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MP Education News: बीच में फंसे 500 से ज्यादा होनहार छात्र, 9वीं में नहीं ले पा रहे एडमिशन, जानें वजह

New Education Policy: मध्य प्रदेश में कई छात्रों का भविष्य अधर में लटका पड़ा है. इसकी मुख्य वजह है कि उन्होंने कम समय में स्कूली पढ़ाई शुरू कर दी थी. लेकिन अब नई शिक्षा नीति उन छात्रों के लिए रोड़ा बनकर सामने आ रही है. आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं.

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 बीच में मंझधार में फंसे MP के होनहार छात्र
बीच में मंझधार में फंसे MP के होनहार छात्र
Manish kushawah|Updated: Jul 08, 2025, 01:36 PM IST
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MP Education News: मध्य प्रदेश के अंदर कई होनहार छात्र हैं, जिन्होंने कम उम्र में ही बाजी मार ली है. लेकिन वही कम उम्र उनके लिए बाधा बन रही है. दरअसल, प्रदेश के अंदर लगभग 500 छात्र ऐसे हैं, जिन्होंने महज 13 साल पूरी होने से पहले 8वीं कक्षा पास कर चुके हैं. लेकिन अब 9वीं क्लास में एडमिशन लेना चाहते हैं, तो नई शिक्षा नीति रोड़ा बनकर सामने आ रही है. इस नीति के अनुसार, 9वीं में दाखिला लेने के लिए कम से कम 13 होना अनिवार्य माना जाता है. यह परेशानी तब सामने आई है, जब उत्कृष्ट छात्रों की प्रवेश परीक्षा के नतीजे आए और कई छात्र ऐसे हैं, जो सफल हो गए हैं, लेकिन उम्र तय सीमा से कम पाई गई है. 

मध्य प्रदेश माध्यमिक्ष शिक्षा मंडल ने 11 जून को प्रदेश के अंदर प्रवेश नीति जारी की थी, जिसमें पहली से लेकर 12वीं तक के छात्रों के लिए लिए न्यूनतम और अधिकतम उम्र तय की गई थी. इसी के आधार पर 9वीं कक्षा में प्रवेश पाने के लिए 13 साल की न्यूनतम उम्र अनिवार्य कर दी गई है. अब कुछ ऐसे बच्चे हैं, जिन्होंने प्रवेश परीक्षा तो पास कर ली है, लेकिन सिर्फ उम्र कम होने के चलते आगे एडमिशन नहीं ले पा रहे हैं. इससे न केवल उनकी पढ़ाई अटक रही है, बल्कि वे राष्ट्रीय मिंस छात्रवृत्ति जैसी कई योजनाओं से भी वंचित हो रहे हैं. यह संकट प्रदेश के कई जिलों में सामने आया है. इनमें से ग्वालियर, मुरैना, रतलाम, नीमच, शहडोल, सतना, झाबुआ और राजगढ़ शामिल बताए जा रहे है, जहां पर एसी दिक्कते आ रही हैं. 

अब माशिमं से अपील 
आपको बता दें कि ये बच्चे ऐसे हैं, जिन्होंने पहले से ही पढ़ाई में तेज थे, तो उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा जल्दी शुरू कर दी थी. लेकिन अब 2024-25 से सत्र से लागू नई शिक्षा नीति से पहले इनका दाखिला हुआ था, तो ऐसी कोई उम्र सीमा लागू नहीं थी. उस समय बच्चों का स्कूल में प्रवेश सिर्फ उनकी समझदारी और स्कूल की सहमति से किया गया था. अब जब वे आठवीं पास कर 12 साल की उम्र में नौंवी में पहुंच रहे हैं, तो उनके सामने सरकारी नियम दीवार बनकर खड़े हो गए हैं. इस वजह से कई स्कूलों के प्राचार्य अब माशिमं से अपील कर रहे हैं कि ऐसे विशेष मामलों में उम्र की समय सीमा में छूट दी जाए.

अब बदलाव नहीं होगा!
इस बीच मंडल की तरफ से कहा गया है कि 9वीं कक्षा में नामांकन 30 सितंबर तक किया जा सकता है और इसके लिए 350 रुपये का शुल्क तय किया गया है. वहीं 10वीं व 12वीं की परीक्षा के आवेदन भी इसी तारीख तक 1200 रुपये के शुल्क के साथ लिए जाएंगे. कक्षाओं के हिसाब से उम्र का निर्धारण भी किया गया है जैसे पहली कक्षा में दाखिले के लिए न्यूनतम 6 वर्ष और अधिकतम साढ़े 7 वर्ष की उम्र जरूरी होगी. अब माशिमं का कहना है कि वह अपने स्तर पर नियम नहीं बदल सकता, क्योंकि ये निर्णय शासन स्तर पर तय हुए हैं. पिछले साल जरूर विशेष छूट दी गई थी, लेकिन इस बार स्थिति साफ नहीं है. (रिपोर्टः दीपक द्विवेदी/ भोपाल)

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