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लाल आतंक पर बड़ी चोट, हार्डकोर नक्सल कमांडर बसवा राजू ढेर, 40 सालों में सबसे बड़ा नुकसान

Basava Raju Encounter: छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ के जंगलों में सुरक्षाबलों ने कई नक्सलियों को मार गिराया है, जिसमें हार्डकोर नक्सली कमांडर बसवा राजू के ढेर होने की बात भी सामने आई है, जो नक्सली संगठन पर बड़ी चोट मानी जा रही है. 

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नक्सल कमांडर बसवा राजू ढेर
नक्सल कमांडर बसवा राजू ढेर
Arpit Pandey|Updated: May 22, 2025, 09:17 AM IST
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Chhattisgarh Naxalite Encounter: नक्सलियों के खिलाफ छत्तीसगढ़ में बड़ी कार्रवाई हुई है. नारायणपुर जिले में आने वाले अबूझमाड़ इलाके में बुधवार सुबह सुरक्षाबलों ने एनकाउंटर में 27 नक्सलियों को मार गिराया है, सबसे बड़ी बात यह है कि इन नक्सलियों में 1.5 करोड़ का इनामी हार्डकोर नक्सली कमांडर बसवा राजू भी शामिल है, जो छत्तीसगढ़ में लाल आतंक पर बड़ी चोट मानी जा रही है. क्योंकि बसवा राजू वो नाम था, जो छत्तीसगढ़ से लेकर तेलंगाना तक नक्सली संगठन को ऑपरेट करता था, वह कई बड़ी वारदातों में शामिल रहा है. ऐसे में उसका ढेर होना नक्सल संगठन को सबसे बड़ी चोट माना जा रहा है. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करके खुद बसवा राजू के ढेर होने की बात कही है. उन्होंने सुरक्षाबलों के इस ऑपरेशन की सराहना की है. 

अमित शाह ने दी राजू के ढेर होने की जानकारी 

नक्सलवाद को खत्म करने की लड़ाई में एक ऐतिहासिक उपलब्धि. आज, छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में एक ऑपरेशन में, हमारे सुरक्षा बलों ने 27 खूंखार माओवादियों को मार गिराया है, जिनमें सीपीआई-माओवादी के महासचिव, शीर्ष नेता और नक्सल आंदोलन की रीढ़ नंबाला केशव राव उर्फ ​​बसवराजू भी शामिल हैं, नक्सलवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई के तीन दशकों में यह पहली बार है कि हमारे बलों द्वारा एक महासचिव स्तर के नेता को मार गिराया गया है। मैं इस बड़ी सफलता के लिए हमारे बहादुर सुरक्षा बलों और एजेंसियों की सराहना करता हूं.' दरअसल, नक्सल संगठनों में महासचिव का पद सबसे बड़ा होता है, संगठन के सभी बड़े निर्णय यही से लिए जाते हैं, ऐसे में राजू का मारा जाना सुरक्षाबलों के लिए कितनी बड़ी सफलता है, इसका अंदाजा अमित शाह की पोस्ट से भी लगाया जा सकता है. 

नक्सल संगठन में बड़ा नाम था बसवा राजू

बसवा राजू नक्सल संगठन में बड़ा नाम था, जिस पर डेढ़ करोड़ का इनाम रखा हुआ था. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बसव राजू की जो आखिरी फोटो थी वह भी 30 साल पुरानी है, जिसकी उम्र वर्तमान में 60 से 70 साल के बीच बताई जा रही है, वह बस्तर में एक्टिव था और यही से पूरा नक्सली संगठन ऑपरेट करता था. नक्सलियों की तरफ से की गई कई बड़ी वारदातों में वह शामिल रहा है. बसवा राजू हमेशा अपनी पहचान छुपा कर रखता था, वह नक्सल प्रभावित सभी राज्यों में अलग-अलग नामों में चर्चित था, ताकि पुलिस या सुरक्षाबल उसे टारगेट न कर पाए. माना जाता है कि जिन राज्यों में भी नक्सली संगठन हैं वह बसवा राजू की पकड़ थी, यही वजह है कि उसका एनकाउंटर होना नक्सलियों के लिए बड़ी चोट माना जा रहा है. 

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क्या 40 साल में हुई बड़ी चोट 

नक्सल कमांडर बसवा राजू का असली नाम नंबला केशव राव बताया जाता है, जो मूल रूप से आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले के जियन्नापेटा का बताया जाता है. वह नक्सल संगठन में महासचिव के साथ-साथ नक्सल संगठन में सैन्य आयोग का प्रमुख भी था. वह छत्तीसगढ़, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, ओड़िशा और झारखंड में भी एक्टिव था, माना जाता है कि इन राज्यों में बसवा राजू के इशारे पर ही काम होता था. ऐसे में उसकी मौत 40 सालों में नक्सली संगठन के लिए एक तरह से सबसे बड़ी चोट मानी जा रही है. बताया जाता है कि बसवा संगठन के शीर्ष नेतृत्व में थे और वह नक्सलियों में अपनी रणनीतिक सोच के लिए फेमस माना जाता था. 

बसवा राजू ने घातक हथियारों का प्रशिक्षण ले रखा था, कई मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक उसका संपर्क श्रीलंकाई लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम तक से माना जाता है. फिलहाल उसका ढेर होना सुरक्षाबलों के लिए एक बड़ी सफलता माना जा रहा है, जो 2026 तक नक्सली संगठनों के खात्में में भी अहम साबित होगा. 

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