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छत्तीसगढ़ का शारदाधाम पर्यटन स्थलों की सूची में शामिल, CM साय की पहल रंग लाएगी

Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के शारदाधाम को पर्यटन स्थलों की सूची में शामिल कर लिया है. अब पर्यटन बोर्ड प्रचार प्रसार और सुविधाएं बढ़ाने में मदद करेगा. इससे श्रद्वा और ज्ञान के अनोखे संगम  शारदाधाम को नई तस्वीर मिलेगी. 

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छत्तीसगढ़ का शारदाधाम पर्यटन स्थलों की सूची में शामिल, CM साय की पहल रंग लाएगी
Zee Media Bureau|Updated: Jun 20, 2025, 02:01 PM IST
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Tourist Place of Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ और झारखण्ड की सीमा पर बना प्रसिद्ध धार्मिक व प्राकृतिक पर्यटन स्थल शारदाधाम को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर छत्तीसगढ़ टुरीज्म बोर्ड ने राज्य के चिन्हकित पर्यटन स्थलों की सूची में शामिल कर लिया है. पर्यटन बोर्ड ने इसके लिए परिपत्र जारी कर दिया है. बोर्ड के इस निर्णय से इस पर्यटन स्थल को एक नई पहचान मिल सकेगी. बोर्ड इसके प्रचार-प्रसार के साथ ही पर्यटको के लिए मूलभूत सुविधाओं के विकास के लिए बजट उपलब्ध करा सकेगा. 

श्रद्धा और ज्ञान का संगम है शारदाधाम
शारदाधाम में विद्यादायनी माँ सरस्वती की श्रद्वा और ज्ञान अर्जन का अनोखा संगम देखने को मिलता है. यहां छत्तीसगढ़ और झारखंड राज्य के जरूरतमंद बच्चों के रहने और पढ़ने के लिए कोचिंग की विशेष व्यवस्था की गई है. शारदाधाम समिति के अध्यक्ष राजकुमार सिंह ने बताया कि इस विशेष कोचिंग संस्था में बच्चों के रहने,खाने के साथ उनकी कोचिंग की निशुल्क व्यवस्था की गई है. बच्चों के रहने और कोचिंग का जो भी खर्चा होता है,उसका व्यय समिति श्रद्वालुओं के सहयोग से पूरा करती है. 

शारदाधाम प्रसिद्व धार्मिक पर्यटन स्थल
शारदाधाम, जिला मुख्यालय जशपुर से तकरीबन 30 किलोमीटर दूर,दुलदुला ब्लाक में स्थित है. माता सरस्वती का यह प्रसिद्व मंदिर चारो ओर घने जंगल से घिरा हुआ है. नजदीक ही गिरमा नदी की कलकल करती मधुर ध्वनि यहां दर्शन के लिए आने वाले श्रद्वालुओं का मन मोह लेते हैं. संचालन समिति के अध्यक्ष ने बताया कि विद्यादायनी मां सरस्वती का यह भव्य मंदिर पूरी तरह से श्रमदान से तैयार किया गया है. दोनों राज्यों के श्रद्वालुओं ने पसीना बहा कर मां के इस मंदिर का निर्माण किया है. मंदिर के भवन का डिजाइन झारखंड के प्रसिद्व लचलागढ़ हनुमान मंदिर के तर्ज पर तैयार किया गया है.

पर्यटन हब के रूप में विकसित हो रहा है जशपुर
उल्लेखनीय है कि वनाँचल क्षेत्र जशपुर में पर्यटन उद्योग विकसित करने की दिशा में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय तेजी से काम कर रहे है. कुनकुरी ब्लाक में स्थित मयाली नेचर कैंप के विकास के लिए दस करोड़ रूपये भारत दर्शन योजना के अंतर्गत स्वीकृत किए गए है. यहीं स्थित मधेश्वर महादेव को हाल ही में गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड ने विश्व का सबसे बड़े प्राकृतिक शिवलिंग के रूप में मान्यता दी है. इसके साथ ही सीएम विष्णुदेव साय ने जिले को पर्यटन नक्शे से जोड़ने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए फरसाबहार ब्लाक में स्थित कोतेबीराधाम में लक्ष्मण झूला के तर्ज पर पुल निर्माण की घोषणा की है.  इसके साथ ही जिले में देशदेखा,रानीदाह जैसे पर्यटन स्थलों को विकसित करने की दिशा में तेजी से काम किया जा रहा है. मुख्यमंत्री साय का लक्ष्य जिले में ग्रीन उद्योग विकसित कर जिलेवासियों को रोजगार उपलब्ध कराना है.

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