MP Assembly Session: मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग में गजब के ट्रांसफर हुए हैं. एमपी विधानसभा सत्र में मिली जानकारी के मुताबिक 4503 शिक्षकों ने ट्रांसफर की ऑनलाइन अर्जी लगाई थी, लेकिन 11 हजार 584 शिक्षकों के ट्रांसफर हुए हैं. विधानसभा में कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह की तरफ से यह सवाल किया गया था, जिसका जवाब स्कूल शिक्षा मंत्री राउदय प्रताप सिंह की तरफ से दिया गया था, इतना ही नहीं स्कूल शिक्षा विभाग की तरफ से शिक्षकों के तबादलों के लिए जो पोर्टल बनाया गया था, उस पर करीब 6 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे. ऐसे में इन आंकड़ों को चौंकाने वाला जरूर माना जा रहा है, वहीं इस पर सवाल भी उठ रहे हैं.
कांग्रेस उठा रही सवाल
एमपी स्कूल शिक्षा विभाग में हुए इस अजब-गजब ट्रांसफर पर अब कांग्रेस विधायक सवाल उठा रहे हैं. क्योंकि स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह की तरफ से विधानसभा में बताया गया कि शिक्षकों के ट्रांसफर के लिए नए पोर्टल 3.0 को तैयार किया गया था, जिसके लिए केंद्र सरकार की संस्था निक्सी को जिम्मेदारी दी गई थी, 9 सितंबर 2024 को इसका ऑर्डर स्कूल शिक्षा विभाग की तरफ से दिया गया था. जिसकी लागत 5 करोड़ 70 लाख 80 हजार 250 रुपए थी, वहीं इसकी अवधि पांच साल तय की गई थी. इस पोर्टल को लॉग इन करने का एक्सेस जिला, संभाग, विकासखंड, संकुल स्कूल, मध्यांश स्कूलों को दिया गया था. जबकि पोर्टल पर जो अधिकारी और कर्मचारी रजिस्ट्रर हैं उनके कामों की जानकारी भी इस पर दी गई थी. इसलिए इसी पोर्टल पर स्कूल शिक्षा विभाग के ट्रांसफर के आवेदन लिए गए थे.
ये भी पढ़ेंः दमोह में बाढ़ पीड़ितों को जल्द मिलेंगे PM आवास, कलेक्टर ने भेजा सरकार को प्रस्ताव
मंत्री की तरफ से बताया गया कि स्कूल शिक्षा विभाग के पास ऑनलाइन तरीके से 4 हजार 503 शिक्षकों के ट्रांसफर के आवेदन आए थे. जबकि विभाग में 11 हजार 584 शिक्षकों को ट्रांसफर हुए हैं, इनमें 7 हजार 976 शिक्षकों के ट्रांसफर स्वैच्छिक तरीके से किए गए हैं, जबकि 3 हजार 608 लोगों के ट्रांसफर प्रशासकीय स्तर पर हुए हैं.
मंत्री-विधायक में वार-पलटवार
वहीं इ मामले में स्कूल शिक्षा मंत्री रावउदय प्रताप सिंह और कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह के बीच वार-पलटवार भी देखने को मिला. कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह ने आरोप लगाया कि 5.70 करोड़ खर्च करके शिक्षकों के ट्रांसफर के लिए जो पोर्टल बनाया गया था वह तो क्रैश हो गया था, जबकि आजकल फ्री में वेबसाइटें बन जाती हैं फिर सरकार की तरफ से इतना पैसा क्यों खर्च किया गया था. वहीं नियम के मुताबिक करीब 10 प्रतिशत शिक्षकों के ट्रांसफर होने थे, लेकिन सरकार ने मात्र 4 से 5 प्रतिशत ट्रांसफर ही किए थे, अगर इतनी ही खामिया थी तो फिर ऑनलाइन आवेदन नहीं बुलाने थे. जबकि स्कूल शिक्षा विभाग की तरफ से 7976 शिक्षकों के स्वैच्छिक ट्रांसफर कैसे किए गए इसकी जानकारी सरकार को देनी चाहिए.
कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह के आरोपों पर मंत्री उदय प्रताप सिंह ने कहा कि भाजपा की सरकार नियम और दायरे में काम करने वाली सरकार है, यह बात कांग्रस को समझनी चाहिए. हमने जो ट्रांसफर पॉलिसी बनाई थी उसी के आधार पर अपना काम किया है.
ये भी पढ़ेंः भोपाल में खुलेगा जानवरों के लिए ब्लड बैंक, मिलेगा कुत्ते-बिल्ली और बकरी का खून
मध्य प्रदेश नवीनतम अपडेट्स के लिए ज़ी न्यूज़ से जुड़े रहें! यहां पढ़ें MP Breaking News in Hindi हर पल की जानकारी । मध्य प्रदेश की हर ख़बर सबसे पहले आपके पास, क्योंकि हम रखते हैं आपको हर पल के लिए तैयार। जुड़े रहें हमारे साथ और बने रहें अपडेटेड!