MP Assembly Session: मध्य प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र को लेकर लगातार सियासत हो रही है. इस बार विधानसभा का बजट सत्र 10 मार्च से शुरू होने वाला है, जो 15 दिन तक चलेगा और इसमें 9 बैठकें आयोजित होगी. लेकिन विधानसभा के इतिहास पर एक नजर डाली जाए तो पिछले कुछ सालों में सत्र लगातार छोटा हो रहा है, पिछले 25 सालों में बजट सत्र की अवधि लगातार कम हुई है. कभी 76 दिनों तक चलने वाला बजट सत्र अब महज 15 दिन तक सीमित हो गया है. इस बार बजट सत्र 10 मार्च से शुरू होगा उसमें भी होली की छुट्टियां शामिल हैं, ऐसे में बजट सत्र की अवधि को लेकर एमपी में सियासत भी जमकर हो रही है.
2001 में 76 दिन चला था सत्र
मध्य प्रदेश विधानसभा का पिछला सबसे लंबा बजट सत्र 2001 में 76 दिन तक चला था, जिसमें 27 बैठकें हुई थी. इसके बाद हर साल बजट सत्र की अवधि कम होती गई है. जिससे कई बार चर्चा अधूरी रह जाती है और कई प्रश्न-मामले सदन में उठ नहीं पाते. लेकिन 25 सालों में बजट सत्र लगातार कम होता गया है. इस बार बजट सत्र में केवल 9 बैठके होनी है, जिसमें 12 मार्च को मध्य प्रदेश का बजट पेश किया जाएगा.
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कांग्रेस ने किया विरोध
बजट सत्र की अवधि कम होने का मध्य प्रदेश में कांग्रेस लगातार विरोध भी कर रही है, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सत्र की सीमा को बढ़ाने की बात कही है, उन्होंने कहा कि बीजेपी बजट सत्र की अवधि कम करके लोकतंत्र की हत्या करने में लगी है. वहीं उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने कहा सत्र का केवल 9 दिन तक चलना यह बताता है कि यह सरकार जनहितेषी कार्यों में नहीं है. वहीं कांग्रेस के सीनियर विधायक और पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने तो इस बार सत्र का वहिष्कार तक करने की बात कही है. वहीं बीजेपी ने भी पलटवार किया है, बीजेपी के विधायकों का कहना है कि कांग्रेस मध्य प्रदेश में विपक्ष की भूमिका पूरी तरह से निभा ही नहीं पा रही है. इसलिए सत्र को लेकर निशाना साध रही है.
2020 के बाद घट रहा सत्र
दरअसल, साल 2020 में बजट सत्र सिर्फ एक दिन ही चला था, क्योंकि कोरोना के बाद यह स्थितियां बनी थी, वहीं उस वक्त तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने 20 मार्च को अपना इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद बीजेपी की सरकार बनी और कोविड के चलते केवल तीन दिन का ही बजट सत्र रखा गया था. जहां बजट पेश होने के बाद सत्र स्थगित कर दिया गया था. इस सत्र के बाद से ही मध्य प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र 20 दिन से ज्यादा नहीं चला है. कई बार हंगामें के चलते सत्र को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया. इस बार के भी सत्र के हंगामेदार होने के पूरे आसार नजर आ रहे हैं. ऐसे में सत्र अपनी पूरी अवधि करता है या नहीं यह देखना दिलचस्प रहेगा.
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