Hemant Khandelwal: मध्य प्रदेश में बीजेपी को आज अपना नया मुखिया मिल गया है. इस रेस में सबसे मजबूत नाम बैतूल विधायक हेमंत खंडेलवाल का था और उन्हें ही अध्यक्ष बनाया जा रहा है. सीएम मोहन यादव से लेकर संघ और बाकि बड़े नेता भी हेमंत खंडेलवाल के नाम पर सहमत थे और सभी ने एक सुर में हेमंत के नाम का समर्थन किया. सीएम मोहन यादव और दोनों डिप्टी सीएम ने खुद उनका नामांकन जमा करवाया, ऐसे में यह जानना भी जरूरी हो जाता है कि हेमंत खंडेलवाल बीजेपी के नए मुखिया क्यों बन रहे हैं. जिसकी कई राजनीतिक वजहें बताई जा रही हैं.
कौन हैं हेमंत खंडेलवाल
हेमंत खंडेलवाल फिलहाल बैतूल विधानसभा सीट से बीजेपी के विधायक हैं और उन्हें राजनीति विरासत में मिली है. हेमंत के पिता विजय कुमार खंडेलवाल बीजेपी के दिग्गज नेता थे और बैतूल से सांसद थे. 2008 में उनके निधन के बाद हेमंत खंडेलवाल पूरी तरह से राजनीति में सक्रिए हुए थे, वह पिता के निधन के बाद 2008 में पहली बार लोकसभा चुनाव जीतकर सांसद बने थे. इसके बाद 2013 के विधानसभा चुनाव में वह बैतूल विधानसभा सीट से बीजेपी के विधायक चुने गए थे, जबकि 2023 में वह दूसरी बार बैतूल विधानसभा सीट से बीजेपी के विधायक चुने गए हैं. हेमंत मध्य भारत अंचल में बीजेपी का बड़ा नाम माने जाते हैं, अब हेमंत मध्य प्रदेश बीजेपी के मुखिया की जिम्मेदारी निभाएंगे.
हेमंत खंडेलवाल पर क्यों बीजेपी ने लगाया दांव
निर्विवाद छवि
हेमंत खंडेलवाल के पास सियासी अनुभव पुराना है, लेकिन उनकी सबसे बड़ी खासियत यह निर्विवाद छवि का होना है. बताया जा रहा है कि उनके नाम पर मध्य प्रदेश बीजेपी के सीनियर नेता भी राजी हैं, क्योंकि हेमंत के बाद संगठन में काम करने का पुराना अनुभव रहा है, पार्टी के कोषाध्यक्ष और बैतूल के जिला अध्यक्ष भी रह चुके हैं. जिससे उनके नाम पर सहमति बनती दिख रही है.
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मध्यभारत अंचल को प्रतिनिधित्व देना
मध्य प्रदेश देशभर में बीजेपी के सबसे मजबूत गढ़ों में से एक माना जाता है, ऐसे में यहां हर अंचल का प्रतिनिधित्व बनाए रखना बीजेपी के लिए सबसे बड़ी चुनौती होती है. राजनीतिक जानकारों का मानना है कि हेमंत खंडेलवाल का मध्यभारत अंचल से आना एक बड़ी वजह है. दरअसल, वर्तमान में सीएम मोहन यादव मालवा से आते हैं, जबकि डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा भी मालवा का प्रतिनिधित्व करते हैं, डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला विंध्य का प्रतिनिधित्व करते हैं, जबकि महाकौशल और बुंदेलखंड से मंत्रिमंडल में मंत्रियों की लंबी फेहरिस्त हैं, ऐसे में मध्यभारत अंचल का प्रतिनिधित्व बनाने के लिए हेमंत खंडेलवाल को बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है.
संघ से जुड़ाव
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि अगर हेमंत खंडेलवाल बीजेपी के नए प्रदेश अध्यक्ष बनते हैं तो इसकी सबसे बड़ी वजह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी होगा, क्योंकि आरएसएस से उनका गहरा जुड़ाव माना जाता है, जो उनके लिए सबसे बड़ा प्लस प्वाइंट माना जा रहा है. राजनीतिक जानकार मानते हैं कि संघ के चलते ही उनके राज्य स्तरीय और राष्ट्रीय स्तर पर नेताओं से अच्छे संपर्क हैं, जिससे वह सत्ता और संगठन में समन्वयय बनाने में सफल हो सकते हैं. 2023 के विधानसभा चुनाव में पीएम मोदी ने भी बैतूल में रेली की थी.
सियासी अनुभव
हेमंत खंडेलवाल के पास सियासी अनुभव भी लंबा है, सांसद और विधायक रहने से उन्हें सत्ता का अनुभव है, जबकि लंबे समय तक वह बीजेपी में अलग-अलग पदों पर रहे हैं, ऐसे में संगठन में काम करने का भी भी उनका पुराना अनुभव रहा है. लोकल मीडिया और सोशल मीडिया पर भी उनकी पकड़ अच्छी मानी जाती है, बीजेपी के जानकारों का माना है कि वह भाजपा के लिए एक अच्छी टीम बना सकते हैं.
ये भी अहम वजह
अगर हेमंत खंडेलवाल बीजेपी के नए अध्यक्ष बनते हैं तो एमपी में एक बड़ा सियासी परिवर्तन बीजेपी में दिखेगा. दरअसल, लंबे समय से बीजेपी मध्य प्रदेश में लोकसभा या राज्यसभा से जुड़े किसी सांसद को ही अध्यक्ष बनाती रही है. ऐसे में अगर हेमंत खंडेलवाल को अध्यक्ष बनाती है तो लंबे समय बाद बीजेपी को विधायक के रूप में प्रदेश अध्यक्ष बनेगा, यानि विधानसभा में सीएम और प्रदेश अध्यक्ष दोनों के होने से सदन में पार्टी और मजबूती से सामने आ सकती है.
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