trendingNow/india/madhya-pradesh-chhattisgarh/madhyapradesh12873507
Home >>भोपाल

National e-Governance Award: एमपी का संपदा 2.0 सॉफ्टवेयर देश में बना नंबर वन, मिला गोल्ड अवॉर्ड

MP Land Registration Online: मध्यप्रदेश के ‘संपदा 2.0’ को राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस स्वर्ण पुरस्कार से .सम्मानित किया गया है. यह डिजिटल रजिस्ट्री सिस्टम जमीन और संपत्ति के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन में देशभर में सबसे आगे है, जिससे आम लोगों को तेज और पारदर्शी सेवा मिल रही है.

Advertisement
एमपी का संपदा 2.0 सॉफ्टवेयर देश में नंबर वन
एमपी का संपदा 2.0 सॉफ्टवेयर देश में नंबर वन
Manish kushawah|Updated: Aug 09, 2025, 11:22 AM IST
Share

MP Sampada 2.0 Software: मध्यप्रदेश को डिजिटल भूमि प्रबंधन के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि मिली है. ई-पंजीयन के लिए शुरू किए गए संपदा 2.0 सॉफ्टवेयर को वर्ष 2025 का राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस पुरस्कार स्वर्ण श्रेणी में मिला है. यह अवॉर्ड भारत सरकार के प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग ने घोषित किया है. खास बात यह है कि यह सम्मान 28वें नेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन ई-गवर्नेंस में दिया जाएगा. तीन-स्तरीय प्रक्रिया में वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी, ग्रामीण क्षेत्रों के दौरे और पुष्टिकरण के बाद यह उपलब्धि तय हुई.

वहीं सीएम डॉ. मोहन यादव ने इस सफलता पर प्रदेशवासियों, वाणिज्यिक कर विभाग, महानिरीक्षक पंजीयन और परियोजना से जुड़े सभी कर्मचारियों को बधाई दी. उन्होंने कहा कि संपदा 2.0 ने मध्यप्रदेश को देश में डिजिटल भूमि प्रबंधन के मामले में अग्रणी बना दिया है. उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने भी इसे ऐतिहासिक पहल बताते हुए कहा कि यह तकनीक ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के लिए बेहद फायदेमंद है. प्रमुख सचिव वाणिज्यिक कर अमित राठौर ने टीम की मेहनत की सराहना की.

फेसलेस पंजीयन सुविधा 
संपदा 2.0 के जरिए अब 140 प्रकार के दस्तावेजों में से 75 दस्तावेजों की रजिस्ट्री के लिए लोगों को सब-रजिस्ट्रार ऑफिस आने की जरूरत नहीं है. वीडियो केवाईसी के माध्यम से फेसलेस पंजीयन की सुविधा दी गई है. इस सॉफ्टवेयर में जीआईएस तकनीक समेत कई आधुनिक डिजिटल फीचर्स जोड़े गए हैं. कोई भी व्यक्ति कहीं से भी, कभी भी ई-स्टांप प्राप्त कर सकता है और मोबाइल ऐप पर तुरंत किसी भी क्षेत्र की गाइडलाइन दरें देख सकता है.

पंजीयन प्रक्रिया हाईटेक
पंजीयन की प्रक्रिया को भी पूरी तरह हाईटेक बना दिया गया है. पक्षकारों और संपत्ति की पहचान आधार ई-ओथ और ई-केवाईसी से होती है. संपत्ति का विवरण संबंधित विभाग से सीधे लिंक हो जाता है. दस्तावेजों पर ई-साइन या डिजिटल साइन से हस्ताक्षर किए जाते हैं और पंजीयन पूर्ण होते ही दस्तावेज ईमेल और व्हाट्सऐप पर तुरंत भेज दिए जाते हैं. इस तरह अब जमीन-जायदाद के लेन-देन में समय, पैसा और मेहनत तीनों की बचत होगी, साथ ही पारदर्शिता भी बढ़ेगी.

ये भी पढ़ेंः Vande Bharat Express Train: अब भोपाल से यूपी-बिहार की दूरी होगी कम! इस महीने से दौड़ेगी वंदे भारत हाईस्पीड ट्रेन

 

मध्य प्रदेश नवीनतम अपडेट्स के लिए ज़ी न्यूज़ से जुड़े रहें! यहां पढ़ें MP Breaking News in Hindi हर पल की जानकारी। आपके जिले Bhopal की हर खबर सबसे पहले आपके पास, क्योंकि हम रखते हैं आपको हर पल के लिए तैयार। जुड़े रहें हमारे साथ और बने रहें अपडेटेड!

Read More
{}{}