MP Politics: मध्य प्रदेश में कांग्रेस भी लगातार संगठन को मजबूत बनाने में जुटी हुई है, जिसमें सबसे अहम जिलाध्यक्ष के चयन की भूमिका मानी जा रही है. माना जा रहा है कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस जुलाई के महीने में जिलाध्यक्षों की घोषणा कर सकती है. क्योंकि मप्र कांग्रेस के जिलाध्यक्षों के लिए चल रही रायशुमारी फिलहाल पूरी हो गई है, जिसके बाद अलग-अलग जिलों में बनाए ऑब्जर्वरों ने अपना पैनल एआईसीसी को भेजना शुरू कर दिया है, ऐसे में माना जा रहा है कि जुलाई में जिलाध्यक्षों को चयन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी, जिसमें कुछ नए जिलाध्यक्ष बनाए जा सकते हैं, जबकि कुछ को रिपीट भी किया जा सकता है.
गुजरात की तर्ज पर बनेंगे एमपी के जिलाध्यक्ष
बताया जा रहा है कि मध्य प्रदेश में भी गुजरात की तर्ज पर कांग्रेस जिलाध्यक्षों की नियुक्तियां करने वाली हैं. सोमवार को रायशुमारी का अंतिम दिन था, क्योंकि इसके बाद कांग्रेस आलाकमान को दिल्ली में नामों को पैनल भेज दिया गया है, जहां दिल्ली से नाम फाइनल होते ही जिलाध्यक्षों की घोषणा शुरू होगी. इस पैनल में यह भी जानकारी भेजी गई कि जो जिलाध्यक्ष अच्छा काम कर रहे हैं, उनकी रिपोर्ट भी संगठन को भेजी गई है, ऐसे में माना जा रहा है कि जो जातिगत समीकरणों में फिट हो रहे होंगे उन्हें जिलाध्यक्ष बने रहने दिया जा सकता है.
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25 फीसदी जिलाध्यक्ष होंगे रिपीट ?
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मध्य प्रदेश में कांग्रेस 25 फीसदी जिलाध्यक्षों को रिपीट कर सकती है, क्योंकि रायशुमारी के बाद ऑब्जर्वरों की जो लिस्ट कांग्रेस आलाकमान के पास पहुंची है उसमें यह स्पष्ट हो गया है कि फिलहाल मध्य प्रदेश में तैनात कुछ जिलाध्यक्ष अच्छा काम कर रहे हैं, जिन्हें रिपीट किया जा सकता है, इनमें भी जो जिलाध्यक्ष युवा हैं उनके रिपीट होने की संभावना सबसे ज्यादा बन रही है. क्योंकि कांग्रेस का संगठन इस बार जिलाध्यक्षों को ज्यादा पॉवर देने की बात पहले ही कह चुका है, ऐसे में पार्टी ऐसे जिलाध्यक्ष को चाहती है जो जिले में न केवल सक्रिए हो बल्कि सरकार के खिलाफ भी आक्रामक हो.
जीतू पटवारी की नई टीम
बता दें कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस संगठन के हिसाब से 70 जिले आते हैं, जिनमें 55 शहरी और 15 ग्रामीण जिले हैं, जहां दो जिलाध्यक्ष यानि शहरी और ग्रामीण की नियुक्तियां की जाती हैं, फिलहाल 5 जिलों में जिलाध्यक्ष नहीं हैं, ऐसे में माना जा रहा है कि कांग्रेस सबसे पहले जिलाध्यक्षों के नाम का ऐलान यही कर सकती है, जबकि बाकि बचे हुए 65 में से 16 जिलों में जिलाध्यक्ष रिपीट हो सकते हैं, जबकि बाकि जिलों में इस बार नए जिलाध्यक्षों की निुयक्तियां होगी. माना जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी जुलाई के महीने में मध्य प्रदेश के सभी जिलों में जिलाध्यक्षों की नियुक्तियां पूरी कर देगी. दरअसल, मध्य प्रदेश में 2027 में नगरीय निकाय चुनाव होने वाले हैं, ऐसे में कांग्रेस उससे पहले ही सभी जिलों में अपना पूरा संगठन एक्टिव करने में जुटी है. (सोर्स दैनिक भास्कर)
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