केंद्र की सत्ता पर काबिज दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बीजेपी इस समय चर्चा में है. कारण कि वह अपने नए मुखिया की तलाश में है. संघ और संगठन में मंथन तेज है. कहा जा रहा है कि स्वतंत्रता दिवस के बाद पार्टी अपने 12वें अध्यक्ष के नाम की घोषणा कर सकती है. यह फैसला उन राज्यों में संगठनात्मक चुनाव पूरे होने के बाद लिया जाएगा जहां प्रक्रिया अभी जारी है. मौजूदा अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल जल्द है. पार्टी अब ऐसे नेता की तलाश में है जो संगठन में अनुभवी हो और जिसकी छवि निष्पक्ष हो.
अब तक 11 अध्यक्ष हो चुके
बीजेपी के इतिहास को देखें तो अब तक 11 अध्यक्ष हो चुके हैं. इनमें अटल बिहारी वाजपेयी जैसे नेता से लेकर लालकृष्ण आडवाणी और अमित शाह जैसे रणनीतिकार भी शामिल रहे हैं. आडवाणी तीन बार और राजनाथ सिंह दो बार अध्यक्ष रह चुके हैं. अब चर्चा है कि अगला अध्यक्ष कौन होगा. इस रेस में धर्मेंद्र प्रधान, भूपेंद्र यादव, शिवराज सिंह चौहान जैसे नाम सामने आ रहे हैं. आइए एक-एक करने बीजेपी अध्यक्ष की लिस्ट पर नजर मारते हैं.
1. अटल बिहारी वाजपेयी (1980-1986)
बीजेपी की स्थापना के समय अटल बिहारी वाजपेयी पहले अध्यक्ष बने. वे पार्टी को जनसंघ की कट्टर छवि से बाहर निकालकर एक उदारवादी दल के रूप में पेश करने की कोशिश में रहे. बाद में वे देश के पहले गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री बने जिन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया.
2. लालकृष्ण आडवाणी (1986-1991)
वाजपेयी के बाद 1986 में आडवाणी अध्यक्ष बने. उनके कार्यकाल में बीजेपी की विचारधारा में बड़ा बदलाव आया और राम मंदिर आंदोलन जैसे मुद्दों के साथ पार्टी की छवि अधिक आक्रामक और हिंदुत्व आधारित बनी. आडवाणी की राम रथ यात्रा ने पार्टी को राष्ट्रीय स्तर पर उभार दिया.
3. मुरली मनोहर जोशी (1991-1993)
उस दौर में बीजेपी में अटल-आडवाणी के कद के बाद अगर कोई तीसरा चारा था तो वह मुरली मनोहर जोशी रहे. जोशी ने 1991 में अध्यक्ष पद संभाला. वे आरएसएस से लंबे समय से जुड़े थे और राम जन्मभूमि आंदोलन में भी अग्रणी भूमिका निभाई. उनके कार्यकाल में बीजेपी पहली बार संसद में सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी बनी.
लालकृष्ण आडवाणी (दूसरी बार) (1993-1998)
आडवाणी ने दूसरी बार 1993 में अध्यक्ष पद संभाला. इस दौर में पार्टी ने जबरदस्त राजनीतिक विस्तार किया और 1996 में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. हालांकि वाजपेयी प्रधानमंत्री बने लेकिन संगठन और नीति निर्धारण में आडवाणी की अहम भूमिका रही.
4. कुशाभाऊ ठाकरे (1998-2000)
ठाकरे लंबे समय से आरएसएस से जुड़े थे लेकिन पार्टी के बाहर ज्यादा प्रसिद्ध नहीं थे. उनके कार्यकाल में एनडीए सरकार सत्ता में थी. उन्होंने गठबंधन की राजनीति को ध्यान में रखते हुए हिंदुत्व के मुद्दों को थोड़ा पीछे किया.
5. बंगारू लक्ष्मण (2000-2001)
लक्ष्मण बीजेपी के पहले दलित अध्यक्ष बने. लेकिन 2001 में एक स्टिंग ऑपरेशन में रिश्वत के आरोप में उन्होंने इस्तीफा दे दिया. 2012 में भ्रष्टाचार मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद उन्होंने पार्टी की कार्यकारिणी से भी हटने की घोषणा की.
6. जे कृष्णमूर्ति (2001-2002)
तमिलनाडु के जे. कृष्णमूर्ति ने बंगारू लक्ष्मण के इस्तीफे के बाद कार्यवाहक अध्यक्ष के रूप में पद संभाला और फिर पूर्णकालिक अध्यक्ष बने. लेकिन एक साल बाद ही वे केंद्रीय मंत्री बनाए गए और अध्यक्ष पद छोड़ दिया.
7. वेंकैया नायडू (2002-2004)
बाद में देश के उपराष्ट्रपति बने वेंकैया नायडू आंध्र प्रदेश से आते हैं और 2002 में अध्यक्ष बने. उनकी नियुक्ति को पार्टी के हिंदुत्ववादी गुट की वापसी के रूप में देखा गया. लेकिन 2004 के आम चुनाव में एनडीए की हार के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया.
लालकृष्ण आडवाणी (तीसरी बार) (2004-2005)
उस समय लोकसभा में विपक्ष के नेता के रूप में कार्यरत आडवाणी 2004 में वेंकैया नायडू के इस्तीफे के बाद तीसरी बार बीजेपी अध्यक्ष बने. आडवाणी विपक्ष के नेता के रूप में अपने पद पर बने रहे. 2005 में मुहम्मद अली जिन्ना को एक धर्मनिरपेक्ष नेता बताने पर विवाद होने के बाद आडवाणी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया.
8. राजनाथ सिंह (2005-2009)
राजनाथ सिंह दिसंबर 2005 में आडवाणी के बाद अध्यक्ष बने. वे 2006 में पूरे कार्यकाल के लिए भी चुने गए. यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री रहे राजनाथ ने पार्टी को फिर से हिंदुत्व की दिशा में मोड़ा. 2009 में चुनावी हार के बाद उन्होंने पद छोड़ दिया.
9. नितिन गडकरी (2009-2013)
गडकरी सबसे कम उम्र में अध्यक्ष बनने वाले नेता थे. वे महाराष्ट्र से आते हैं और आरएसएस का मजबूत समर्थन उनके पीछे था. लेकिन वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों के बाद 2013 में उन्हें इस्तीफा देना पड़ा.
राजनाथ सिंह दूसरी बार (2013-2014)
नितिन गडकरी के हटने के बाद राजनाथ सिंह दूसरी बार अध्यक्ष बने. उन्होंने 2014 के आम चुनाव में पार्टी को बड़ी जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई. नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने में भी उन्होंने निर्णायक भूमिका निभाई.
10. अमित शाह (2014-2020)
पीएम मोदी के करीबी अमित शाह 2014 में अध्यक्ष बने और 2016 में दोबारा चुने गए. उनके कार्यकाल में पार्टी ने लगातार चुनावी सफलता हासिल की. संगठन को बूथ स्तर तक मजबूत किया और बीजेपी को कई राज्यों में सत्ता दिलाई.
11. जेपी नड्डा (2020-अब तक)
नड्डा लंबे समय से आरएसएस और बीजेपी से जुड़े हैं. वे हिमाचल प्रदेश से आते हैं और पार्टी की युवा इकाई से होते हुए शीर्ष पद तक पहुंचे. 2019 में उन्हें कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया और 2020 में पूर्ण अध्यक्ष. अब उनका कार्यकाल खत्म हो रहा है और पार्टी 12वें अध्यक्ष की घोषणा की तैयारी में है.
तो नया अध्यक्ष कौन होगा?
अब फिलहाल बीजेपी का फोकस इस बात पर है कि अगला अध्यक्ष कौन बनेगा. पार्टी सूत्रों के अनुसार चार नाम आगे हैं. धर्मेंद्र प्रधान, भूपेंद्र यादव, शिवराज सिंह चौहान और एक अन्य वरिष्ठ नेता जिनमें मनोहर लाल खट्टर हैं. कहा जा रहा है कि इनमें से किसी एक को पार्टी की कमान सौंपी जा सकती है. संघ और बीजेपी के बीच लगातार संवाद चल रहा है. ऐसा भी हो सकता है कि कोई चौंकाने वाला नाम भी सामने आ सकता है.
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