MP Corporation Boards Appointments: मध्य प्रदेश में निगम मंडलों में नियुक्तियों का इंतजार लंबे समय से हो रहा है. लेकिन ओबीसी आयोग में पूर्व मंत्री रामकृष्ण कुसमरिया को अध्यक्ष बनाए जाने के बाद अब इस बात की अटकलें तेज हो गई है कि मोहन सरकार निगम मंडलों में नियुक्तियां करने जा रही है. राजनीतिक गलियारों में चर्चा हो रही है कि दिल्ली में लिस्टतैयार हो चुकी है, केवल संगठन स्तर पर हरी झंडी मिलते ही ऐलान कर दिया जाएगा. खास बात यह है कि चुनाव हारे और लंबे समय से राजनीतिक क्षेत्र में लूप पर चल रहे बीजेपी नेताओं का भी इस बार निगम मंडलों के जरिए वापसी करना तय माना जा रहा है. जबकि कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आने वाले कुछ नेताओं को भी इस बार निगम मंडलों में जगह दी जा सकती है. यही वजह है कि सबकी नजरें इन नियुक्तियों पर टिकी है.
सीएम मोहन और हेमंत खंडेलवाल की हुई बातचीत
राजनीतिक सूत्रों का कहना है कि निगम मंडलों में संभावित नामों को लेकर बातचीत शुरू हो गई है. सीएम मोहन यादव और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल के बीच भी चर्चा हो चुकी है, इसी के बाद नामों को फाइनल किया गया है. भोपाल से बीजेपी ने लिस्ट दिल्ली में भाजपा आलाकमान को भेज दी है, जैसे ही इस लिस्ट को हरी झंडी मिलती है तो निगम मंडलों में नियुक्तियों की शुरुआत हो जाएगी. दरअसल, गुरुवार के सीएम आवास पर मुख्यमंत्री मोहन यादव, हेमंत खंडेलवाल और बीजेपी प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा के बीच बैठक हुई थी, जिसमें निगम मंडलों में नियुक्तियां होने पर ही चर्चा हुई है. क्योंकि लंबे समय से निगम मंडल खाली पड़े हैं, ऐसे में अब इंतजार ज्यादा हो रहा है.
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मध्य प्रदेश में 40 से ज्यादा पद खाली
दरअसल, मध्य प्रदेश में निगम-मंडल व बोर्डों में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के 40 से ज्यादा पद खाली है, क्योंकि तत्कालीन सरकार में हुई सभी नियुक्तियां रोक दी गई थी. वहीं माना जा रहा है कि अब इनमें ज्यादा देर नहीं की जाएगी. यही वजह है कि बुधवार को पूर्व मंत्री रामकृष्ण कुसमारिया को मप्र पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है, जिसके बाद इसे निगम मंडलों में औपचारिक शुरुआत भी माना जा रहा है. इसके अलावा कई नेता ऐसे हैं जो 2023 में विधानसभा का चुनाव हार चुके हैं या कई नेताओं को लंबे समय से चुनाव लड़ने का मौका नहीं मिला है. ऐसे में बीजेपी इन नेताओं को भी निगम मंडलों के जरिए वापसी कराकर राजनीतिक तरीके से फिर से एक्टिव करना चाहती है.
इन नेताओं को मिल सकती है जगह
कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आने वाले पूर्व मंत्री रामनिवास रावत, अरविंद भदौरिया, उमाशंकर गुप्ता, अंचल सोनकर, कमल पटेल, पूर्व विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया, ध्रुवनारायण सिंह, राकेश गिरी, केके त्रिपाठी जैसे नेताओं की वापसी हो सकती है, इनमें से ज्यादातर विधानसभा का चुनाव हार गए थे. वहीं बीजेपी संगठन में तैनात कुछ लोगों को भी नियुक्तियां कर सकती है, जिसमें लोकेंद्र पाराशर, महेंद्र यादव, आशीष अग्रवाल जैसे नामों की चर्चा सबसे ज्यादा चल रही है, क्योंकि यह नेता लंबे समय से संघ में एक्टिव हैं.
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