MP Politics: कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन के बाद संगठन को नए तरीके से मजबूती देने की बात सामने आई है, जिसमें मध्य प्रदेश भी शामिल है. ऐसे में राष्ट्रीय अधिवेशन के बाद अब कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में सबसे पहले बुंदेलखंड पर फोकस किया है, क्योंकि कभी कांग्रेस के मजबूत गढ़ माना जाने वाला इस इलाके में भी पार्टी को लगातार चुनावों में अच्छी सफलता नहीं मिली है. ऐसे में अब कांग्रेस ने बुंदेलखंड से ही संगठन को मजबूत बनाने पर फोकस शुरू किया है, जिसके तहत पीसीसी चीफ जीतू पटवारी और एमपी कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी बुंदेलखंड अंचल के जिलों का दौरा करने निकल रहे हैं. बताया जा रहा यहां संगठनात्मक बैठकों पर सबसे ज्यादा फोकस किया जाएगा और उसी के बाद आगे की रणनीति तैयार होगी.
सागर, टीकमगढ़, छतरपुर का दौरा करेंगे कांग्रेस नेता
दरअसल, पीसीसी चीफ जीतू पटवारी और प्रदेश प्रभारी हरीष चौधरी 16 से 19 अप्रैल तक तीन दिन बुंदेलखंड के निवाड़ी, टीकमगढ, छतरपुर और सागर जिले का दौरा करेंगे. पहले दिल्ली में हुई मप्र कांग्रेस जिला अध्यक्षों की बैठक और फिर अहमदाबाद अधिवेशन के बाद सीनियर नेताओं का यह दौरा तय हुआ है. जहां दोनों दिग्गज यहां के स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ संवाद करेंगे और यही पर रात्रि विश्राम भी करेंगे, ताकि हर एक जिले से पूरा फीडबैक लिया जा सके. क्योंकि अहमदाबाद में तय की गई पार्टी की रणनीति और संगठन की मजबूती को लेकर कार्यकर्ताओं के साथ सीधा संवाद करने पर ही सबसे ज्यादा फोकस करने के लिए कहा गया था.
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बुंदेलखंड में भी बदले जाएंगे जिलाध्यक्ष
कांग्रेस मध्य प्रदेश में जल्द ही जिलाध्यक्षों को भी बदलने वाली है, जिसमें बुंदेलखंड अंचल के जिले भी शामिल हैं, ऐसे में प्रदेश, जिला, ब्लॉक और पंचायत स्तर पर बदलाव करने से पहले ही कांग्रेस आगे की रणनीति को तैयार कर रही है. खास बात यह है कि पार्टी को 50 साल से कम उम्र के जिलाध्यक्ष चुनने के लिए कहा गया है, ऐसे में जीतू पटवारी और हरीष चौधरी इस इलाके में जातियों के संतुलन के साथ-साथ युवाओं और महिलाओं के नेतृत्व पर भी फोकस रखेंगे. माना जा रहा है कि इन दौरों से ऐसे तेज तर्रार नेताओं की सूची तैयार हो रही है, जो सीधे प्रदेश सरकार के खिलाफ अपने-अपने जिले में मोर्चा खोल सके.
बुंदेलखंड में कांग्रेस का फोकस
दरअसल, 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को महज 4 विधानसभा सीटों पर जीत मिली थी, जबकि लोकसभा में यहां भी कांग्रेस का प्रदर्शन खराब रहा था. ऐसे में कांग्रेस यहां संगठन को नए तरीके से मजबूत बनाने में जुटी है. माना जा रहा है कि जब से जिलाध्यक्षों को ज्यादा अधिकार देने की बात सामने आई है, तब से कांग्रेस के नेता एक्टिव हुए हैं, यही वजह है कि हर जिले में कांग्रेस के जिला कार्यालय बनाने का फैसला भी हुआ है. वहीं बुंदेलखंड से भी युवा नेताओं को आगे लाने की प्लानिंग पर काम चल रहा है, जो प्रदेश स्तर पर एक्टिव होंगे. यही वजह है कि बुंदेलखंड में खोई हुई ताकत पाने के लिए कांग्रेस ने सबसे पहले बुंदेलखंड पर फोकस करने का प्लान बनाया है.
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