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MP में जापानी इंसेफेलाइटिस की दस्तक, एक के बाद एक ग्वालियर में मिले 3 मरीज; जानिए कितना खतरनाक है यह वायरस

Japanese Encephalitis Patient in Gwalior: ग्वालियर में एक के बाद एक जापानी इंसेफेलाइटिस (जेई) के तीन मरीज मिले हैं. मरीज मिलने से  स्वस्थ्य महकमे की चिंता बढ़ा दी है. स्वास्थ्य विभाग की टीम लोगों का सैंपल लेकर जांच कर रही है. आइए जानते हैं यह वायरस कितना खतरनाक है. 

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MP में जापानी इंसेफेलाइटिस की दस्तक, एक के बाद एक ग्वालियर में मिले 3 मरीज; जानिए कितना खतरनाक है यह वायरस
Shubham Kumar Tiwari|Updated: Jan 27, 2025, 10:01 AM IST
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Japanese Encephalitis Patient: मध्य प्रदेश के ग्वालियर में जापानी इंसेफेलाइटिस (जेई) ने दस्तक दे दी है. यहां एक के बाद एक करीब 3 मरीजों की पुष्टि हुई है. दो दिन पहले एक मरीज को सागर ताल के पास सरकारी मल्टी में रहने वाली 15 वर्ष की लड़की को जेई की पुष्टि हुई थी. वहीं, अब  सागरताल टंकी वाले हनुमान मंदिर के पास से दो और नए मरीजों की पुष्टि हुई है. एक के बाद एक लगातार तीन मरीज मिलने से स्वस्थ्य महकमे से लेकर स्थानीय लोगों में हड़कंप मच गया है.

2 मरीजों की पुष्टि
दरअसल, जापानी इंसेफेलाइटिस (जेई) पहला मामला सागर ताल के पास सरकारी मल्टी से आया था. जहां लड़को को तेज बुखार, सिर दर्द और उल्टी की समस्या से पीड़ित होने पर न्यू जेएएच में भर्ती कराया गया था. इस दौरान जांच में जापानी इंसेफेलाइटिस (जेई) की पुष्टि हुई. वहीं, बीते दिनों  जांच के लिए 11 सैंपल गजराराजा मेडिकल कॉलेज की माइक्रोबायोलाजी लैब भेजे गए थे. इसमें 2 मरीजों में वायरस की पुष्टि हुई है. जांच रिपोर्ट में 30 वर्षीय रेखा शर्मा व 56 वर्षीय राजेंद्र प्रसाद की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. 

स्वास्थ्य विभाग की बढ़ी चिंता
14 वर्षीय किशोरी के जापानी इंसेफेलाइटिस संक्रमित मिलने के बाद उसके परिजनों समते लोगों की जांच कराई गई थी. इसमें दो नए पॉजिटिव मिले हैं.  अब तक जापानी इंसेफेलाइटिस से पीड़ित तीन मरीज मिले चुके हैं. एक के बाद एक लगातार 3 मरीज मिलने से स्वस्थ्य महकमे की चिंता बढ़ गई है. जानाकारी के मुताबिक, सागर ताल इलाके में जहां से मरीज मिले हैं, वहां मलेरिया विभाग की टीम लार्वा सर्वे करने पहुंची. वहीं, पशु चिकित्सा विभाग की टीम सर्वे कर सूअर तलाशे, लेकिन इलाके में एक भी सूअर नहीं मिला.

कितना खतरनाक है जापानी इंसेफेलाइटिस
जापानी इंसेफेलाइटिस मच्छरों द्वारा फैलने वाला एक खतरनाक वायरस है. यह बीमारी मच्छरों के काटने से फैलती है. जो मस्तिष्क को प्रभावित करती है. यह बीमारी हमारे मस्तिष्क पर गहरा प्रभाव डाल सकती है. इससे चलते जीवन भर की जटिलताएं जैसे सुनाई नहीं देना, शरीर के एक हिस्से की कमजोरी और भावनाओं का अनियंत्रित होना जैसी समस्याआएं हो सकती है.

इंसेफेलाइटिस के लक्षण
इसके अधिकांश मामलों में बुखार, सिरदर्द और उल्टी लेकिन गंभीर मामलों में मस्तिष्क में सूजन जैसी समस्याएं हो सकती हैं.  जब भी किसी व्यक्ति इंसेफेलाइटिस का शिकार होता है, तब उसको थकान, सिर दर्द, बुखार और उल्टी के लक्षण दिखाई देते हैं. अगर ऐसे लक्षण दिखें तो आपको तत्काल डॉक्टर के संपर्क में आना चाहिए. इस बीमारी का तुरंत उपचार कराना जरुरी होता है. वरना मस्तिष्क की सूजन कोमा और लकवा जैसी समस्याएं हो सकती है. 

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