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MP Politics: जहां से हुई दुर्दशा वहीं से शुरू होगा दुरुस्ती का प्लान, क्यों पटवारी के निशाने पर आए सिंधिया

MP Lok Sabha Elections: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को जीत की पूरी उम्मीदे थी, लेकिन नतीजों ने उन उम्मीदों को धूमिल कर दिया. पार्टी को जिस रीजन में सबसे ज्यादा उम्मीद थी, वहीं झटका लगा, ऐसे में अब यहां कांग्रेस ने नए सिरे से तैयारियां शुरू की हैं. 

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कांग्रेस ने शुरू की लोकसभा चुनाव की तैयारियां
कांग्रेस ने शुरू की लोकसभा चुनाव की तैयारियां
Arpit Pandey|Updated: Jan 10, 2024, 05:56 PM IST
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Jitu Patwari Target Scindia: राजनीति में कहा जाता है कि जहां सबसे ज्यादा कमजोर हो वहीं से सबसे मजबूत शुरूआत करो, मध्य प्रदेश में कांग्रेस अब कुछ ऐसा ही करने की तैयारी में है. विधानसभा चुनाव में पार्टी को ग्वालियर-चंबल अंचल से अच्छी उम्मीद थी, लेकिन यहां कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा, जबकि चुनाव से पहले कांग्रेस के सर्वे उसके पक्ष में जा रहे थे. खैर विधानसभा चुनाव की हार को पीछे छोड़कर पार्टी अब लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटती नजर आ रही है. कांग्रेस लोकसभा चुनाव की तैयारियां भी ग्वालियर-चंबल अंचल से ही करने जा रही हैं. 

जहां से दुर्दशा वहीं से दुरुस्ती 

दरअसल, विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को ग्वालियर चंबल में करारी हार का सामना करना पड़ा, डॉ. गोविंद सिंह, लाखन सिंह यादव, लक्ष्मण सिंह जैसे दिग्गज नेताओं को यहां हार का सामना करना पड़ा, एक तरह से यहां नतीजों में पार्टी की दुर्दशा हो गई, ऐसे में लोकसभा चुनाव में पार्टी के नए अध्यक्ष जीतू पटवारी और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने यही से पार्टी को दुरुस्त करने का प्लान बनाया है. राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' भी इसी अंचल से गुजरने वाली है, जहां लोकसभा की 4 सीटें आती हैं, ऐसे में पार्टी के निशाने पर सिंधिया भी आ गए हैं. 

पटवारी ने साधा सिंधिया निशाना 

प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद पहली बार ग्वालियर-चंबल के दौरे पर पहुंचे कांग्रेस के नए प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सबसे पहले बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पर ही निशाना साधा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने कभी भी 'ज्योतिरादित्य सिंधिया को सीएम का चेहरा नहीं बनाया था, 2018 का विधानसभा चुनाव सामूहिक नेतृत्व में लड़ा गया था. मैं भी चुनावी अभियान का हिस्सा था. आज भी कांग्रेस पार्टी हर लड़ाई मिलकर ही लड़ रही है.'

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क्यों निशाने पर हैं सिंधिया 

राजनीतिक जानकार मानते हैं कि 2020 में सिंधिया की वजह से ही मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिरी थी. ऐसे में पार्टी उनको फिलहाल सबसे बड़ा विलेन मानती है, जबकि इस बार भी सिंधिया ने विधानसभा चुनाव में राज्य की राजनीति में अपनी उपयोगिता का लोहा मनवाया है. यानि सिंधिया कही न कही ग्वालियर-चंबल में तो कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती हैं. खास बात यह है कि राहुल गांधी भी अब लोकसभा चुनाव में एक्शन करने की तैयारी में हैं, ऐसे में जीतू पटवारी ने भी अभी से ग्वालियर-चंबल में भारत जोड़ो न्याय यात्रा का रोडमैंप तैयार करना शुरू कर दिया है, सिंधिया के क्षेत्र में जाकर उन्हें टारगेट करना तो फिलहाल यही दर्शा रहा है. 

जीतू पटवारी और उमंग सिंघार ने पार्टी के सभी सीनियर नेताओं के साथ बैठक करने के बाद ही कैंपेनिंग शुरू की है, माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में तीनों नेता पूरे प्रदेश का दौरा करेंगे, जिसमें आगामी लोकसभा चुनाव की कमजोरियों और मजबूतियों पर काम किया जाएगा. 

कटारे के गढ़ से शुरुआत 

कांग्रेस ने ग्वालियर-चंबल में प्रचार की शुरुआत भिंड जिले के अटेर से की है, उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे इस सीट पर अटेर बीजेपी के कद्दावर नेता और मंत्री अरविंद भदौरिया को चुनाव हराकर विधानसभा पहुंचे हैं, जिसके चलते उन्हें पार्टी ने बड़ी जिम्मेदारी दी है. ऐसे में कांग्रेस पार्टी अपने कार्यकर्ताओं को यह मैसेज देने की कोशिश में भी जुटी हैं कि लोकसभा चुनाव की लड़ाई फ्रंड पर ही लड़ी जाएगी. 

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