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इंदौर में है अनोखा 'मूंछों वाला' कृष्ण मंदिर, जन्माष्टमी पर जानें इसका रहस्य और इतिहास

आज पूरी दुनिया में जन्माष्टमी मनाई जा रही है. लोग भगवान कृष्ण की भक्ति में डूबे हुए हैं. आज इस खास मौके पर हम आपको मध्य प्रदेश के एक मंदिर के बारे में बताते हैं. जहां मूंछ वाले अनोखे और अद्भुत श्री कृष्ण का मंदिर है.

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Janmashtami 2024
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Abhay Pandey|Updated: Aug 26, 2024, 12:04 PM IST
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Happy Janmashtami 2024: आज पूरी दुनिया में जन्माष्टमी मनाई जा रही है. लोग भगवान कृष्ण की भक्ति में डूबे हुए हैं. आज इस खास मौके पर हम आपको मध्य प्रदेश के एक मंदिर के बारे में बताते हैं. जहां मूंछ वाले अनोखे और अद्भुत श्री कृष्ण का मंदिर है. बता दें कि मध्यप्रदेश के इंदौर जिले के देपालपुर के गांव गिरोता में स्थित मूछों वाले श्रीकृष्ण का प्राचीन मंदिर अपने आप में अनोखा है. भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति पर मूछें होने के कारण इसे 'मूछों वाला कृष्ण' कहा जाता है. जन्माष्टमी के अवसर पर यहां विशेष मेला लगता है, जिसमें दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं. 

मंदिर का इतिहास बेहद रोचक है
बता दें कि मंदिर का इतिहास भी बेहद रोचक है. प्राचीन समय में गांव में एक भयंकर आग लगी थी, जिसमें गांव के सारे घर जलकर खाक हो गए थे, परंतु यह मंदिर सुरक्षित बच गया था. यह मंदिर गांव के नीचे स्थित है, और ग्रामीण मानते हैं कि जब भी गांव में कोई अनहोनी होने वाली होती है या बारिश नहीं होती, तब यहां संकीर्तन किया जाता है, जिससे भगवान वर्षा करते हैं. यह मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि इसके आसपास के क्षेत्र में स्थित गंभीर नदी के कारण यह गांव का एकमात्र मुख्य मार्ग भी है. श्रद्धालु मंदिर के नीचे से गुजरकर अपनी यात्रा पूरी करते हैं, जिससे मंदिर का महत्व और भी बढ़ जाता है.

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मूछों के कारण इन्हें 'मूछों वाले कृष्ण' के नाम से पहचाना जाता है. जन्माष्टमी के अवसर पर यहां विशेष मेला लगता है, जिसमें दूर-दूर से श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं. मान्यताओं के अनुसार, आज भी पूरा गांव मंदिर के नीचे से होकर गुजरता है. पहले यह मंदिर लकड़ी से निर्मित था. ग्रामीणों के अनुसार, समय के साथ मंदिर में कई बदलाव हुए हैं. पहले यहां फाटक और ताले लगाए जाते थे ताकि चोर और जंगली जानवर गांव में प्रवेश न कर सकें. ग्रामीण बताते हैं कि जब भी कोई अनहोनी की आशंका होती है या बारिश नहीं होती, तो गांववाले यहां हरे कृष्ण हरे राम का संकीर्तन करते हैं, जिससे भगवान उनकी प्रार्थना सुनकर वर्षा करते हैं.

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