MP CBSE Schools to Display Nutritional Board: CBSE ने नया सर्कुलर जारी करते हुए मध्य प्रदेश के सभी मान्यता प्राप्त स्कूलों को हेल्थ कॉन्शियस होने का निर्देश जारी किया है. यानी कि स्कूल के कैंटीन में मिलने वाले समोसा, कोल्ड ड्रिंग, पेटिस या फिर अन्य खाद्य पदार्थों में तेल, शुगर, रिफाइंड आटे की मात्रा कितनी है, एक बोर्ड पर लिखना होगा.
CBSE हुआ हेल्थ कॉन्शियस
Gen Z से लेकर Gen Alpha के जेन्र्शन में बच्चों की फास्ट फूड को लेकर तलब अलग ऊंचाई छूती नजर आ रही है. तला भूना खाना हो या फिर स्वीट डेजर्ट, बच्चे घर के खाने से ज्यादा तवज्जो बाहर के खाने को दे रहे हैं जिसके चलते उनमें मोटापा डायबिटीज और अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का विकार हो रहा है. इसी को देखते हुए CBSE ने नया निर्णय लिया है. CBSE के इस फैसले से बच्चे क्या खा रहे हैं और उसमें कितनी कैलोरी, शुगर या फैट है जैसी जानकारी ले सकेंगे.
एमपी के इन स्कूलों में नियम होंगे लागू
CBSE के इस निर्देश के बाद एमपी के कई स्कूलों में ये नियम लागू किए जाएंगे. फिलहाल, ग्वालियर के सभी CBSE स्कूलों के कैंटीन के बाहर ऐसे बोर्ड लगाए जाएंगे, जिन पर फूड और स्नैक की पोषण की जानकारी दी जाएगी. बच्चा अगर एक समोसा लेता है तो उसमे कितना तेल है कितना मैदा कितना कैलोरी है हर जानकारी बोर्ड में स्पश्ट तौर से लिखी जाएगी. उदाहरण के तौर पर जिस तरीके से चीप्स के पैकट पर जानकारी लिखी होती है.
स्कूल प्रिंसिपल ने क्या बताया
राज्य के कई स्कूल प्रिंसिपल ने CBSE के इस निर्देश को सराहा है. प्रिंसिपल का कहना है कि टीनएज में बच्चों के स्वास्थ पर काफी असर पड़ता है. इस एज में बच्चों का झुकाव अनहेल्थी खानपान की तरफ ज्यादा रहता है जिससे मोटापा, हृदय रोग और डायबिटीज जैसी बीमारियों का स्टेज शुरू हो जाता है. CBSE के इस फैसले से बच्चों में फूड अवेयरनेस फैलेगी
सोर्स: नई दुनिया