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Famous Sarafa Chowpati: सबसे मशहूर है इंदौर का सराफा चौपाटी, 100 साल पुराना है इतिहास, जानें

Indore Sarafa Chowpati: इंदौर की सबसे मशहूर सराफा चौपाटी का इतिहास काफी पुराना बताया जाता है. लगभग 100 साल पहले जब इसकी शुरूआत हुई थी. तो यहां पर पारंपरिक मिठाईयों और स्नैक्स की दुकानें लगती थीं. समय के साथ साथ यहां पर बदलाव हुआ. लेकिन अब यहां पर परंपरागत तरीके से खाने के ज्यादा आइटम भी मिल रहे हैं.

 

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80 दुकानें पारंपरिक
 80 दुकानें पारंपरिक

आपको बता दें कि पहले सराफा चौपाटी में कुछ ही दुकानें थीं, जिनके सामने अस्थाई खाने-पीने के ठेले लगते थे. लेकिन धीरे-धीरे ज्वेलर्स ने अपनी दुकानों के ओटले किराए पर देने शुरू कर दिए. इससे चौपाटी में दुकानें बढ़ती गई. आज यहां पर लगभग 200 फूड स्टॉल मौजूद हैं. लेकिन यहां पर अभी भी 80 दुकानें पारंपरिक हैं. 

 

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बदलाव भी संभव
बदलाव भी संभव

सराफा चौपाटी की गलियां पहले, काफी संकरी मानी जाती हैं. ऊपर से इतनी भीड़ और सिलेंडरों के कारण हादसों का खतरा ज्यादा बना रहता है. लेकिन कई बार इसे दूसरी जगह शिफ्ट करने की कोशिशें हुईं, लेकिन स्थानीय विरोध और दुकानदारों की दिक्कतों के चलते कभी बात आगे नहीं बढ़ पाई. अब महापौर परिषद ने जो नया प्रस्ताव पास किया है, उससे उम्मीद जगी है कि बदलाव संभव हो सकता है. 

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सुरक्षा पर सवाल
सुरक्षा पर सवाल

बताया जाता है कि शुरूआत में यहां पर खाने के स्टॉल चलाने वाले दुकानदार घर से मिठाइयां और स्नैक्स तैयार करके लाते थे. उन्हें मौके पर आग जलाने या खाने बनाने की अनुमति नहीं थी. लेकिन वक्त के साथ-सात कई दुकानदार यहीं पकाना भी शुरू कर दिए थे. जिससे स्वच्छता और सुरक्षा पर सवाल खड़े होने लगे. 

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सुरक्षा को लेकर चिंता
सुरक्षा को लेकर चिंता

लगभग 15 महीने पहले हरदा में पटाखा फैक्ट्री हादसे के बाद इंदौर के सराफा में भी सुरक्षा को लेकर भी भारी चिंती व्यक्त की थी. लेकिन चौपाटी में रातभर जलते सिलेंडर और भीड़भाड़ के कारण सोने चांदी की दुकानों पर खतरा बढ़ गया. तब सराफा के व्यापारियों ने खुद प्रशासन को इसके खतरे से भी आगाह किया था. 

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महापौर ने बनाई कमेटी
महापौर ने बनाई कमेटी

वहीं इसके लिए महापौर की तरफ से एक कमेटी भी बनाई थी, जिसने चौपाटी का दौरा कर रिपोर्ट दी थी. इस दौरान कमेटी ने साफ कहा कि फूड स्टॉल की संख्या सीमित की जानी चाहिए और अस्थायी दुकानों को हटाकर कहीं और स्थान दिया जाना चाहिए. अब परिषद में पारित प्रस्ताव उसी रिपोर्ट पर आधारित हैं. 

 

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दुकानदार भी सहमत
दुकानदार भी सहमत

वहीं स्थानीय पारंपरिक दुकानदार भी इस फैसले से सहमत नजर आ रहे हैं. रात्रिकालीन सराफा चौपाटी एसोसिएशन के अध्यक्ष रामजी गुप्ता ने कहा कि वे भी चाहते हैं कि यहां सिर्फ पारंपरिक दुकानें रहें और बाकी फूड स्टॉल को किसी सुरक्षित और व्यवस्थित स्थान पर शिफ्ट किया जाए.

 





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