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खत्म नहीं हुआ यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे का विवाद, जली राख के निपटारे पर HC ने सरकार से मांगा जवाब

Bhopal Gas Tragedy: करीब 40 साल बाद यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री के जहरीले रासायनिक कचरे को जलाया गया. अब उससे निकली राख के निपटारे पर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से उनकी रणनीति पूछी है. भोपाल की ग्रुप फॉर इन्फॉर्मेशन एंड एक्शन संस्था ने याचिका दायर कर इस राख को अमेरिका भेजना की मांग की है. हवाला तमिलनाडु में यूनीलीवर कंपनी के कचरे वाले मामले का दिया है.

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controversy on Union Carbide toxic waste continues
controversy on Union Carbide toxic waste continues
Divya Tiwari Sharma |Updated: Aug 01, 2025, 12:09 PM IST
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Controversy on Union Carbide toxic waste Ash: भोपाल के गैस कांड के बाद यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री के जहरीले कचरे को लेकर विवाद खत्म नहीं हुआ है. लंबी कार्रवाई के बाद कचरे को पीथमपुर ले जाकर जला दिया गया. अब इसके बाद निकली 850 टन राख के निपटारे पर मंथन और सवाल जवाब शुरू हो गए हैं. मामले को लेकर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य की बीजेपी सरकार से जवाब मांगा है. कोर्ट ने गुरूवार को भोपाल की ग्रुप फॉर इन्फॉर्मेशन एंड एक्शन संस्था की दायर की याचिका पर सुनवाई की थी. सुनवाई में कोर्ट ने पूछा जहरीले कचरे को जलाने के बाद निकली राख को लेकर राज्य सरकार का क्या प्लान है. इस राख को आबादी से दूर निपटारा करना होगा. इसके बाद हाईकोर्ट ने कहा इसे लेकर जो योजना सरकार ने बनाई है, उसकी जानकारी कोर्ट को बताए. अलगी सुनवाई 14 अगस्त को होगी. 

14 अगस्त को सुनवाई में तकनीकी विशेषज्ञों को बुलाया है
ग्रुप फॉर इन्फॉर्मेशन एंड एक्शन संस्था की याचिका में इस राख को अमेरिका भेजने की अपील की गई है. हवाला दिया है कि 2003 में तमिलनाडु सरकार ने यूनीलीवर कंपनी के जहरीले कचरे को भी निपटारे के लिए अमेरिका भेजा था. इसी तरह यूनियन कार्बाइड के कचरे की राख को भी इंदौर भोपाल की आबादी से दूर अमेरिका भेजा जाए. कोर्ट को सरकार की तरफ से स्पष्ट नहीं हुआ कि जहरीले कचरे की राख को इंदौर के पीथमपुर में ही क्यों दफनाया जा रहा है. याचिका के बाद एक सवाल और खड़ा हो रहा है कि कचरा जलाने के बाद जहरीली मरकरी राख में क्यूं नहीं मिली. 14 अगस्त को अगली सुनवाई में तकनीकी विशेषज्ञों को बुलाने की मांग की गई है. 

यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री के जहरीले कचरे से जुड़े हर सवाल के जवाब-

भोपाल गैस त्रासदी की तारीख क्या थी
घटना 2-3 दिसंबर, 1984 की रात को हुई थी. भोपाल में यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री की जहरीली मिथाइल  गैस का रिसाव हुआ था.

रिसाव का कारण क्या था
जांच के बाद कई संस्थानों ने रिपोर्ट जमा की, उसके मुताबिक फैक्ट्री में कम कर्मचारियों, खराब सुरक्षा प्रक्रियाओं और अपर्याप्त रखरखाव के कारण यह त्रासदी हुई. 

भोपाल गैस त्रासदी में कितनी मौत हुई थी
ielrc.org से मिले डेटा के मुताबिक तत्काल मृत्यु 2,660 से ज्यादा हुई थी. 10,000 से ज्यादा लोग शारीरिक रूप से विकलांग हो गए थे. 500,000 से ज्यादा लोग प्रभावित हुए थे. रिसाव के कारण उपजी बीमारियों से 15,000 से ज्यादा लोग प्रभावित हुए थे.  

भोपाल गैस त्रासदी किस फैक्ट्री में हुई थी
यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री एक अमेरिकी रसायन और बहुलक कंपनी है. वहां पर पेंट, पैकेजिंग, तार, घरेलू उत्पाद, फार्मास्यूटिकल्स आदि के लिए रसायन और पॉलिमर बनाए जाते थे

बाद का विवाद क्या है
भोपाल गैस त्रासदी के बाद करीब 40 साल बाद भी यूनियन कार्बाइड के खतरनाक रासायनिक कचरे के निपटारे पर विवाद बना रहा. अब कचरा जलाने के बाद निकली राख के निपटारे पर विवाद है. 

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