Kailash Vijayvargiya Target Congress: लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस प्रत्याशियों की दूसरी लिस्ट में भी मध्य प्रदेश से कमलनाथ और दिग्विजय सिंह जैसे बड़े नाम नदारद थे. ऐसे में जब मंडला पहुंचे मोहन सरकार में सीनियर मंत्री कैलाश विजयवर्गीय से इस पर सवाल किया गया तो उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि दिग्विजय और नाथ क्या अब तो पूरी कांग्रेस हार चुकी है. इसके अलावा उन्होंने आने वाले समय में कांग्रेस और सीनियर नेताओं के बीजेपी में शामिल होने के संकेत दिए हैं.
'कांग्रेस के पास उम्मीदवार नहीं है'
दरअसल, जब कैलाश विजयवर्गीय से कमलनाथ और दिग्विजय सिंह को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा 'कमलनाथ या दिग्विजय सिंह के पास क्या कांग्रेस के पास कई सीटों पर उम्मीदवार ही नहीं है. क्योंकि उनको यह बात मालूम है कि देश की जनता ने फिर से पीएम मोदी को पीएम बनाने का तय कर लिया है. ऐसे में मैं ऐसे उदाहरण भी बता सकता हूं कि जहां कांग्रेस अपने नेताओं से कहती है कि आपको चुनाव लड़ना है, तो वह लोग हमारे पास आ जाते हैं, इसलिए कांग्रेस के पास फिलहाल लड़ने के उम्मीदवार ही नहीं हैं.'
कई नेता बीजेपी का दामन थामेंगे
वहीं कैलाश विजवयर्गीय ने एक बार फिर कांग्रेस नेताओं के बीजेपी में आने के संकेत भी दिए हैं. उन्होंने कहा 'कमलनाथ और दिग्विजय सिंह को छोड़िए, अभी तो आने वाले समय में कांग्रेस के कई और बड़े नेता बीजेपी का दामन थामेंगे.' ऐसे में विजयवर्गीय का बयान अहम माना जा रहा है. क्योंकि अब तक मध्य प्रदेश में कांग्रेस में कई नेता बीजेपी का दामन थाम चुके हैं, जबकि विजयवर्गीय के बयान से सियासी हलचल तेज होती नजर आ रही है. क्योंकि उनसे पहले भी सीएम मोहन और वीडी शर्मा भी इस तरह के संकेत दे चुके हैं.
छिंदवाड़ा में भी जीत का किया दावा
वहीं मंडला से पहले वह जबलपुर में थे. यहां भी कैलाश विजयवर्गीय ने बड़ा दावा किया है. उन्होंने कहा 'इस बार मध्य प्रदेश की सभी 29 लोकसभा सीटों पर बीजेपी जीत हासिल करेगी. छिंदवाड़ा में चाहे कमलनाथ लड़ें या नकुलनाथ लेकिन बीजेपी को फर्क नहीं पड़ता हम इस बार छिंदवाड़ा में जीत हासिल करेंगे. उन्होंने कहा कि इस बार बीजेपी का 400 पार का नारा पूरा होगा. कांग्रेस में तो यह स्थिति है कि जिसके पास चार पांच सौ करोड़ रुपए हैं, उसी को कांग्रेस का टिकट मिल रहा है.'
बता दें कि सियासी गलियारों में दिग्विजय सिंह और कमलनाथ के भी लोकसभा चुनाव लड़ने की बात कही जा रही है. हालांकि कमलनाथ चुनाव लड़ने से मना कर चुके हैं, जबकि दिग्विजय सिंह को लेकर भी अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं है.
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