Pakistani Hindu in Indore: देश में हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार पूरी तरह अलर्ट मोड पर आ गई है. हमले के तुरंत बाद पाकिस्तान के खिलाफ कई बड़े फैसले लिए गए, जिससे न केवल पाकिस्तान में बल्कि भारत में भी खलबली मच गई है. खासतौर पर उन शरणार्थियों के बीच डर का माहौल है, जो पिछले कुछ सालों में पाकिस्तान छोड़कर भारत आए थे.
वहीं मध्य प्रदेश में भी ऐसे कई हिंदू परिवार भी रह रहे हैं, जो अपने धर्म और बच्चों के भविष्य को बचाने के लिए पाकिस्तान छोड़कर भारत आए थे. अब इन्हें वापस भेजे जाने की आशंका है. वहीं इंदौर में रह रहे जैकबाबाद (पाकिस्तान) के रहने वाले रामचंद्र अपने पूरे परिवार के साथ 1 अप्रैल को इंदौर आए थे. उन्होंने लॉन्ग टर्म वीजा के लिए अप्लाई भी कर दिया था. रामचंद्र का कहना है कि वहां हर पल डर बना रहता था. धर्म परिवर्तन का भी दबाव बनाया जाता था. महिलाओं को मंदिर नहीं जाने दिया जाता था. यहां आकर लगा था कि अब आजादी मिली है, लेकिन अब फिर से डर सता रहा है.
अब नर्क में न भेजा जाए
इसी तरह आकाश लाल भी 20 अप्रैल को अपने परिवार के साथ इंदौर पहुंचे हैं. उनका कहना है कि पाकिस्तान में महंगाई और लूटमार इतनी बढ़ गई थी कि घर से निकलते ही जान का खतरा बना रहता था. अब यहां आए हैं, लेकिन अब भी दिल में डर है कि कहीं फिर से उसी नर्क में वापस न भेज दिया जाए.
संपत्ति बेच आए भारत
इसके अलावा एक मुनेश कुमार के भी हैं, जो पाकिस्तान के जैकबाबाद से ही आए हैं. उन्होंने बताया कि वहां की पूरी संपत्ति बेचकर भारत आए हैं, ताकि बच्चों को सुरक्षित माहौल मिल सके. अब यहां नया जीवन शुरू करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन सरकार के फैसलों को लेकर दिल में डर बना हुआ है.
सरकार से लगाई गुहार
वहीं इंदौर की सिंधी पंचायत समिति भी इन प्रवासियों की मदद में जुटी है. समिति के पदाधिकारी राजा मंधानी और अध्यक्ष डॉ. जय परियानी ने सरकार से मांग की है कि जिन परिवारों ने लॉन्ग टर्म वीजा के लिए पहले से आवेदन कर रखा है, उन्हें जल्द से जल्द मंजूरी दी जाए ताकि वे सुकून से अपने नया जीवन जी सकें.
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