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MP में फैटी लिवर बजा रहा खतरे की घंटी! पुरुषों से ज्यादा महिलाएं रेड जोन में, ऐसे पहचानें लक्षण

MP News: ग्लोबल फैटी लिवर डे के मौके पर आज एमपी के कई स्थानों पर हेल्दी लिवर मिशन के तहत कैंप लगाए गए हैं. जांच में सामने आया है कि प्रदेश के अंदर 24% महिलाएं और 19% पुरुष पहले से ही फैटी लिवर के शिकार हो रहे हैं. 

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सांकेतिक फोटो
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Zee News Desk|Updated: Jun 12, 2025, 02:03 PM IST
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Healthy Liver Mission MP: 13 जून को देशभर में ग्लोबल फैटी लिवर डे मनाया जाएगा. ऐसे में एमपी के कई हिस्सों में महिलाओं और पुरुषों की कमर का माप और BMI (बॉडी मास इंडेक्स) की जांच की जा रही है. पूरे एमपी में एक साथ 12,264 हेल्थ सेंटर्स पर डॉक्टरों के साथ-साथ मरीजों और मेडिकल स्टाफ की बॉडी चेकिंग की जा रही है. एमपी में फैटी लिवर मरीजों की संख्या चौंकाने वाली है.
 
एमपी में चल रहा हेल्दी लिवर मिशन
एमपी में चल रहे हेल्दी लिवर मिशन के तहत अब तक लगभग 8.5 लाख लोगों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है. हैरानी की बात यह है कि 19% पुरुषों और 24% महिलाओं पर पहले ही फैटी लिवर का खतरा मंडरा रहा है. कमर का माप और BMI जांच का उद्देश्य यह है कि शरीर में धीरे-धीरे पनप रही नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज अचानक से गंभीर स्थिति पैदा कर सकती है, जो आजकल एक खतरनाक साइलेंट किलर के रूप में उभर रही है. अगर इस स्थिति को अनदेखा किया गया, तो लिवर ट्रांसप्लांट ही आखिरी सहारा बनता है.
 
एमपी में कहां-कहां लगाए गए हैं कैंप
लिवर संबंधी बीमारियों की पहचान और हेल्दी लिवर के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए एमपी के कई स्थानों पर कैंप लगाए गए हैं. इनमें जिला अस्पताल, सिविल अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, उप-स्वास्थ्य केंद्र और पॉली क्लिनिक शामिल हैं. इन कैंपों में लोगों की जांच के साथ-साथ उन्हें सही खानपान और बदलती जीवनशैली के बारे में जागरूक किया जा रहा है.
 
रैली और पोस्टर प्रतियोगिता जैसे आयोजन
कैंप के अलावा, आज एमपी में नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज विषय पर रैली और पोस्टर प्रतियोगिता जैसे आयोजन भी किए जा रहे हैं. इन आयोजनों में दिल्ली से भी कई बड़े डॉक्टर शामिल हो रहे हैं, जो लिवर को स्वस्थ रखने की बारीकियों पर चर्चा करेंगे.
 
जानिए लिवर संबंधी बीमारी के बारे में
बता दें कि साइलेंट किलर के रूप में उभर रही फैटी लिवर दुनिया की सबसे खतरनाक बीमारियों में शामिल है. मोटापा, ऑयली फूड, खून में फैट, अधिक शराब का सेवन, और कोलेस्ट्रॉल में गड़बड़ी की वजह से फैटी लिवर का खतरा बढ़ता जा रहा है. 30 साल से अधिक उम्र के लोगों में फैटी लिवर का खतरा अधिक पाया जाता है. यह बीमारी तीन स्टेज की होती है. पहले दो स्टेज में इलाज संभव है, लेकिन आखिरी स्टेज पर स्थिति गंभीर हो जाती है. फैटी लिवर से बचने के लिए आपको मीठे सामान, अधिक नमक और ऑयली चीजों से परहेज करना होता है. यदि आपकी कमर का माप (पुरुषों में 90 सेंटीमीटर और महिलाओं में 84 सेंटीमीटर से अधिक) है, तो जल्द ही अपनी जांच कराएं.
source: dainik bhaskar
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