MP News: मोहन सरकार ने मध्य प्रदेश ओबीसी आयोग के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी एक बार फिर पूर्व मंत्री डॉ. रामकृष्ण कुसमारिया को सौंपी है, जिसके बाद उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिलेगा. वहीं पूर्व मंत्री और बीजेपी के सीनियर नेता गौरीशंकर बिसेन की बेटी मौसम बिसेन को भी मप्र पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग में सदस्य बनाया गया है. रामकृष्ण कुसमारिया पहले से ही इस पद की जिम्मेदारी निभा रहे थे, जबकि अब उन्हें एक और कार्यकाल दिया गया है, जिसकी अधिसूचना सरकार की तरफ से जारी कर दी गई है. वहीं उनकी नियुक्ति के बाद से ही एमपी में एक बार फिर निगम मंडलों में नियुक्तियों की अटकलें तेज हो गई हैं. माना जा रहा है कि आने वाले कुछ समय में मोहन सरकार खाली पड़े निगम मंडलों में भी राजनीतिक नियुक्तियां कर सकती है, जिसको लेकर भोपाल में भी हलचल तेज है.
बीजेपी ने एक तीर से सीधे दो निशानें
दरअसल, बीजेपी ने एक बार फिर से पूर्व मंत्री रामकृष्ण कुसमारिया को ओबीसी आयोग का अध्यक्ष बनाकर एक तीर से दो निशाने साधे हैं. रामकृष्ण कुसमारिया बुंदेलखंड अंचल के दमोह जिले से आते हैं और सांसद और पूर्व मंत्री भी रह चुके हैं, बीजेपी के सीनियर नेता माने जाते हैं, लेकिन 2013 के विधानसभा चुनाव के बाद से ही उन्हें टिकट नहीं मिला था, ऐसे में बीजेपी ने यह मैसेज देने की कोशिश की है कि भाजपा अपने सीनियर नेताओं का ख्याल रख रही है और उन्हें दूसरी अहम जिम्मेदारियां भी सौंप रही है. वहीं ओबीसी वर्ग से आने वाले बुंदेलखंड के सीनियर नेता को जिम्मेदारी देकर बीजेपी ने जातिगत समीकरण भी साधने की कोशिश की है.
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बता दें कि मप्र पिछ़ड़ा वर्ग कल्याण आयोग का गठन 2021 में हुआ था और 2 सितंबर को इसकी अधिसूचना जारी हुई थी, उस वक्त दो साल के लिए आयोग के अध्यक्ष का समय तय किया गया था. तब 3 सितंबर 2021 को पूर्व मंत्री गौरीशंकर बिसेन को यह जिम्मेदारी सौंपी गई थी, वहीं अब यह पूर्व मंत्री रामकृष्ण कुसमारिया को इस आयोग का दूसरा अध्यक्ष बनाया गया है. पूर्व मंत्री गौरीशंकर बिसेन की बेटी मौसम बिसेन को इस टीम में सदस्य बनाया गया है.
मध्य प्रदेश में दो ओबीसी आयोग
खास बात यह है कि मध्य प्रदेश में ओबीसी वर्ग के दो-दो आयोग हैं. 1993 में राज्य में मप्र राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन हुआ था. कमलनाथ सरकार के दौरान यह आयोग फिर से एक्टिव हुआ था और उस वक्त सीनियर वकील जेपी धनोपिया को इसका अध्यक्ष बनाया गया था. लेकिन बाद में कमलनाथ सरकार गिर गई और बाद में बीजेपी सरकार ने मप्र पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग का गठन किया था, जिसने ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने की रिपोर्ट पेश की थी. अब दोनों आयोग के अध्यक्ष की जिम्मेदारी डॉ रामकृष्ण कुसमारिया के पास ही रहेगी. हालांकि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि दोनों के काम अलग-अलग हैं.
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