Ramji Kalsangra Malegaon Blast Case: एमपी में एक बार फिर मालेगांव ब्लास्ट का मामला सुर्खियों में देखा जा रहा है. 29 सितंबर 2008 में मालेगांव ब्लास्ट केस के आरोपी रामजी कालसांगरा करीब पिछले 17 साल से लापता हैं. कलसांगरा को ढूढ़ने कि प्रक्रिया अभी तक जारी है, पुलिस इस मामले कि जांच करते हुए कलसांगरा के बेटे देवव्रत कलसांगरा के घर पहुंची वहां देवव्रत से पुलिस द्वारा पूछताछ की गई.
इंदौर के रहने वाले देवव्रत कलसांगरा से पूछताछ के दौरान वो भावुक हो उठे उन्होंने बताया उनके पिता रामजी कलसांगरा पिछले 17 साल से गायब हैं. आखिरी बार उनकी अपने पिता से मुलाकात 9 अक्टूबर 2008 में दशहरा के दिन हुई थी. जिसके बाद उनके पिता जी अब तक गायब हैं, उनका कहना है की एनआईए ने उनके पिता को जानबूझ कर आरोपी बनाया है.
साध्वी सहित अन्य आरोपी को किया बरी
दरअसल, 29 सितंबर 2008 को मालेगांव के भीकू चौक पर शकील गुड्स ट्रांसपोर्ट की दुकान के बाहर बाइक में बम ब्लास्ट हुआ था, जिसकी सुनवाई के दौरान एनआईए ने कोर्ट में कलसांगरा को इम मामले का आरोपी बताया और एटीएस द्वारा 28 या 29 अक्टूबर साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को और अन्य आरोपियों को इस मामले में गिरफ्तार कर लिया गया था. वहीं, 31 जुलाई को कोर्ट में मालेगांव ब्लास्ट केस कि पेशी हुई, जिसमें फैसला सुनाते हुए एनआईए कोर्ट ने साध्वी प्रज्ञा समेत इस केस के 7 आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया.
एनआईए से पूछताछ करने पर कोई जवाब नहीं
देवव्रत का कहना है कि उन्होंने अपने पिता का पता कई बार एटीएस और एनआईए से पूछा लेकिन हर बार उन्हें कोई जवाब या पता नहीं मिला, उन्होंने बताया उनके पिता कलसांगरा बाल्यकाल संघ से जुड़े थे और वह एक अच्छे देशभक्त थे, देवव्रत से उनकी मां के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया उनकी मां का कहना है कि उनके पति रामजी कलसांगरा अभी भी जिन्दा है. वह आज भी मांग में सिन्दूर भरती है.
परिवार को करना पड़ा संघर्ष
उनका कहना है की इस घटना के बाद उनके परिवार को बहुत संघर्ष करना पड़ा था. उस वक्त देवव्रत काफि छोटे थे, पिता के गायब होने के बाद तीनों भाइयों की जिम्मेदारी मां पर आ गई थी और हमेशा घर में कोई न कोई जांच एजेंसी का अफसर आता था. पूछताछ करता था, साथ ही समाज उनके पिता को हिंदू आतंकवादी कहने लगा और परिवार को हीन नजरों से देखा गया, जिस कारण उनकी मां मानसिक रूप से परेशान रहने लगी, देवव्रत के चाचा शिवनारायण कलसांगरा को भी एटीएस 2008 में बिना किसी कसुर के गिरफ्तार कर उन्हें हिरासत में लिया. उन्हें जेल में टॉर्चर किया गया और उन्हें झूठा इल्जाम में फंसाया गया, 2017 में एमआईए द्वारा उन्हें सारे आरोपों से बरी किया गया,
क्या कस्टडी में हुई कलसांगरा कि हत्या
देवव्रत ने पुलिस को बताया कि साल 2017 में महाराष्ट्र के एटीएस रिटायर्ड इंस्पेक्टर मेहबूब मुजावर ने कोर्ट में एफिडेविट देकर कहा कि उनके पिताजी और उनके साथी संदीप डांगे को एटीएस की कस्टडी में हत्या कर दी गई है. जिसको सुनने के बाद हमने जांच एजेंसी और कोर्ट से इस पर जांच करने और डेथ बॅाडी देने की अपिल की. लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं मिला, जिस पर शंका जताया जा रहा है कि एटीएस ने उनके पिता को पकड़ा है या नहीं.
सोर्स दैनिक भास्कर
ये भी पढ़ें- Sadhvi Pragya Thakur: चंबल में जन्म, साध्वी से सांसद तक का सफर, कौन हैं मालेगांव ब्लास्ट में बरी हुई साध्वी प्रज्ञा
ये भी पढ़ें- खत्म नहीं हुआ यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे का विवाद, जली राख के निपटारे पर HC ने सरकार से मांगा जवाब
मध्य प्रदेश हर खबर पढ़ने के लिए ज़ी न्यूज़ से जुड़े रहें! यहां पढ़ें MP Breaking News in Hindi. इंदौर की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें. मध्य प्रदेश की हर ख़बर सबसे पहले आपके पास, क्योंकि हम रखते हैं आपको हर पल के लिए तैयार.