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ऑपरेशन सिंदूर पर कांग्रेस में कश्मकश! वक्ताओं में शशि थरूर और मनीष तिवारी के नाम क्यों नहीं? जानिए वजह

Congress stand on Operation Sindoor: साल 1970 की फिल्म पूरब और पश्चिम के गाने के बोल के साथ मनीष तिवारी ने जो न्यूज आर्टिकल पोस्ट किया था उससे शशि थरूर और मनीष तिवारी को ऑपरेशन सिंदूर के दौरान संसद में कांग्रेस ने वक्ता क्यों नहीं बनाया इसका हिंट मिल गया.

ऑपरेशन सिंदूर पर कांग्रेस में कश्मकश! वक्ताओं में शशि थरूर और मनीष तिवारी के नाम क्यों नहीं? जानिए वजह
Shwetank Ratnamber|Updated: Jul 29, 2025, 10:58 PM IST
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Congress stand on Operation Sindoor: ऑपरेशन सिंदूर को लेकर कांग्रेस के अंदर की सियासत दिख रही है. इसका जिक्र पीएम मोदी ने भी संसद में अपने भाषण के दौरान किया. संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान कांग्रेस के वक्ताओं की लिस्ट में शशि थरूर का नाम नहीं था. इसे लेकर कई अटकलें लगाई गई. हालांकि ये कांग्रेस का विशेषाधिकार है कि वो किसे वक्ता बनाती है. इसी बीच आज कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया.

है प्रीत जहां की रीत सदा
मैं गीत वहां के गाता हूं.
भारत का रहने वाला हूं
भारत की बात सुनाता हूं.

क्या कहना चाहते हैं मनीष तिवारी

साल 1970 की फिल्म पूरब और पश्चिम के गाने के बोल के साथ मनीष तिवारी ने जो न्यूज आर्टिकल पोस्ट किया था उससे शशि थरूर और मनीष तिवारी को ऑपरेशन सिंदूर के दौरान संसद में कांग्रेस ने वक्ता क्यों नहीं बनाया यही बताया गया था.

मनीष तिवारी की पोस्ट पर गौर किजिए. भारत का रहने वाला हूं, भारत की बात सुनाता हूं. तो क्या मनीष तिवारी ये संकेत दे रहे हैं कि वो संसद में भारत की बात करनेवाले थे. यानी पार्टीलाइन से हटकर देशहित की बात करनेवाले थे. इसलिए उन्हें संसद में कांग्रेस की तरफ से वक्ता नहीं बनाया गया. और अगर आपने ध्यान दिया हो तो आज पीएम मोदी ने भी संसद में अपने भाषण की शुरुआत इसी तरह की थी कि वो ऑपरेशन सिंदूर पर भारत की बात करने वाले हैं. अब आप सुनिए अपने सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर मनीष तिवारी ने क्या कहा.

पहले गाना...फिर अंदाज शायराना. गुस्सा, शिकायत दर्ज कराने का मनीष तिवारी का अंदाज भी गौर करने लायक है. यहां हम आपको बताना चाहेंगे कि ऑपरेशन सिंदूर पर सांसदों के 7 प्रतिनिधिमंडल विदेश भेजे गए थे.

मनीष तिवारी 7वें प्रतिनिधिमंडल में शामिल थे. ये प्रतिनिधिमंडल मिस्र, कतर, इथियोपिया और दक्षिण अफ्रीका गया था. इसी प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस नेता आनंद शर्मा भी शामिल थे. शशि थरूर को 5वें प्रतिनिधिमंडल का लीडर बनाया गया था. ये प्रतिनिधिमंडल अमेरिका, पनामा, गुयाना, ब्राजील और कोलंबिया गया था.

सलमान खुर्शीद सांसदों के तीसरे प्रतिनिधिमंडल में शामिल थे. ये डेलीगेशन इंडोनेशिया, मलेशिया, दक्षिण कोरिया, जापान और सिंगापुर गया था
अब आप गौर से सोचिए. ऑपरेशन सिंदूर पर हुई बहस के दौरान कांग्रेस के वक्ताओं की सूची में ये चार नाम नहीं थे.

शशि थरूर, मनीष तिवारी को कांग्रेस ने संसद में चर्चा के दौरान वक्ता नहीं बनाया. जबकी पहले ये नेता अक्सर संसद में कांग्रेस की तरफ से संसद में बहस का हिस्सा होते थे. सलमान खुर्शीद और आनंद शर्मा फिलहाल किसी सदन के सदस्य नहीं है.

आखिर ऐसा क्यों हुआ. क्यों कांग्रेस अपने ही दिग्गज सांसदों से नाराज है. इसकी वजह भी आपको समझाते हैं. विदेश से सांसदों का प्रतिनिधिमंडल जब लौटा तो

शशि थरूर ने कई मौकों पर ऑपरेशन सिंदूर की सैन्य सफलता की सराहना की

थरूर ने कहा कि आतंक के खिलाफ ठोस कार्रवाई की आवश्यकता थी

मनीष तिवारी ने ऑपरेशन सिंदूर को रणनीतिक दृष्टि से सही कदम बताया

उन्होंने कहा कि अगर किसी देश की ज़मीन से आतंकी हमले हो रहे हैं और वह देश उन्हें रोकने में विफल है, तो जवाबी कार्रवाई नैतिक रूप से सही हो सकती है. सलमान खुर्शीद ने कई मौकों पर कहा कि भारत के अस्तित्व को खतरा महसूस हो तो देश को सुरक्षा हितों की रक्षा करने का अधिकार है

सलमान खुर्शीद ने कहा था कि विदेश नीति में राष्ट्रीय हित सर्वोपरि होते हैं.

यानी इन सभी नेताओं ने ऑपरेशन सिंदूर और मोदी सरकार की सराहना की. जबकी कांग्रेस..ऑपरेशन सिंदूर पर सवाल तो नहीं उठा रही थी लेकिन मोदी सरकार पर सवाल उठा रही थी. यानी इन नेताओं का रुख कांग्रेस की पार्टीलाइन से अलग था. शायद इसलिए कांग्रेस ने इन नेताओं को अपने वक्ताओं की लिस्ट से बाहर कर दिया. आज लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान पीएम मोदी ने इसे लेकर कांग्रेस पर तंज भी किया.

चर्चा में ये वाकया

मनीष तिवारी की नाराजगी वाले पोस्ट के बीच मंगलवार को संसद भवन परिसर में एक और तस्वीर दिखी. जब प्रियंका गांधी संसद पहुंची तो मनीष तिवारी संसद के प्रवेश द्वार पर खड़े थे. मनीष तिवारी प्रियंका गांधी से कुछ चर्चा करते हैं, फिर प्रियंका गांधी संसद में चली जाती हैं और मनीष तिवारी बाहर चले जाते हैं. अब आप सोचिए की इन तस्वीरों का क्या मतलब है. वैसे अगर कोई फिल्मकार ये तस्वीरें शूट करता तो इसका मतलब यही होता की अब हमारे रास्ते अलग-अलग हैं.

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