Tombs in Bhopal Hamidia Hospital: लैंड जिहाद को लेकर देशभर में बवाल मचा हुआ है. सड़क से लेकर मंदिरों तक वक्फ बोर्ड अपना दावा पेश कर रहा है. कोने-कोने पर वक्फ बोर्ड अपना हक़ जता रहा है लेकिन इन दलीलों के बीच अब मज़ार का मंज़र भी लोगों के लिए मुसीबत का सबब बन गया है. भोपाल के सबसे बड़े गांधी मेडिकल कॉलेज के परिसर और उसके आसपास मस्जिद को बड़ा रूप दिया जा रहा है और परिसर में धड़ल्ले से मज़ारों की तादाद बढ़ाई जा रही है. जिस पर लोग विरोध जता रहे हैं. पढ़िए जी न्यूज़ की ये ग्राउंड रिपोर्ट.
हमीदिया अस्पताल में मजारों की बाढ़
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल का मशहूर हमीदिया अस्पताल, जहां मज़ार की वजह से मरीज़ों की परेशानी बढ़ी हुई हैं. हमीदिया अस्पताल के नाम से पहचान रखने वाले इस परिसर में मज़ारों की तदाद तेज़ी से बढ़ती जा रही है.
मुस्लिम इलाका होने से बढ़ गई मनमानी!
असल में हमीदिया अस्पताल के आसपास का इलाका मुस्लिम बाहुल्य है, जिसकी वजह से वहां कोई खुलकर विरोध भी नहीं कर पा रहा है. इसी बात का फायदा उठाते हुए अस्पताल परिसर के अंदर मज़ारों की तादाद तेजी से बढ़ाई जा रही है. साथ ही मज़ारों की रंगाई-पुताई के साथ ही वहां लोहे के गेट भी लगाए जा रहे हैं लेकिन मज़ार के खादिम इस बात को कैमरे के सामने भी मानने को तैयार नहीं दिखे.
हर शुक्रवार को नमाज के लिए पहुंचते हैं 5 हजार लोग
मज़ारों की बढ़ती तादाद और अस्पताल परिसर में मौजूद मस्जिद की वजह से वहां डॉक्टरों के साथ मरीज़ों की परेशानियां भी बढ़ गई हैं. बताया जा रहा है कि जुमे की नमाज़ के दिन वहां 5 हज़ार से ज्यादा लोग पहुंचते हैं, जिसकी वजह से अस्पताल में प्रबंधन को संभालना एक बड़ी चुनौती बनती जा रही है.
जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन ने मामले में रिपोर्ट तैयार कर मोर्चा तो खोल दिया लेकिन शिकायत पर कार्रवाई ना होने से उनमें भी नाराज़गी दिखी वहीं डॉक्टरों ने सुरक्षा का सवाल भी खड़ा किया. लैंड जिहाद की इस साज़िश की शिकायत अस्पताल की डीन की तरफ से भी किए जाने की बात सामने आई लेकिन सुरक्षा में सेंध की इस साज़िश के सामने वो भी बेबस नज़र आईं.
अस्पताल परिसर में जगह-जगह बना दी गई मजारें
30 साल पहले अस्पताल के परिसर में जहां धडल्ले से कई मज़ारें बन रही हैं. वहीं मौजूद जर्जर मंदिर मरहम की मांग करता दिख रहा है. जी मीडिया की टीम ने जब पूरे अस्पताल परिसर और उसके आसपास के इलाके की पड़ताल की तो वहां हर कोने में मज़ारें दिखाई दीं, अस्पताल के परिसर में बाहर और इमारत से सटी हुई कई मज़ारें नज़र आईं, साथ ही पार्किंग के एरिया में भी बीचों बीच कई मज़ारें दिखाईं दीं.
अतिक्रमण हटाने में असहाय कैसे हो गई मोहन यादव सरकार?
भोपाल की पहली मस्जिद जिसे ढाई सीढ़ी कहा गया उसके आस-पास भी तेज़ी से मज़ारों का निर्माण हो चुका है. भोपाल में इस समय हालात ये हैं कि जहां जगह मिली वहां चादर डाली और एक मज़ार बना डाली, जो लैंड जिहाद का नेक्स्ट स्टेप माना जा रहा है. इससे निपटने में बीजेपी की मोहन यादव सरकार भी खुद को असहाय पा रही है.
(भोपाल से प्रमोद शर्मा की रिपोर्ट)
Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.