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चर्च के सामने कथा करने पर राजनीति तेज, धीरेंद्र शास्त्री से बोली कांग्रेस हम भी बजरंगबली के भक्त लेकिन....

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चर्च के सामने कथा करने पर राजनीति तेज, धीरेंद्र शास्त्री से बोली कांग्रेस हम भी बजरंगबली के भक्त लेकिन....
Zee News Desk|Updated: Jun 03, 2025, 04:15 PM IST
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  1. Dhirendra Shastri: सनातन की पहचान कहे जाने वाले धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने सोमवार को छत्तीसगढ़ में बड़ा ऐलान किया. बिलासपुर पहुंचे धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि वो जशपुर में एशिया के दूसरे सबसे बड़े चर्च के सामने कथा करेंगे. बागेश्वर धाम सरकार के पीठाधीश्वर ने कहा कि वो जल्द ही छत्तीसगढ़ में पदयात्रा निकालेंगे. धीरेंद्र शास्त्री ने ये ऐलान धर्मांतरण के मुद्दे को लेकर किया. उन्होंने कहा देशभर को देखें तो बस्तर में धर्मांतरण का खतरा सबसे ज्यादा दिखाई देता है. इस मामले में बस्तर सबसे ज्यादा संवेदनशील है. इसलिए जल्द ही हम सब छत्तीसगढ़ में भी पदयात्रा निकलेंगे. मामले में अब जमकर राजनीति हो रही है. कांग्रेस ने प्रतिक्रिया दी है. 
  2. स्तर में पदयात्रा करने के बयान पर अमरजीत भगत ने कहा धार्मिक काम का कभी कोई विरोध नहीं है, लेकिन उद्देश्य परमार्थ और जनकल्याण होना चाहिए, ना कि राजनीति के लिए होना चाहिए. कौमी एकता का सिंद्धान्त देश की एकता को और प्रगाढ़ करता है. बजरंगबली के भक्त हम भी हैं, लेकिन ये तो नहीं कि किसी चर्च या मस्जिद के सामने जाकर लाउडस्पीकर लगा दें और कथा करें. पदयात्रा और कथा कब होगी ये तो अभी तय नहीं है, लेकिन इस मामले पर राजनीति जरूर होगी ये तय है. 
  3. हाल ही में धीरेंद्र शास्त्री ने बकरीद को लेकर भी बयान दिया था, जिसका विरोध हो रहा है. बकरीद को लेकर मुस्लिम समुदाय की तैयारियां चल रही हैं. ऐसे में बागेश्वर धाम सरकार बयान चर्चा में है. उन्होंने बकरीद पर बलि प्रथा को लेकर बेबाक बयान दिया. शास्त्री जी ने कहा कि जीव हिंसा किसी भी धर्म में हो, वो निंदनीय है. उन्होंने कहा कि मैं बकरीद पर दी जाने वाली बकरे की कुर्बानी का विरोध करता हूं. मैं बलि प्रथा के पक्ष में नहीं हूं और बकरीद के भी पक्ष में नहीं हूं. मेरा कहना है कि अगर हम किसी को जीवन नहीं दे सकते तो हमें उसे मारने का भी अधिकार नहीं है. धीरेंद्र शास्त्री ने कहा हो सकता है कभी किसी विशेष समय या परिस्थिति में बलि की परंपरा रही हो, लेकिन अब समय बदल गया है. ऐसी परंपराओं को बंद कर देना चाहिए या इनका कोई और रास्ता निकालना चाहिए. सनातन संस्कृति में जहां जहां बलि दी जाती है, उसे भी रोका जाना चाहिए.
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