Naxalite Arms Factory in Bastar: छत्तीसगढ़ के बस्तर में सुरक्षाबलों ने नक्सलियों की एक बड़ी और चौंकाने वाली साजिश का खुलासा किया है. यहां के नक्सली अब सिर्फ देसी कट्टे नहीं, बल्कि कम लागत में घातक स्नाइपर गन और बिग साइज बैरल ग्रेनेड लॉन्चर (BGL) जैसे आधुनिक हथियार भी बना रहे हैं. कर्रेगुट्टा में हुई हालिया मुठभेड़ के बाद सुरक्षाबलों ने नक्सलियों की 4 फैक्टरियों को नष्ट किया है, जहां से ये हथियार बरामद किए गए हैं.
कम लागत में घातक स्नाइपर
जानकारी के अनुसार, नक्सली महज 20 से 25 हजार रुपये में एक स्नाइपर गन तैयार कर रहे हैं, जो 400 से 500 मीटर तक निशाना साध सकती है. बीते साल टेकलगुडेम में हुए हमले में इसी तरह की गन का इस्तेमाल किया गया था, जिसमें 3 जवान शहीद हो गए थे. सीआरपीएफ के डीजी जीपी सिंह ने भी 14 मई को बीजापुर में इस 'मेगा स्नाइपर' की बरामदगी की पुष्टि की. यही नहीं सबसे खास बात यह है कि नक्सली इन स्नाइपरों के लिए गोलियां भी खुद ही बनाते हैं.
जानिए कितनी है बीजीएल की मारक क्षमता
यही नहीं स्नाइपर के अलावा, नक्सलियों ने बड़े आकार के BGL बनाने शुरू कर दिए हैं. इनकी मारक क्षमता इतनी है कि एक मकान को पूरी तरह ध्वस्त कर सकते हैं और मैदानी इलाके में 50 से 60 मीटर के दायरे को अपनी चपेट में ले सकते हैं. सीआरपीएफ डीजी के मुताबिक, कैंपों पर हुए अधिकांश हमलों में BGL का ही इस्तेमाल हुआ है.
450 से ज्यादा IED बरामद
इसके साथ ही, नक्सली IED (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) बनाने में भी बेहद उन्नत हो चुके हैं. टिफिन बम, प्रेशर कुकर बम, पाइप बम के अलावा वे अब बीयर की बोतलों से भी IED बना रहे हैं. मोटरसाइकिल और कार के रिमोट से कमांड IED का इस्तेमाल जवानों को निशाना बनाने के लिए लगातार किया जा रहा है. कर्रेगुट्टा पहाड़ के पास से 450 से ज्यादा IED बरामद किए गए हैं, जो कहीं ना कहीं सुरक्षाबलों पर घातक हमले के लिए बनाए गए थे.
हथियार फैक्ट्री का राज
नक्सलियों की इन हथियार फैक्टरियों में लेथ मशीन सबसे महत्वपूर्ण उपकरण है. सबसे खास बात यह है कि लेथ मशीन बाजार में 4-5 लाख रुपये में आसानी से मिल जाती है और इसका इस्तेमाल पाइपों को सटीक आकार में काटने के लिए किया जाता है. सुरक्षाबलों ने अपने ऑपरेशन के दौरान कर्रेगुट्टा से चार लेथ मशीनें नष्ट की हैं
हथियार बनाने के लिए स्पेशल ट्रेनिंग
जानकारी के मुताबिक, IED बनाने का प्रशिक्षण तो लगभग हर नक्सली को दिया जाता है. लेकिन अब नक्सलियों की हथियार बनाने की भी स्पेशल ट्रेनिंग दी जा रही है. नक्सलियों के अलग-अलग ट्रेनिंग सेंटर में टेक्निकल टीम के सदस्य 3 से 4 लोगों को हथियार बनाने का प्रशिक्षण दिए गए. इसका प्रमाण दंतेवाड़ा पुलिस द्वारा मारी गई इनामी महिला नक्सली रेणुका के पास से हथियार बनाने की विधि और मैनुअल वाली किताबों में मिला था. इन किताबों को नक्सलियों की टेक्निकल टीम द्वारा तैयार किया गया था. जिसे PLGA बटालियन सहित विभिन्न एरिया कमेटियों में बांटा जाता था. नक्सलियों द्वारा बनाए जा रहे इस तरह के घातक हथियार कहीं ना कहीं सुरक्षाबलों के लिए बड़ी चुनौती है.
जानिए कितना खतरनाक है BGL सेल
जानकारी के मुताबिक, वर्तमान में नक्सली सबसे ज्यादा BGL (बैरल ग्रेनेड लॉन्चर) बना रहे हैं. यह करीब 1 फीट लंबा होता, जिसके फटने से 10 से 20 मीटर का एरिया कैप्चर हो जाता है. नक्सली अपने फैक्ट्री में BGL लॉन्चर भी बनाते हैं, जिसका इस्तेमाल इस BGL को लॉन्च करने के लिए करते हैं. पहले नक्सली 1 फीट लंबा ही BGL बनाते थे. लेकिन अब ये 2 फीट लंबा और मोटा BGL बनाने लगे हैं. जिसकी क्षमता करीब 50 से 60 मीटर के दायरे को कैप्चर करने की होती है. सबसे खास बात यह है कि इसे बनाने में बहुत कम लागत आती है.
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