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बिलासपुर-रायपुर रोड पर यहां प्लाट लेने से पहले हो जाएं सावधान, सरकार जब्त करेगी जमीन!

Bilaspur News: रायपुर-बिलासपुर रोड पर सेक्टर डी के पास अवैध प्लाटिंग की जा रही थी. इसकी जानकारी मिलने के बाद कलेक्टर ने जांच के निर्देश दिए हैं. अगर सही पाया जाता है, तो नगर निमग एक्शन लेते हुए इन जमीनों को जब्त करेगा.

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बिलासपुर-रायपुर रोड पर यहां प्लाट लेने से पहले हो जाएं सावधान, सरकार जब्त करेगी जमीन!
Shubham Kumar Tiwari|Updated: Aug 07, 2025, 11:31 AM IST
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Bilaspur Illegal Plotting News: अगर आप छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में अपने सपनों का घर बनाना चाह रहे हैं और इसके लिए प्लाट लेने की सोच रहे हैं तो यह आपके लिए जरुरी खबर है. क्योंकि, यहां बिल्डर कुछ ऐसी जगहों पर कॉलोनी बनाने की बात कहकर प्लाटिंग कर रहे हैं, जिसकी मान्यता 2008 में रत्त हो चुकी है. 

दरअसल, बिलासपुर में अवैध कॉलोनियों को लेकर प्रशासन सख्त है. बिलासपुर के सेक्टर डी के पास बनाई जा रही कॉलोनी की अनुमति पहले ही रद्द हो चुकी है, फिर भी यहां प्लाटिंग कर बेचने की शिकायत की गई है, इसके बाद कलेक्टर ने जांच के आदेश दिए हैं. साथ ही 10 सदस्यीय कमेटी बनाई गई है. शिकायत सही मिलने पर कॉलोनी का अधिग्रहण किया जा सकता है.

अवैध कॉलोनी और प्लॉटिंग की जांच
बता दें कि बिलासपुर-रायपुर रोड पर सेक्टर डी के पास मंडपम भवन के बाजू में अवैध कॉलोनी और प्लॉटिंग की जांच होगी. कलेक्टर संजय अग्रवाल ने इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए 10 सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है. शिकायत सही पाए जाने पर छत्तीसगढ़ नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 292 (ग) और 292 (च) के तहत नगर निगम कॉलोनी की जमीन का अधिग्रहण कर सकता है. साथ ही भूखंडों का कोई भी अंतरण या उसका करार शून्य घोषित किया जा सकता है और संबंधित बिल्डर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है.

जानिए पूरा मामला
कॉलोनाइजर शैलेंद्र जायसवाल ने अपने परिजनों के नाम पर ग्राम तिफरा के कई खसरा नंबरों में फैली करीब 19.35 एकड़ जमीन पर कॉलोनी विकसित करने के लिए 2003 में विकास अनुज्ञा प्राप्त किया था. 2006 में उन्हें कॉलोनी विकास की भी अनुमति मिल गई थी. लेकिन 2008 में तत्कालीन अतिरिक्त कलेक्टर ने अनुमति और विकास अनुज्ञा को रद्द कर दिया. बिल्डर ने इस फैसले के खिलाफ अपील की, लेकिन आयुक्त ने अतिरिक्त कलेक्टर के आदेश को वैध ठहराते हुए अपील को खारिज कर दिया.

इसके बाद भी शैलेंद्र जायसवाल और उनके परिजनों द्वारा अवैध रूप से जमीन की टुकड़ों में प्लॉटिंग कर बिक्री की शिकायतें मिल रही थीं, जिसके बाद यह कार्रवाई शुरू हुई. अनुमति रद्द होने के बावजूद टुकड़ों में जमीन बेचने का गंभीर आरोप लगाया गया है. यह छत्तीसगढ़ कॉलोनाइजर रजिस्ट्रेशन नियम 2013 और नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 के नियमों का उल्लंघन है. इसे देखते हुए कलेक्टर ने जांच समिति गठित कर पूरे मामले की रिपोर्ट जल्द सौंपने के निर्देश दिए हैं.

रिपोर्ट शैलेंद्र सिंह ठाकुर, जी मीडिया, बिलासपुर

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