Madhya Pradesh Politics: दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में हुई मुलाकात चर्चा में बनी हुई है. क्योंकि लंबे समय बाद दोनों एक कार्यक्रम में मिले तो सियासत का शिष्टाचार फिर देखने को मिला, जिसके बाद पुरानी कहावत फिर चर्चा में है कि दल मिले न मिले, दिल मिले रहना चाहिए. भोपाल में आयोजित एक कार्यक्रम में दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया दोनों पहुंचे हुए थे. इस दौरान दिग्विजय दर्शकदीर्घा में लगी कुर्सियों में पहली लाइन में जाकर बैठ गए. वहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया मंच पर थे. ऐसे में जैसे ही सिंधिया की नजर दिग्विजय सिंह पर पड़ी तो वह तुरंत मंच से नीचे उतरे और दिग्विजय सिंह के पास पहुंचकर उनकों नमस्कार करते हुए तुरंत मंच पर ले गए. यह सियासी शिष्टाचार चर्चा में है. वहीं एक चर्चा यह भी चल रही है क्या सिंधिया दिग्विजय सिंह की कसम तुड़वा दी.
दिग्विजय सिंह-ज्योतिरादित्य सिंधिया से जुड़ा है मामला
दरअसल, ज्योतिरादित्य सिंधिया जब दिग्विजय सिंह को नमस्कार करने के बाद मंच पर ले गए तो सभागार में जमकर तालियां बजी. राजनीतिक जानकार इसे शिष्टाचार बता रहे हैं. जिसमें लोगों को सम्मान और मर्यादा देखने को मिली. वहीं जब यह वीडियो वायरल हुआ तो कुछ लोग यह कहते भी नजर आ रहे हैं कि महाराजा ने राजा का संकल्प तुड़वा दिया. क्योंकि दिग्विजय सिंह ने मंच पर नहीं बैठने का संकल्प लिया था. लेकिन दोनों मंच पर बैठे और एक दूसरे से बातचीत भी करते नजर आए.
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मंच पर नहीं बैठने का लिया था संकल्प
बता दें कि 28 अप्रैल 2025 को ग्वालियर में आयोजित कांग्रेस की रैली में दिग्विजय सिंह ने भाषण देते हुए कभी भी मंच पर नहीं बैठने का ऐलान किया था. जिसके बाद वह मंच पर नहीं पहुंचते थे, जबलपुर में आयोजित कांग्रेस की रैली में भी वह मंच पर नहीं गए थे. लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया के आग्रह पर दिग्विजय सिंह मंच पर गए थे.
यह राजनीतिक कार्यक्रम नहीं था
हालांकि यहां एक बात यह भी जानना जरूरी है कि भोपाल में आयोजित यह कार्यक्रम राजनीतिक नहीं था. ऐसे में दिग्विजय सिंह मंच पर गए और ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके बीच शिष्टाचार का संवाद हुआ था. इसलिए इसे एक दम राजनीति से जोड़ना भी सही नहीं है. क्योंकि कार्यक्रम के बाद जब दोनों बाहर निकले तो उन्होंने कोई राजनीतिक बयान नहीं दिया था. सिंधिया ने इस मुलाकात पर कहा 'दिग्विजय सिंह सीनियर नेता हैं और मैं हम उनका हमेशा सम्मान करते हैं.' वहीं दिग्विजय सिंह ने इस पर कोई बयान नहीं दिया था. इसलिए यह मुलाकात शिष्टाचार की थी. क्योंकि भले ही ज्योतिरादित्य सिंधिया बीजेपी में चले गए. लेकिन दोनों नेताओं के बीच अक्सर ऐसी तस्वीरें आती रहती हैं, जहां दोनों एक दूसरे से शिष्टाचार मुलाकात करते हुए नजर आते हैं. संसद में भी दोनों नेता कई बार मिले हैं. (सोर्स दैनिक भास्कर)
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