Bhopal Poster News: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में मोहर्रम के मौके पर ईरान के समर्थन में पोस्टर लगाने का मामला सामने आया है. इन पोस्टरों में ईरान के नेताओं की तस्वीरें लगी हैं. आपको बता दें भोपाल रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 6 के पास स्थित ईरानी डेरा में बड़े-बड़े पोस्टर चस्पा किए गए हैं. इसके अलावा, कई जगहों पर शिया समुदाय के प्रभावशाली धार्मिक और सैन्य नेताओं के पोस्टर लगाए गए हैं. इनमें आयतुल्ला अली खामेनेई, अली अल सिस्तानी, जनरल मोहम्मद बाघेरी समेत कई नेताओं की तस्वीरें शामिल हैं.
इतना ही नहीं एक जगह तो आयतुल्ला अली खामेनेई का फोटो तिरंगा के नीचे लगाया गया है. इस पूरे मामले पर फेतहपुर से भोपाल आए ईरानी डेरा के इमाम शाहकार हुसैन का कहना है कि यहां पर हर साल पोस्टर लगाए जाते हैं, लेकिन इस बार मोहर्रम के मौके पर काफी बड़ी तादात में पोस्टर लगाए गए हैं. इसकी एक वजह यह भी है कि ईरान-इजराइल जंग में इजराइल को ईरान ने करारा जवाब दिया है.
किसने की सीजफायर की मांग ?
इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि जो 12 दिन तक ईरान और इजराइल की जंग चली है, उसके लिए खुद इजराइल और अमेरिका ने सीजफायर की मांग की थी. उन्होंने यह भी कहा कि यह सिर्फ ईरान नहीं, इंसाफ पसंद तमाम लोगों की जीत है. इमाम शाहकार हुसैन का कहना है कि आयतुल्ला खामनेई ने खुद कहा कि यह जीत मोहर्रम की देन है. आगे बताया कि हमने इमाम हुसैन से सीखा है कि जुल्म के खिलाफ सिर नहीं झुकाते हैं. मोहर्रम का यही संदेश है, इस बार इसे दुनिया के सामने रखना जरूरी था, कि हक की राह पर चलने वाले कभी हारते नहीं हैं.
भारत का रवैया बिल्कुल सही था
इमाम हुसैन का कहना है कि शहर में जो पोस्टर लगाए गए हैं, वह कोई सेलिब्रेशन नहीं है बल्कि वैचारिक प्रदर्शन है. इसका सीधा मतलब यह है कि अगर इमान हुसैन की राह पर चला जाए, तो बड़ी से बड़ी ताकत को झुकाया जा सकता है. इमाम ने बताया कि इसमें भारत का बैलेंस रवैया रहा है. ईरानी कल्चर हाउस से एक लेटर भी जारी किया है. उसमें भारत की आवाम का शुक्रिया अदा किया गया है. वह साथ में खड़े रहे, भारत का रवैया बिल्कुल सही था, जंग में किसी का फायदा नहीं है, नुकसान ही है. उन्होंने कहा कि जंग रुकवाने की कोशिश भी की गई, लेकिन यूरोपियन देशों का स्टैंड गलत था.
हमारी आस्था में विरोधाभाष नहीं
इसके अलावा, ईरानी डेरे में तिरंगे के साथ भी पोस्टर लगाए हैं, उस पर मोहम्मद अली का कहना है कि हम भारत के ही हैं, यहीं का नमक खाया है. अगर समय आया तो देश के लिए जान देने से पीछे नहीं हटेंगे. हमने इसलिए तिरंगा भी लगाया है ताकि लोग समझें कि हम भारतीय हैं और हमारी आस्था में विरोधाभाष नहीं है. इतना ही नहीं यहां लगे पोस्टर में महात्मा गांधी का एक कथन भी प्रमुखता से छापा गया है, जिसमें लिखा है, कि मोहर्रम सिर्फ एक फेस्टिवल नहीं है. आतंकवाद के खिलाफ एक प्रोटेस्ट है. इन बैनरों के साथ काले झंडे और सबसे ऊपर भारतीय तिरंगा भी लगाया गया है. (रिपोर्टः दीपक द्विवेदी/ भोपाल)
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