Bhopal News In Hindi: सदन में मंगलवार को साइबर फ्रॉड को लेकर जो आंकड़े पेश किए गए, वो बेहद चिंताजनक है. मप्र पुलिस 2021 से 2025 में हुए 1054 करोड़ के फ्रॉड मे से सिर्फ 1 करोड़ 90 लाख रुपए ही वापस दिला पाई. इसपर कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह ने सवाल किया. उन्होंने कहा एक तरफ पीएम मोदी डिजिटल इंडिया की बात करते हैं. मंच से बार बार कहते हैं ऑनलाइन ट्रांजैक्शन कीजिए. लेकिन जो आंकड़े आ रहे हैं, वो बहुत ही गंभीर मुद्दा है. राघौगढ़ से कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह ने कहा मैंने विधानसभा में प्रश्न पूछा था कि 2021 से लेकर 2025 तक कितने साइबर फ्रॉड के मामले आए और उनमें कितने रुपयों की ठगी हुई. इसपर पता चला कि 1054 करोड़ में से मात्र 1 करोड़ 94 लाख रुपए ही वापस आए. उनके इस सवाल पर गृह विभाग ने जो आंकड़े जारी किए थे वो नीचे पढ़िए
MP में हर साल 4 लाख से ज्यादा ECIR दर्ज
1 मई 2021 से लेकर 13 जुलाई 2025 तक मप्र के कई जिलों से साइबर फ्रॉड के मामले दर्ज हुए. इसकी कुल रकम 1054 करोड़ रुपए बताई गई. गृह विभाग के मुताबिक इसमें से 105.21 करोड़ रुपए होल्ड होने की जानकारी भी मिली और एनसीआरपी पोर्टल के मुताबिक 1 करोड़ 94 लाख ठगी के रुपए वापस लौटाए गए.
विधानसभा में दी गई जानकारी के मुताबिक पुलिस विभाग के सीसीटीएनएस के डेटा के अनुसार पिछले 4 सालों में ECIR के दर्ज आंकड़ें बताते हैं कि 2023 के अलावा हर साल 4 लाख से ज्यादा ECIR दर्ज हो रहीं हैं. देखिए ECIR के आंकडे
2020 में 4,28,046 मामले थे
2021 में 4,88,966 मामले थे
2022 में 4,94,426 मामले थे
2023 में 2,48,188 मामले थे
2024-2025 (15 जुलाई तक) कुल 1,82,372 मामले थे
कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह ने उठाया मुद्दा
2020 से लेकर 15 जुलाई 2025 तक 1193 FIR दर्ज हुई थी, जिनमें से करीब 585 मामलों में चालान पेश हुआ और 608 मामले पेंडिंग है. करीब 579 मामलों में जांच चल रही है और 166 मामले निरस्त हो गए थे. इसपर कांग्रेस ने सवाल खड़े किए कि मप्र पुलिस की साइबर विंग ऐसा क्या प्लान बना रही है जिससे आगे मामलों पर नकेल कसी जा सके. बाकि के पैसों की रिकवरी के लिए क्या प्लान है? कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह ने सदन में कहा मेरे पास कई लोग आते हैं, जिनके साथ फ्रॉड हुआ. मुझे लगता है पुलिस की जो गंभीरता होना चाहिए वो नहीं दिखती. मप्र पुलिस के पास साइबर फ्रॉड रोकने के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं है. राज्य सरकार को इस विषय पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए.
सोर्स- भास्कर