया
Zee News Desk|Updated: Oct 08, 2024, 10:34 PM IST
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RG Kar Hospital: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल का बवाल रुक नहीं रहा है. इसी बीच अस्पताल के कम से कम 50 चिकित्सकों ने मंगलवार को अपना इस्तीफा दे दिया. इन चिकित्सकों ने बलात्कार एवं हत्याकांड की शिकार प्रशिक्षु महिला चिकित्सक के लिए न्याय की मांग को लेकर पांच अक्टूबर से आमरण अनशन पर बैठे चिकित्सकों के प्रति एकजुटता व्यक्त करते हुए यह कदम उठाया है. अस्पताल से जुड़े सूत्रों ने यह जानकारी दी. 

असल में इस घटनाक्रम के तुरंत बाद, पश्चिम बंगाल के अन्य चिकित्सा महाविद्यालयों के वरिष्ठ चिकित्सकों के एक वर्ग ने कहा कि वे भी एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए इस्तीफा दे सकते हैं. यह घटनाक्रम शहर में सात कनिष्ठ चिकित्सकों द्वारा की जा रही अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल और राज्य के चिकित्सा महाविद्यालयों में उनके साथियों द्वारा एकजुटता प्रदर्शित करते हुए किए जा रहे प्रतीकात्मक 12 घंटे के उपवास के मद्देनजर सामने आया है. 

राज्य-संचालित अस्पतालों के चिकित्सकों के संगठनों में से एक ‘एसोसिएशन ऑफ हेल्थ सर्विसेज डॉक्टर्स’ के प्रतिनिधि डॉ. मानस गुमटा ने कहा, ‘‘अगर सरकार विरोध प्रदर्शन कर रहे कनिष्ठ चिकित्सकों की उचित और प्रासंगिक मांगों पर अपने पैर पीछे खींचती रही, तो हम सरकारी अस्पतालों के सभी वरिष्ठ चिकित्सकों से इस्तीफा देने के लिए राज्यव्यापी आह्वान करने के लिए मजबूर होंगे. यह हमारे कनिष्ठ सहयोगियों के साथ एकजुटता का एक कदम होगा. हम आज दिन खत्म होने से पहले अपने संगठन के भीतर इस पर विस्तार से चर्चा करेंगे.

एजेंसी के मुताबिक राज्य सरकार ने अपनी ओर से कहा है कि वह आंदोलनकारी कनिष्ठ चिकित्सकों से किये गये वादे पर अमल करते हुए सुरक्षा के उपाय तैयार करेगी और इसे नवम्बर के पहले सप्ताह तक जारी करेगी. इन उपायों में केंद्रीकृत बिस्तर प्रबंधन प्रणाली, सीसीटीवी कैमरा और पैनिक बटन लगाया जाना शामिल हैं. 

आमरण अनशन पर बैठे चिकित्सकों की मांगों में राज्य के स्वास्थ्य सचिव को हटाना, मेडिकल कॉलेज परिसरों में नागरिक स्वयंसेवकों के बजाय पुरुष और महिला पुलिसकर्मियों की नियुक्ति, चिकित्सकों, नर्सों और स्वास्थ्यकर्मियों के रिक्त पदों को भरना, छात्र चुनाव कराना और रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन को मान्यता देना, राज्य चिकित्सा परिषद की कथित अनियमितताओं की जांच और 'धमकी देने वाले गिरोह' में शामिल लोगों को दंडित करने के लिए कॉलेज स्तर की जांच समितियों का गठन करना शामिल है. 

सूत्रों ने बताया कि सामूहिक रूप से इस्तीफा देने का निर्णय मंगलवार सुबह सरकारी अस्पताल के विभिन्न विभागों के प्रमुखों की बैठक में लिया गया. एक वरिष्ठ चिकित्सक ने कहा आज विभाग प्रमुखों की बैठक में यह निर्णय लिया गया. हमारे अस्पताल के सभी 50 वरिष्ठ चिकित्सकों ने अपने त्यागपत्र पर हस्ताक्षर कर दिए हैं. यह उन युवा चिकित्सकों के प्रति हमारी एकजुटता को व्यक्त करने के लिए है, जो एक मुद्दे के लिए लड़ रहे हैं.

उन्होंने कहा कि एनआरएस मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक भी आरजी कर अस्पताल के अपने सहकर्मियों का अनुसरण करने पर विचार कर रहे हैं. पश्चिम बंगाल के चिकित्सकों के संयुक्त मंच ने उन कनिष्ठ चिकित्सकों के साथ एकजुटता का संकल्प लिया है, जो बलात्कार-सह-हत्याकांड की शिकार जूनियर चिकित्सक के लिए न्याय तथा ‘‘भ्रष्टाचार-ग्रस्त’’ स्वास्थ्य प्रणाली को समाप्त करने की मांग कर रहे हैं. 

संयुक्त मंच की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि कनिष्ठ चिकित्सक अपनी मांगों को लेकर पिछले चार दिनों से आमरण अनशन पर हैं, लेकिन मुद्दों को हल करने के लिए उपयुक्त प्राधिकारी की ओर से कोई जवाब नहीं मिला है. चिकित्सकों के मंच ने अनशन पर बैठे चिकित्सकों की स्वास्थ्य की स्थिति को लेकर भी चिंता जताई और कहा कि वे परिसर में मुक्त माहौल और रोगी-अनुकूल प्रणाली’’ के लिए लड़ रहे हैं. बयान में कहा गया है, ‘‘इस स्थिति में हम उनके साथ एकजुटता के साथ खड़े हैं. agency input

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