trendingNow/india/madhya-pradesh-chhattisgarh/madhyapradesh12668005
Home >>MP-Politics

UP में हुआ MP के पूर्व CM दिग्विजय सिंह की जमीन का फर्जीवाड़ा, 35 साल बाद खुलासा

Digvijay Singh: मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह की जमीन से जुड़ा एक फर्जीवाड़े का मामल सामने आया है, यह मामला यूपी के अंबेडकर नगर का है.

Advertisement
मध्य प्रदेश की खबरें
मध्य प्रदेश की खबरें
Arpit Pandey|Updated: Mar 03, 2025, 07:01 PM IST
Share

MP Politics: एमपी के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह गुना जिले की राघोगढ़ रियासत के राजा भी कहलाते हैं, उनके नाम से कई जमीने भी हैं. लेकिन यूपी के अंबेडकर नगर जिले में उनकी स्वर्गीय मां के नाम से एक जमीन थी जिसका किसी और के नाम पर बैनामा कर दिया गया. जब यह फर्जी बैनामा 35 साल बाद सामने आया तो इसका खुलासा हुआ. बताया जा रहा है कि फर्जी बैनाम के दम पर ही जो लोग खुद जमीन के मालिक बने थे उन्होंने इस पर निर्माण कार्य शुरू करा दिया था. इस जमीन की देखभाल करने वाले शख्स ने पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह को इसकी जानकारी दी है, जिसके बाद उन्होंने पूरे मामले की शिकायत अंबेडकर नगर जिले के प्रशासन से की है. 

अंबेडकर नगर जिले के महुवर गांव का मामला

दरअसल, मामला यूपी के अंबेडकर नगर जिले में आने वाले रामनगर महुवर गांव का है, यहां के डीएम और एसडीएम को दिग्विजय सिंह ने एक शिकायत भेजी है, जिसमें बताया गया कि 21 फरवरी को उनकी पेतृक जमीन पर काम शुरू हुआ है, ऐसे में जैसे ही इसकी शिकायत प्रशासन के पास पहुंची तो तुरंत ही काम रुकवा दिया गया और जमीन के कागजों की जांच शुरू हुई. क्योंकि प्रशासन को भी यह मामला संदिग्ध लग रहा है. क्योंकि इस जमीन के कई केयरटेकर सामने आ रहे हैं. बता दें कि गाटा संख्या 1235 की 0.152 हेक्टेयर जमीन दिग्विजय सिंह के नाम पर दर्ज है. 

ये भी पढ़ेंः कमलनाथ का वो बयान जिस पर MP में सियासी घमासान, छिंदवाड़ा में कांग्रेस का प्रदर्शन

दिग्विजय सिंह की मां को मिली थी जमीन 

बता दें कि यह जमीन दिग्विजय सिंह की स्वर्गीय मां को मिली थी, जिनका निधन 18 फरवरी 1986 को हुआ था, ऐसे में उनकी यह जमीन दिग्विजय सिंह और उनके छोटे भाई लक्ष्मण सिंह के नाम पर हो गई. आज के वक्त में इस जमीन की कीमत 50 लाख रुपए से ज्यादा बताई जा रही है. जमीन की देखरेख करने वाली अनिल यादव ने बताया कि गांव में ही रहने वाले रामहरक चौहान नाम के एक शख्स ने खुद को दिग्विजय सिंह का पावर ऑफ अटॉर्नी बताकर यह जमीन का बैनामा राजबहादुर, मंगली और जियालाल के नाम बैनामा कर दिया, ऐसे में जैसे ही इस जमीन पर निर्माण काम शुरू हुआ तो इसकी जानकारी दिग्विजय सिंह तक पहुंची. 

राघोगढ़ रियासत के राजा भी हैं दिग्विजय सिंह 

भले ही लोकतंत्र में रियासतों का दौर खत्म हो गया, लेकिन दिग्विजय सिंह राघोगढ़ रियासत से संबंध रखते हैं और इस रियासत के राजा भी माने जाते हैं, ऐसे में उन्हें आज भी कई लोग राजासाब कहते हैं. इतिहास के हिसाब से इस जमीन का संबंध दिग्विजय सिंह की मौसी विमला देवी से है, जिनकी शादी राजा महेश्वरी से हुई थी. लेकिन जब भूमि अधिग्रहण का अधिनियम शुरू हुआ तो राजा महेश्वरी ने इस जमीन को सीलिंग में जाने से बचाने के लिए दिग्विजय सिंह की मां अपर्णा देवी के नाम कर दिया था. जबकि उनके निधन के बाद यह जमीन उनके नाम आ गई थी. इसलिए 35 साल बाद यह मामला चर्चा में आया है. 

ये भी पढ़ेंः फिर चर्चा में हर्षा रिछारिया, जानिए भोपाल के थाने में क्यों दर्ज कराई FIR

मध्य प्रदेश नवीनतम अपडेट्स के लिए ज़ी न्यूज़ से जुड़े रहें! यहां पढ़ें MP Breaking News in Hindi हर पल की जानकारी । मध्य प्रदेश  की हर ख़बर सबसे पहले आपके पास, क्योंकि हम रखते हैं आपको हर पल के लिए तैयार। जुड़े रहें हमारे साथ और बने रहें अपडेटेड! 

Read More
{}{}