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Chhattisgarh में जहां मार गिराए 8 नक्सली, 100 किलोमीटर का सफर तय कर पहुंची जी न्यूज की टीम

नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग में सुरक्षाबल के जवानों को नक्सलियों के मामले में  लगातार सफलता मिल रही है. छत्तीसगढ़ में नक्सलियों की राजधानी कहे जाने वाले अबूझमाड़ में 23 मई के दिन ऑपरेशन जल शक्ति लॉन्च करते ही जवानों ने लाल सलाम के खिलाफ ताल ठोक दी.

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8 naxal killed in dantewada
8 naxal killed in dantewada
Divya Tiwari Sharma |Updated: May 27, 2024, 06:04 PM IST
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Dantewada News: नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग में सुरक्षाबल के जवानों को नक्सलियों के मामले में  लगातार सफलता मिल रही है. छत्तीसगढ़ में नक्सलियों की राजधानी कहे जाने वाले अबूझमाड़ में 23 मई के दिन ऑपरेशन जल शक्ति लॉन्च करते ही जवानों ने लाल सलाम के खिलाफ ताल ठोक दी. जवानों ने 8 माओवादियों को मार गिराया था, जिनमें 4 पुरुष और 4 महिला नक्सली शामिल हैं. मुठभेड़ लगभग 24 घंटे तक चली. मुठभेड़ के बाद जवानों ने मारे गए नक्सलियों के शव के साथ हथियार सहित अन्य विस्फोटक, दैनिक उपयोग की सामग्री बरामद की थी. मुठभेड़ वाली जगह पर जी मीडिया की टीम पहुंची और मंजर का आखों देखा हाल बयां किया. 

एनकाउंटर का बाद सुरक्षा बलों ने रेकावाया के जंगलों में नक्सलियों के ट्रेनिंग कैंप को भी ध्वस्त करने का दावा किया था और मीडिया को नक्सलियों के कैंप की तस्वीरें दिखाई थीं.  इस घटना की ग्राउंड रिपोर्टिंग करने के लिए जी एमपीसीजी की टीम 100 किलोमीटर का सफर तय कर अबूझमाड़ के जंगल पहुंची. बीच के रास्तों में मोटरसाइकिल से बस्तर की जीवनदायिनी इंद्रावती नदी को छोटी डोंगी से पार किया. पगडंडियों के रास्ते करीब 200 फिट खड़ी पहाड़ी पर पैदल चलने के बाद घटना स्थल पर पहुंची. घटना स्थल के हालात संघर्ष की कहानी कह रहे थे, पेड़ो पर गोलियों ने निशान, गोलियों के खाली खोखे, पत्थरों पर खून के निशान. उस दिन तीनों जिलों से जवान माओवादियों को घेरते हुए उस पहाड़ पर पहुंचे हुए थे. बताया जा रहा है कई पहाड़ो में जवानों और माओवादी के बीच मुठभेड़ हुई.

जी मीडिया की टीम मुठभेड़ से करीब 6 से 7 किलोमीटर दूर नक्सलियों के ट्रेनिंग कैंप की पड़ताल करने पहुंची. गांव के किनारे जंगल के अंदर सात से आठ झोपड़ी बनी हुई थी, जो देखने पर नक्सलियों के ट्रेनिंग कैंप के जैसे दिख रहे थे. बताया गया कि ये बच्चों के आश्रम हैं. यहां 14 से 15 बच्चे पढ़ने आते हैं.  आश्चर्य की बात ये थी कि जंगल में नक्सलियों के कैंप के जैसे ही आश्रम क्यों बनाए.  इस आश्रम की कोई सरकारी और गैर सरकारी मान्यता भी नहीं है, इसलिए यह आश्रम सभी के लिए संदेहास्पद बना हुआ है. पुलिस इसे नक्सलियों का ट्रेनिंग कैंप बता रही है. 

अबूझमाड़ के जंगल में नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना मुखबिर से मिली तो दंतेवाड़ा, बीजापुर व नारायणपुर तीनों जिलों के सुरक्षाबलों को रवाना किया गया. नारायणपुर, दंतेवाड़ा व बीजापुर के सीमावर्ती क्षेत्रों में माओवादियों के इंद्रावती एरिया कमेटी के बड़े लीडर दीपक, कमला, सपना उर्फ सपनक्का , प्लांटुन नंबर 16 का कमांडर मल्लेश सहित 50 से 60 माओवादियों की सूचना पर ऑपरेशन जल शक्ति लाॉन्च कर तीन जिलों के लगभग 1000 जवानों को रवाना किया गया था. जैसे ही सुरक्षा बलों की टीम सुबह पहुंची अबूझमाड़ के रेकावाया में माओवादियों से मुठभेड़ हो गई. मुठभेड़ में सुरक्षाबलों के जवानों ने 7 माओवादियों को ढेर कर दिया. वही मुठभेड़ स्थल से वापसी के वक्त एसटीएफ के जवानों के साथ माओवादियों की फिर मुठभेड़ हुई. और इस मूठभेड़ में एक महिला माओवादी को मार गिराने में एसटीएफ जवानों को सफलता मिली. इस तरह सुरक्षाबलों ने कुल 8 माओवादियों को मुठभेड़ में ढेर कर दिया. मारे गए 8 माओवादियों के साथ सुरक्षाबलों ने भारी मात्रा में हथियार और गोला बारूद बरामद किया गया है. मारे गए माओवादियों में चार महिला माओवादी और चार पुरुष माओवादी शामिल हैं

साल 2024 की शुरुआत से ही बस्तर संभाग के अलग अलग जिलों में लगातार माओवादियों से मुठभेड़ें हो रही है और जवानों को इसमें काफी लाभ मिल रहा है. 120 माओवादियों को अलग अलग मुठभेड़ों में मारा गया है. इसके अलावा वो अबूझमाड़ जो लगभग 4000 हजार वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. जिसे माओवादियों का सबसे सुरक्षित क्षेत्र माना जाता है,  लेकिन अब इस क्षेत्र में पुलिस नई रणनीतियों के साथ माओवादियों के खिलाफ ऑपरेशन लॉन्च कर रही है. ताकि अबूझमाड़ को अपने कब्जे में ले सकें.

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