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MP में MLA वाली कन्फ्यूजन: कांग्रेस की विधायक BJP में हैं या नहीं, अब HC का रूख

MLA Nirmala Sapre: मध्य प्रदेश में एक महिला विधायक को लेकर इतनी कन्फ्यूजन हो गई है कि राजनीतिक दलों से लेकर आम आदमी भी इस सस्पेंस में हैं कि वह आखिर किस दल में हैं, कांग्रेस अब इस मामले में हाईकोर्ट जाने वाली है. 

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विधायक निर्मला सप्रे की सदस्यता को लेकर कन्फ्यूजन
विधायक निर्मला सप्रे की सदस्यता को लेकर कन्फ्यूजन
Arpit Pandey|Updated: Nov 04, 2024, 03:38 PM IST
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मध्य प्रदेश की राजनीति भी अजब-गजब ही है. क्योंकि प्रदेश में एक महिला विधायक को लेकर कन्फ्यूजन बढ़ती जा रही है. उन्होंने विधानसभा का चुनाव कांग्रेस के टिकट पर जीता था, लेकिन लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी में शामिल हो गई. पांच महीने का वक्त गुजर गया है, लेकिन न विधायक पद से इस्तीफा दिया और न ही औपचारिक रूप से बीजेपी ज्वाइन की है. जिससे अब कांग्रेस ने मामले में हाईकोर्ट का रूख करने की बात कही है. नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार का कहना है कि वह इस मामले में जल्द ही हाईकोर्ट जाएंगे. 

विधायक निर्मला सप्रे की सदस्यता का मामला 

दरअसल, सागर जिले की बीना विधानसभा सीट से विधायक निर्मला सप्रे कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीती थी. लेकिन लोकसभा चुनाव में प्रचार के दौरान 5 मई को वह अचानक बीजेपी में शामिल हो गईं. खुद सीएम मोहन ने उन्हें बीजेपी में शामिल करवाया था. सप्रे ने भी बीजेपी में जाने की बात कही और लगातार बीजेपी की बैठकों में शामिल होती रही. तब माना जा रहा था कि वह जल्द ही विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देगी. लेकिन उन्होंने 6 महीने का वक्त गुजरने के बाद भी इस्तीफा नहीं दिया है. जिससे कांग्रेस अब उनकी सदस्यता को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर करेगी. 

विधानसभा में गुम हो गए कागज 

नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार का कहना है कि निर्मला सप्रे की सदस्यता समाप्त करने के लिए मध्य प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर को याचिका दी गई थी. लेकिन 90 दिन बाद इस बात की जानकारी लगी है कि सदस्यता समाप्त करने संबंधी कागज ही गुम हो गए हैं. विधानसभा में कागज घुमना हास्यास्पद बात है, इसलिए हम लोग इस पूरे मामले को लेकर अब हाईकोर्ट जाएंगे. क्योंकि निर्मला सप्रे कांग्रेस की विधायक हैं, लेकिन पार्टी विरोधी गतिविधि कर रही हैं, उनकी सदस्यता बर्खास्त करने पार्टी से अलग करने हम कोर्ट में जाएंगे. 

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बीना को जिला बनाने पर अटका मामला 

दरअसल, बताया जा रहा है कि बीना को जिला बनाने के मुद्दे पर पूरा मामला अटक गया है. सूत्रों के मुताबिक निर्मला सप्रे ने इस बात को लेकर ही बीजेपी ज्वाइन की थी कि बीना को जिला बनाया जाए. लेकिन जिला बनाने का मामला अटक गया. जिसके बाद उन्होंने अब तक पद से इस्तीफा नहीं दिया है. निर्मला सप्रे कई बार मंच से यह बात बोल चुकी हैं कि वह इस्तीफा देने वाली हैं, लेकिन अब तक ऐसा हुआ नहीं है. 

कागजों में कांग्रेस विधायक, बीजेपी के कार्यक्रमों में होती हैं शामिल 

खास बात यह है कि निर्मला सप्रे भले ही बीजेपी में शामिल हो चुकी हैं, लेकिन विधानसभा के अनुसार वह कांग्रेस की विधायक हैं और कागजों में भी वह कांग्रेस की ही विधायक हैं. लेकिन कांग्रेस से उन्होंने पूरी तरह से दूरी बना ली है. इसके अलावा वह बीजेपी की बैठकों में शामिल हो रही हैं, लेकिन उन्होंने खुद यह बयान दिया है कि वह बीजेपी में शामिल नहीं हुई हैं. ऐसे में यह कन्फ्यूजन कब खत्म होगी यह देखना दिलचस्प होगा. 

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