MP Government Jobs: मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) और कर्मचारी चयन मंडल (ESB) के भर्ती नियमों में राज्य सरकार एक बड़ा बदलाव करने जा रही है. अब साल भर में पीएससी की 23 की जगह सिर्फ 10 और ईएसबी की 28 की बजाए केवल 6 परीक्षाएं होंगी. सबसे खास बात यह है कि हर साल एक फिक्स कैलेंडर जारी किया जाएगा, जिसमें किसी भी स्तर पर बदलाव नहीं होगा. यह बदलाव अभ्यर्थियों के लिए सुविधाजनक होगा, क्योंकि अब उन्हें बार-बार परीक्षाएं देने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
अब विभागवार भर्ती की बजाय, पीएससी और ईएसबी की परीक्षाएं श्रेणी और वर्गवार होंगी. जैसे इंजीनियरिंग, कृषि, शिक्षा और प्रशासन के लिए अलग-अलग परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी. इसके बाद, मैरिट के आधार पर वैकेंसी भरी जाएगी. इससे उम्मीदवारों को बार-बार फॉर्म भरने और अलग-अलग विभागों में परीक्षा देने से छुटकारा मिलेगा. साथ ही, चयन के बाद एक बार नौकरी मिल जाने के बाद, बार-बार नौकरी बदलने की आवश्यकता भी नहीं होगी.
वेटिंग का चक्कर खत्म
सामान्य प्रशासन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, अब हर विभाग के लिए एक ही भर्ती नियम लागू होगा, जिससे प्रक्रिया सरल और पारदर्शी होगी. यह बदलाव संसाधनों की बचत करेगा और भर्ती प्रक्रिया को तेज बनाएगा. सरकार का मानना है कि कम परीक्षाओं और बेहतर मॉनिटरिंग से चयन प्रक्रिया अधिक प्रभावी होगी. इसके अलावा, चयन के बाद दो साल तक वेटिंग लिस्ट का चक्कर भी खत्म हो जाएगा.
पारदर्शिता भी बढ़ेगी
बताया गया है कि सरकार ने भर्ती प्रक्रिया में फर्जी अभ्यर्थियों को रोकने के लिए भी सख्त कदम उठाए हैं. अब परीक्षा के दौरान अभ्यर्थी से आधार कार्ड, फोटो, अंकसूची और अन्य दस्तावेज के साथ अंगूठे का निशान लिया जाएगा. इन दस्तावेजों में कोई बदलाव नहीं किया जा सकेगा और यदि इनमें कोई बदलाव हुआ तो नौकरी से निकाल दिया जाएगा. यह कदम भर्ती प्रक्रिया को अधिक सुरक्षित और पारदर्शी बनाने के लिए है.
कब होगा नियम लागू?
आपको बता दें कि इस नए नियम को कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद जल्द ही लागू किया जा सकता है. सरकार की योजना है कि सितंबर 2025 तक 2026 के भर्ती कैलेंडर को जारी किया जाए. इससे भर्ती प्रक्रिया में सुधार आएगा और उम्मीदवारों को पारदर्शिता और सुविधा मिलेगी.
ऐसी होगी पूरी प्रक्रिया
1. MPPSC की 10 परीक्षाओं को श्रेणियों (इंजीनियरिंग, एडमिनिस्ट्रेशन, एजुकेशन) में बांटा जाएगा, चयनित व्यक्ति को हर भर्ती में वरीयता मिलेगी और फार्म भरते समय च्वाइस ली जाएगी.
2. ESB में सभी श्रेणियों को 6 वर्गों में बांटा जाएगा, च्वाइस लेने से बार-बार परीक्षा देने की जरूरत नहीं होगी.
3. मैरिट के हिसाब से नियुक्ति होगी, वेटिंग पीरियड खत्म होगा.
4. एक बार भर्ती का कैलेंडर जारी हो गया तो उसमें कोई बदलाव नहीं किया जाएगा.
5. इंटरव्यू में एक पद के लिए 3 उम्मीदवार बुलाए जाएंगे, अनावश्यक भीड़ नहीं होगी.
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