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MP के अतिथि शिक्षक ध्यान दें: मोबाइल ऐप से नहीं लगी अटेंडेंस, कटेगा वेतन, पढ़िए खबर

MP Atithi Shikshak: मध्य प्रदेश के स्कूलों में अतिथि शिक्षकों को ई-अटेंडेंस की व्यवस्था की गई है, लेकिन यह व्यवस्था फेल नजर आ रही है. ऐसे में अब मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग ने सख्त कदम उठाया है.

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मध्य प्रदेश के अतिथि शिक्षकों के लिए जरूरी खबर
मध्य प्रदेश के अतिथि शिक्षकों के लिए जरूरी खबर
Arpit Pandey|Updated: Jul 17, 2025, 05:30 PM IST
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MP Guest Teachers: मध्य प्रदेश में अतिथि शिक्षकों के लिए शुरू की गई ई-अटेंडेंस व्यवस्था को लेकर एमपी स्कूल शिक्षा विभाग ने बड़ा कदम उठाया है. जिसमें यह निर्देश जारी किया गया है कि 18 जुलाई से जो अतिथि शिक्षक ई-अटेंडेंस मोबाइल एप से नहीं लगाएंगे उन्हें स्कूल से गैरहाजिर माना जाएगा और वेतन काटा जाएगा, यानि उस दिन का वेतन नहीं बनेगा. बता दें कि गेस्ट टीचर्स के लिए ई-अटेंडेंस व्यवस्था जुलाई के महीने में शुरू की गई थी. लेकिन 15 दिन में ही यह व्यवस्था पटरी से उतरती नजर आई थी. क्योंकि ज्यादातर अतिथि शिक्षक ई-अटेंडेंस नहीं लगा रहे थे, इसलिए अब स्कूल शिक्षा विभाग ने सख्ती बरतने के निर्देश दिए हैं और सभी जिलों में अतिथि शिक्षकों की ई-अटेंडेंस की रिपोर्ट जारी करने के निर्देश दिए गए हैं, जबकि सख्ती से इन आदेशों का पालन करने की बात भी कही गई है. 
 
एमपी स्कूल शिक्षा विभाग ने बनाया एप 

मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग ने स्कूल शिक्षण सत्र 2025-26 की शुरुआत होने पर अतिथि शिक्षकों के लिए ई-अटेंडेंस की व्यवस्था करते हुए मोबाइल ऐप बनाया था, जिसे 'हमारे शिक्षक' नाम दिया गया है. इस पर अतिथि शिक्षकों को ई-अटेंडेंस लगाना अनिवार्य किया गया है. यह निर्देश सभी जिलों के जिला शिक्षा अधिकारी को भी जारी कर दिए गए थे. यानि अगर किसी अतिथि शिक्षक ने यह अटेंडेंस नहीं लगाई तो उसकी उपस्थिति स्कूल में नहीं मानी जाएगी. लेकिन यह व्यवस्था लागू होने के बाद भी कई स्कूलों में अतिथि शिक्षक इसका पालन नहीं कर रहे थे, आंकड़ों के मुताबिक करीब 80 प्रतिशत अतिथि शिक्षकों ने ई-अटेंडेंस दर्ज नहीं की थी. जिसे स्कूल शिक्षा विभाग ने निराशाजनक माना. इसलिए आदेश जारी किया गया है कि 18 जुलाई से अगर ई-अटेंडेंस नहीं लगाई गई तो वेतन में कटौती होगी. 

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अतिथि शिक्षक संघ भी एक्टिव 

वहीं इस मामले में अतिथि शिक्षक संघ भी एक्टिव हो गया है. संघ का कहना है कि जब तक शिक्षकों के लिए अवकाश की व्यवस्था नहीं की जाती है तब तक ई-अटेंडेंस नहीं लगाई जाएगी. संघ का कहना है कि पिछले 17 सालों में अतिथि शिक्षकों को अवकाश की सुविधा नहीं मिली है. जबकि प्रदेश के महाविद्यालयों में अतिथि विद्वानों के लिए यह सुविधा उपलब्ध है. अतिथि शिक्षकों को ज्यादा कुछ नहीं मिलता है. कई अतिथि शिक्षकों का मानदेय भी सिर्फ 10 हजार रुपए ही है. कई शिक्षकों के पास स्मार्टफोन तक नहीं हैं, ऐसे में वह ई-अटेंडेंस कैसे लगाएं यह समझना होगा. 

इस मामले में अतिथि शिक्षक संघ ने गुरुवार को प्रदेश के सभी जिलों में ज्ञापन सौंपने की योजना बनाई है. संगठन का कहना है कि जब तक अतिथि शिक्षकों को सम्मानजनक सुविधाएं नहीं दी जाती हैं तब तक वह तकनीकी व्यवस्थाओं का विरोध करेंगे. बता दें जुलाई से शैक्षाणिक सत्र शुरू हो गया है, जिसमें 1 जुलाई से ही अतिथि शिक्षकों के लिए ई-अटेंडेंस की व्यवस्था लागू की गई है.

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