Sukanya Samriddhi Yojana News: छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में सुकन्या समृद्धि योजना के तहत बहुत सारी बालिकाओं के खाते खोले गए थे, लेकिन ज्यादातर पालक अब उस खाते में पैसे जमा नहीं कर रहे हैं. जिले में करीब 14 हजार से ज्यादा खाते ऐसे हैं जिनमें लंबे समय से कोई लेन-देन नहीं हुआ है, जिसके चलते इन खातों को इनएक्टिव हो गए हैं. अब इन खातों को फिर से चालू कराने के लिए पालकों को हर साल 250 रुपये का जुर्माना भी भरना पड़ रहा है. केंद्र सरकार ने बेटियों के भविष्य को सुरक्षित करने और उनकी तरक्की के लिए यह योजना शुरू की है, ताकि वे आगे चलकर अपनी पढ़ाई-लिखाई में आसानी से खर्च कर सकें.
आपको बता दें कि इस योजना के तहत बालिका के माता पिता 10 साल तक की बेटी का बैंक या पोस्ट ऑफिस में खाता खुलवा सकते हैं. इस खाते में कम से कम हर साल 250 रुपये जमा करना जरूरी होता है, लेकिन अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक जमा किए जा सकते हैं. फिलहाल, इस योजना में जमा राशि पर सरकार 8.2 प्रतिशत की ब्याज दर देती है, जिससे पालकों को अच्छा रिटर्न मिलता है. योजना का मकसद बेटियों के लिए आर्थिक सुरक्षा और बेहतर भविष्य सुनिश्चित करना है.
कम से कम 14 साल जमा करें
मिली जानकारी के मुताबिक, खाते खुलवाने के बाद कम से कम 14 साल तक इस खाते में पैसे जमा करना अनिवार्य होता है. 21 साल की उम्र तक खाते में जमा राशि पर ब्याज भी मिलेगा और तब तक पालक बेटी के विवाह या पढ़ाई के लिए इस राशि का इस्तेमाल कर सकते हैं. लेकिन अब हाल ही में देखा गया है कि खाते खुलवाने के बाद भी कई पालक समय-समय पर पैसे जमा करने में पीछे हट रहे हैं, जिससे कई खाते डिफाल्ट या इनएक्टिव हो गए हैं.
14 हजार खातों में लेन-देन नहीं
धमतरी पोस्ट ऑफिस में प्रचार-प्रसार के बाद करीब 24 हजार 600 खाताधारकों ने अपनी बेटियों के नाम से खाते खुलवाए थे, लेकिन फिलहाल सिर्फ करीब 10 हजार 600 खाते ही नियमित रूप से चालू हैं. बाकी के लगभग 14 हजार खाते में अब कोई राशि जमा नहीं हो रही है और वे निष्क्रिय हो चुके हैं. पोस्ट ऑफिस की टीम अब पालकों को जागरूक कर इस योजना में पैसे जमा करने के लिए प्रेरित कर रही है ताकि बेटियों के भविष्य के लिए यह योजना सही ढंग से काम करती रहे.
24000 में 10 हजार खाते सक्रिय
धमतरी के डाकघर के पोस्ट मास्टर जनकराम ध्रुव ने बताया कि धमतरी जिले में 24 हजार से अधिक सुकन्या समृद्धि खाते खोले गए हैं, लेकिन उनमें से केवल 10 हजार ही सक्रिय हैं. बाकी के खाते डिफाल्ट हो गए हैं क्योंकि पालक अब पैसे जमा कराने में रुचि नहीं दिखा रहे. इस स्थिति को बदलने के लिए डाकघर की ओर से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं ताकि सभी पालक अपनी बेटियों के भविष्य के लिए नियमित बचत करते रहें और योजना का पूरा लाभ मिल सके. अगर आपका भी खाता बंद हो चुका है, तो नजदीकी डाकघर या बैंक शाखा पर जाकर संपर्क करें.
क्या है सुकन्या समृद्धि योजना?
इस योजना के तहत आप अपनी बेटी के नाम पर सिर्फ एक ही खाता खोल सकते हैं. इस खाते को खोलने के लिए कम से कम 250 रुपये जमा कराना होता है. सरकार इस योजना में करीब 8 प्रतिशत से भी ज्यादा ब्याज देती है, जिससे पैसे बढ़ने में मदद मिलती है. ध्यान रखें कि यह खाता आप बेटी के जन्म के समय या उसकी उम्र 10 साल तक ही खोल सकते हैं. अगर आप सुकन्या समृद्धि योजना में खाता खुलवाना चाहते हैं, तो अपने नजदीकी डाकघर या इस योजना में शामिल बैंक शाखा पर आसानी से जाकर खाता खुलवा सकते हैं. इस खाते में एक साल में कम से कम 250 रुपये और ज्यादा से ज्यादा 1.5 लाख रुपये तक जमा कर सकते हैं. जब तक बेटी बालिग नहीं हो जाती, तब तक खाता उसके अभिभावकों के द्वारा ही चलाया जाता है. (सोर्सः पत्रिका)
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